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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि तीन तलाक एक कुप्रथा थी लेकिन कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति के चक्कर में तीन तलाक के खिलाफ बने कानून का भी विरोध कर रही है

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन तलाक के खिलाफ बने कानून का विरोध कर रही कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस इस कानून का विरोध कर रही है। उन्होंने तीन तलाक के खिलाफ कानून को भारतीय मुस्लिम समाज के भीतर मौजूद एक बड़ी कुरीति को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम करार दिया। अमित शाह यहां श्यामाप्रसाद मुखर्जी शोध फाउंडेशन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

1985 में कुप्रथा को खत्‍म करने का मिला था मौका  अमित शाह ने कहा कि 1985 में कांग्रेस को तीन तलाक की कुप्रथा को खत्म करने का ऐतिहासिक मौका मिला था। तब सुप्रीम कोर्ट ने शाह बानो मामले में तीन तलाक को समाप्त करते हुए कहा था कि पत्‍‌नी को खर्चा देना अनिवार्य बनाया था। लेकिन, राजीव गांधी ने रूढि़वादी मुसलमानों के दबाव में और वोट बैंक के लिए अदालत के फैसले को पलट दिया था।

कांग्रेस के विरोध का औचित्‍य नहीं   शाह ने कहा, ‘आज भी, कांग्रेस को कोई शर्म नहीं है, वो कहते हैं कि वो तीन तलाक के पक्ष में हैं और इसे बना रहना चाहिए। क्यों? उनके पास कोई जवाब नहीं है। उन्होंने अपने रुख के लिए एक भी औचित्य नहीं दिया और केवल विरोध दर्ज करने के लिए तर्क दिया ताकि उनका वोट बैंक बरकरार रहे।’

इस्‍लाम विरोधी है तीन तलाक  तीन तलाक के खिलाफ कानून को मुस्लिम समाज के हित में बताते हुए अमित शाह ने कहा कि बदलते वक्त के साथ अपनी कुप्रथाओं को दूर करने वाला समाज निर्मल गंगा की तरह रहता है। तीन तलाक के खिलाफ कानून को इस्लाम विरोधी करार देने वालों को आड़े हाथों लेते हुए शाह ने कहा कि यदि ऐसा होता को 1922 से 1963 के बीच 18 इस्लामिक देश इसके खिलाफ कानून नहीं बनाते।

कुप्रथा को खत्‍म करने में 56 साल लग गए  अमित शाह ने कहा कि जिस कुप्रथा को मुस्लिम देश ने 1963 तक तिलांजलि दे दी थी, भारत में तुष्टीकरण और वोटबैंक की राजनीतिक के कारण उसे दूर करने में 56 साल लग गए। तुष्टीकरण, परिवारवाद और जातिवाद को लोकतंत्र का नासूर बताते हुए शाह ने कहा कि जनता ने 2014 में मोदी के नेतृत्व में भाजपा को पूर्ण बहुमत देकर इसके अंत की शुरूआत कर दी थी और 2019 में उससे अधिक सीट देकर इसके ताबूत में आखिरी कील ठोक दी।

सर्वे में मुस्लिम महिलाओं ने किया समर्थन  तीन तलाक के खिलाफ कानून की जरूरत बताते हुए शाह ने 2015 में भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की ओर से किए गए एक सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि सर्वे में 92.1 फीसदी मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक को खत्म करने की जरूरत बताई थी।

समाज सुधारकों में शामिल हुए नरेंद्र मोदी  केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि समाज में मौजूद कुप्रथाओं को दूर करने में राजाराम मोहन राय, ज्योतिबा फूले, महात्मा गांधी से लेकर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जैसे कई समाज सुधारकों ने अहम भूमिका निभाई थी। तीन तलाक जैसी कुप्रथा के खिलाफ कानून बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इन समाज सुधारकों की श्रेणी में शामिल हो गए हैं।

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