खूनी खेल खेलने में केवल सुनील राठी ही नहीं था, तीन शूटर और भी थे शामिल
लखनऊ । बागपत जेल में खूनी खेल खेलने में केवल सुनील राठी ही नहीं था। उसके तीन अन्य शूटर भी साथ थे। यह एसटीएफ के सीन आफ क्राइम में सामने आया है। सामने तो यह भी आया है कि जिस समय पहली गोली चलाई गई, उस समय वहां पर 11 बंदी खड़े थे। सुनील राठी और तीन अन्य बंदियों को छोड़कर बाकी सभी भाग गए थे। सूत्रों की मानें तो पहली गोली राठी के इशारे पर उसके एक शूटर बंदी ने चलाई। इसके बाद हंस-हंसकर सुनील राठी समेत चार लोगों ने मुन्ना बजरंगी को गोली मारी।
राठी के साथ खड़े थे ये कुख्यात
एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि मारा जा चुका कुख्यात प्रमोद राठी का भाई बागपत का गागनौली निवासी रवि, मुजफ्फरनगर के भौराकलां निवासी 50 हजारी हरीश का भाई आदेश, बागपत के खेकड़ा निवासी प्रशांत और सुनील राठी हत्या के समय मौका-ए-वारदात पर खड़े थे। पहली गोली सुनील राठी ने उपरोक्त तीनों में एक बदमाश से चलवाई, इसके बाद सुनील राठी ने पिस्टल शूटर से लेकर मैगजीन को खाली कर दिया।
हंस-हंसकर मारी गई गोली
जेल में एक नंबरदार से पूछताछ में सामने आया है कि चारों हंस-हंसकर गोली मार रहे थे। एक दूसरे से हाथ भी मिला रहे थे।
जांच में नाम सामने आएंगे तो मुकदमे में भी बढ़ाएंगे
मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार का कहना है कि हत्याकांड में अभी केवल सुनील राठी का नाम सामने आया है। उसने कुबूल भी कर लिया है। बाकी जांच चल रही है। यदि और नाम जांच में सामने आते हैं तो मुकदमे में नामजद किए जाएंगे।
शासन को भेजी रिपोर्ट
एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि लखनऊ एसटीएफ के अफसरों को प्रेषित रिपोर्ट में इन तीनों शूटरों के नाम शामिल हैं। अब लखनऊ स्तर के अधिकारियों को इन तीनों शूटरों पर फैसला लेना है। फिलहाल उन्हें नामजद नहीं किया गया है।
पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत पांच आरोपितों से होगी पूछताछ
माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में पुलिस 70 से अधिक लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। पुलिस जल्द ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत पांचों आरोपितों से पूछताछ करेगी। पुलिस सूत्रों की मानें तो इस हत्याकांड से पहले और बाद में राठी ने मोबाइल पर दर्जनों कॉल की हैं और वाट्सएप का इस्तेमाल किया। इस मामले में करोड़ों रुपये की सुपारी ली गई है। राजनीतिक कारणों समेत पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है। पुलिस अधिकारी आरोपित पूर्व सांसद धनंजय सिंह, प्रदीप कुमार उर्फ पीके, रिटायर डिप्टी एसपी जेएम सिंह, महराज सिंह और विकास उर्फ राजा से भी पूछताछ करने की तैयारी कर रहे हैं।
समर्थकों-विरोधियों में फेसबुक पर ‘जंग’
मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद उसके समर्थक और विरोधियों में फेसबुक पर जंग छिड़ी है। मुन्ना के फेसबुक पेज को 514 लोगों ने लाइक किया है। इस पेज पर दो पुराने फोटो अपलोड किए गए हैं। एक फोटो पर 204 लाइक, 12 कमेंट और पांच लोगों ने फोटो साझा किया है। सोशल साइट पर मुन्ना बजरंगी की यूथ ब्रिगेड भी संचालित हो रही है। इस पर उसके कई फोटो अपलोड हैं। एक वीडियो भी है। यह वीडियो दो मिनट की है।
सात समंदर पार तक फैला राठी का गिरोह
मुन्ना बजरंगी की हत्या करने के आरोपित हिस्ट्रीशीटर सुनील राठी के गिरोह के तार विदेश तक जुड़े हुए हैं। इसका पता उस समय चला था, जब उसके गुर्गों के साथ दक्षिणी अफ्रीका का युवक कचहरी पहुंच गया था। पुलिस ने उसे पकड़ लिया था। इसे लेकर उसके गुर्गों की पुलिस से कहासुनी हुई थी। मुन्ना हत्याकांड के बाद गिरोह के सदस्य भूमिगत हो गए हैं। पुलिस ताबड़तोड़ दबिश दे रही है, लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला रहा है। बागपत के टीकरी कस्बा निवासी सुनील राठी के पिता नरेश राठी की चुनावी रंजिश में वर्ष 1999 में हत्या कर दी गई थी। उसके बाद सुनील ने हथियार उठाए थे। जून 2001 में हरिद्वार में राठी पकड़ा गया था, तभी से सलाखों के पीछे है। 17 साल में तीन राज्यों यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली की करीब एक दर्जन जेलों में रह चुका है।
भाजपा विधायक ने कहा- मुख्तार को भी मिलेगी सजा
उत्तर प्रदेश में बैरिया विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक सुरेंद्र्र सिंह ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। विधायक ने माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या को सही करार देते हुए कहा है कि पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की आत्मा मुख्तार अंसारी को सजा जरूर देगी। मुख्तार अंसारी ने सैकड़ों बहनों के सुरेंद्र्र को धोया है। हजारों बच्चों के जीवन को संकट में डाला है पर उसका भुगतान अभी नहीं मिला है। सिंह ने कहा कि अंसारी को इस जन्म में तो सजा मिलेगी ही ईश्वर और अल्लाह की सत्ता सत्य होगी तो अगले जन्म में भी मिलेगी। मुन्ना बजरंगी के साथ परमात्मा ने जो भी कराया, उचित न्याय कराया। मुख्तार अंसारी, धनंजय सिंह, अतीक अहमद और शहाबुद्दीन जैसे लोगों को अपनी करनी का फल भुगतना पडे़गा और दुनिया देखेगी।
जेल रिकार्ड में गुम हुआ पिस्टल का सच
मुन्ना बजरंगी की हत्या में प्रयुक्त हुए पिस्टल का सच जेल के रिकार्ड में गुम हो गया। मुलाकात करने वाले लोगों का ब्योरा रखने वाले रजिस्टर में सुनील राठी से मुलाकात करने वाले लोगों का विवरण ही दर्ज नहीं है। सवालों के घेरे में आए जेल प्रशासन ने जांच एजेंसियों की मुश्किल बढ़ा दी है। मालूम हो गत सोमवार को बागपत जेल में कुख्यात सुनील राठी ने पिस्टल से गोलियां बरसाकर माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी थी। जेल में पिस्टल कैसे पहुंची, पुलिस और एसटीएफ इस सवाल का जवाब तलाशने में जुटी हैं। हत्याकांड की कड़ी तलाशने में जुटी जांच एजेंसियों ने शुक्रवार को जेल प्रशासन से सुनील राठी से मिलने वाले लोगों का ब्योरा मांगा। जब मुलाकात रजिस्ट्रर खंगाला गया तो पता चला कि उसमें चंद नाम ही दर्ज थे।