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कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के 11 विधायकों ने पद से दिया इस्‍तीफा, नौ और विधायकों के इस्तीफा देने की अटकलें

बेंगलुरु/नई दिल्‍ली। कर्नाटक विधानसभा स्पीकर को इस्तीफा सौंपने वाले 11 में से 10 विधायक चार्टर्ड विमान से मुंबई पहुंच गए हैं। कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, यह विमान एक भाजपा सांसद का था। सूत्रों ने बताया कि उन्हें वहां एक होटल में ठहराया गया है। इस्तीफा देने वाले एक कांग्रेस विधायक बीसी पाटिल ने दावा किया कि विधायकों को स्पेशल फ्लाइट से गोवा ले जाया गया है। वहीं, कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीएस येद्दयुरप्पा ने एक बयान जारी कर साफ किया कि अन्य विरोधी पार्टियों में हो रहे घटनाक्रम से उनकी पार्टी का को ई लेना-देना नहीं है।
नौ और विधायकों के इस्तीफा देने की अटकलें  कर्नाटक में जदएस-कांग्रेस सरकार गंभीर संकट में फंस गई है। दोनों दलों के 11 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय में जाकर इस्तीफा दे दिया है। हालांकि सरकार अभी भी बहुमत में है, लेकिन इन इस्तीफों के साथ यह अटकलें भी तेज हो गई हैं कि बहुत जल्द नौ और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं। ऐसे में अगले सप्ताह से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र तक राज्य सरकार बहुमत बरकरार रख पाएगी या नहीं, यह कहना मुश्किल है।
भाजपा ने कहा, सरकार बनाने को तैयार  मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी इस समय अमेरिका में हैं और रविवार को उनके स्वदेश लौटने की उम्मीद है। इस बीच, केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा कि अगर राज्यपाल ने आमंत्रित किया तो भाजपा राज्य में सरकार बनाने के लिए तैयार है। जबकि संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया इन इस्तीफों के पीछे हो सकते हैं क्योंकि वह नहीं चाहते कि वर्तमान सरकार चले। वह खुद दोबारा मुख्यमंत्री बनने की कोशिश कर रहे हैं।
इस्‍तीफा देने वालों में कांग्रेस के आठ, जेडीएस के तीन विधायक  कर्नाटक सरकार पहले ही दिन से आपसी टकराव और द्वेष की आग में झुलस रही है, लेकिन अब पानी सिर के ऊपर जाता दिख रहा है। कांग्रेस के एक विधायक ने कुछ दिनों पहले ही इस्तीफा दे दिया था। शनिवार को जिन 11 विधायकों ने पहले राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की और बाद में विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय जाकर इस्तीफा सौंपा उसमें कांग्रेस के आठ और जदएस के तीन सदस्य शामिल हैं।
दिग्‍गजों ने भी छोड़ा साथ  इस्तीफा देने वाले जदएस विधायकों में एच. विश्वनाथ भी हैं जो तीन दिन पहले तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे। समाचार एजेंसी ‘प्रेट्र’ ने विश्वनाथ के हवाले से इस्तीफा देने वाले विधायकों की संख्या 14 और विधानसभा सचिवालय के सूत्रों के हवाले से 13 (पहले इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायक समेत) बताई है। इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री और जदएस के वरिष्ठ नेता एचडी देवेगौड़ा ने कर्नाटक की गठबंधन सरकार पर मंडरा रहे राजनीतिक संकट पर कोई भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।
स्पीकर बोले, मंगलवार को करेंगे फैसला  अटकलों के मुताबिक अगर नौ और विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया तो प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस-जदएस की संयुक्त संख्या 100 तक सीमित हो जाएगी जबकि भाजपा की सदस्य संख्या 105 है। फिलहाल विधानसभा अध्यक्ष ने इस्तीफों पर कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होंने कहा है कि वह सोमवार तक बाहर हैं और कोई भी फैसला मंगलवार को कार्यालय आने के बाद लेंगे।
मुश्किल होगा बहुमत साबित करना  अगर राज्यपाल ने सरकार को सदन के अंदर बहुमत साबित करने का निर्देश दिया तो कुनबा समेटना और एकजुट रखना और मुश्किल हो सकता है। ऐसी स्थिति बनी तो नतीजा आने के बाद ही सरकार गठन का एक असफल प्रयास कर चुकी भाजपा के लिए फिर से रास्ता खुल सकता है। सूत्रों की मानी जाए तो प्रदेश स्तर पर तो भाजपा उत्साहित है, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व वर्तमान हालात में सरकार गठन से बचना चाहता है। यही संदेश नीचे तक दिया भी गया है।
आपसी झगड़े ने डुबोई नाव  पिछले एक-डेढ़ साल में कांग्रेस और जदयू के आपसी झगड़े ने दोनों संगठनों को पस्त कर दिया है। इस्तीफा देने वाले विधायक भी सरकार की असफलता पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। उनकी आड़ में खड़े होकर सरकार गठित करने से कालिख भाजपा पर लग सकती है। यही नहीं नई सरकार के स्थायित्व पर भी तलवार लटकती रहेगी। लिहाजा भाजपा नेतृत्व नया चुनाव ही चाहेगा। अगर ऐसा हुआ तो सरकार गिरने पर विधानसभा कुछ दिनों के लिए निलंबित हो सकती है।

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