कमलनाथ के करीबियों पर आयकर विभाग की रेड, सीआरपीएफ और पुलिस के बीच नोकझोंक
इंदौर। आयकर विभाग मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रातुल पुरी सहित उनके कई करीबियों के घर छापेमारी कर रहा है। सबसे पहले देर रात तीन बजे कमलनाथ के ओएसडी (निजी सचीव) प्रवीण कक्कड़ के घर छापा मारा गया। इसी के साथ उनके सलाहकार राजेंद्र मिगलानी के दिल्ली स्थित ग्रीन पार्क आवास पर भी छापेमारी जारी है। मिली ताजा जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अश्विन शर्मा के घर के बाहर मध्यप्रदेश पुलिस और सीआरपीएफ के जवान उलझ गए हैं। उनके बीच तीखी बहस होने लगी। हालांकि इनकम टैक्स विभाग की रेड जारी है। भोपाल के सिटी एसपी एच सिंह ने बताया कि हमें इनकम टैक्स की रेड से कोई लेनादेना नहीं है। यह एक रेसिडेंसियल कॉम्प्लेक्स है। जिसमें रहने वाले कई लोगों को मेडिकल सुविधाओं की जरूरत है इसलिए उनलोगों ने लोकल पुलिस को बुलाया है। जबकि रेड के दौरान इन लोगों ने पूरे कॉम्प्लेक्स को बंद कर दिया है। वहीं सीआरपीएफ अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि लोकल पुलिस हमें काम नहीं करने दे रही है। हमसे गलत तरीके से व्यवहार किया जा रहा है। हम सिर्फ अपने सीनियर अधिकारी का ऑर्डर फॉलो कर रहे हैं। सीनियर ने हमें कहा है कि हमें कोई अंदर नहीं आए। इसलिए हम कार्रवाई चलने तक आदेश का पालन कर रहे हैं। हम अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मिगलानी के घर नोट गिनने की मशीन और 2 बक्से लगाए गए है। IT सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक16 करोड़ रुपये बरामद किए गए है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली, भोपाल, इंदौर, गोवा सहित 50 ठिकानों पर ये छापेमारी की जा रही है। छापेमारी के दौरान प्रतीक जोशी के घर से भारी मात्रा में कैश बरामद किया गया है। ग्रेटर नोएडा स्थित मोजर बीयर कंपनी में भी आयकर विभाग के लगभग 20 अधिकारी छापेमारी के लिए पहुंचे अभी भी अधिकारी कंपनी के अंदर मौजूद हैं। दरअसल, बताया जा रहा है कि प्रवीण कक्कड़ के खिलाफ पहले से ही कई एजेंसियों द्वारा जांच चल रही थी। जब वो पुलिस अधिकारी थे तभी से उनपर कई जांच चल रही है।
कौन हैं प्रवीण कक्कड़ प्रवीण कक्कड़ ने साल 2004 में पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वो कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के ओएसडी बन गए थे। कहा जाता है कि कांतिलाल भूरिया को रतलाम झाबुआ सीट से प्रवीण कक्कड़ द्वारा बनाई गई रणनीति की वजह से ही जीत मिली थी। दिसंबर 2018 में वो कमलनाथ के ओएसडी बने थे। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इनकम टैक्स के अधिकारी जगह-डगह छापेमारी कर रहे हैं। इससे पहले आंध्र प्रदेश में भी कई नेताओं के घर छापेमारी की गई थी। जिसका विरोध करते हुए सीएम चंद्रबाबू नायडू ने धरना दिया था और पीएम नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया था कि उनके इशारे पर ही ये छापेमारी की जा रही हैं। इस मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आयकर विभाग अपना काम कर रहा है। गोपनीय जानकारी के आधार पर छापेमारी करना उसका सांविधानिक अधिकार है। सीआरपीएफ के जवान भी अपनी ड्यूटी कर रहे थे, उन्हें रोका गया। मध्य प्रदेश की पुलिस उनसे भिड़ गई। क्या मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जो पश्चिम बंगाल में किया, मध्य प्रदेश में भी वही खेल खेला जा रहा है। यह भ्रष्टाचारियों को बचाने की कोशिश है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि छापों में नकदी और संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए हैं। मुझे आश्चर्य है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री सहयोग करने के बजाय, आयकर विभाग की कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं।वहीं प्रवीण कक्कड़ के सीए अनिल गर्ग ने कहा कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने मुझसे मेरे मुवक्किल की ओर से जमा की गई आईटीआर की प्रतियों के लिए कहा था। इसीलिए मैं पिछले सात वर्षों की आईटीआर प्रतियां लाया हूं। आयकर विभाग ने जो आभूषण बरामद किए हैं उसके लिए मेरे मुवक्किल के पास सभी जरूरी दस्तावेज भी मौजूद हैं।