इमरान खान सरकार की सत्ता में एक साल पूरे होने पर पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली अपने चरम पर,सचिवालय की बिजली भी काटी गयी
इस्लामाबाद । भारत को परमाणु हमले की धमकी देने वाले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के सचिवालय में करोड़ों रुपये का बकाया बिल न चुका पाने के कारण बिजली कट गई है। कंगाली के चरम पर पहुंचे पाकिस्तान को रोटियों तक के लाले पड़ गए हैं। पड़ोसी मुल्क का वार्षिक वित्तीय घाटा पिछले तीन दशकों में सबसे अधिक हो गया है। इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार के सत्ता में एक साल पूरे होने पर पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली अपने चरम पर है। जबकि इमरान खान सत्ता में इस वादे के साथ आए थे कि पाकिस्तान के आर्थिक हालात सुधारेंगे।
समाचार एजेंसी के मुताबिक पाकिस्तान सरकार करोड़ों रुपये का बिजली का बिल चुकाने में नाकाम रही है। लिहाजा, 41 लाख रुपये से अधिक के बकाया बिजली बिल के चलते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सचिवालय की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। पिछले महीने बकाया बिजली बिल 35 लाख रुपये था। इस्लामाबाद इलेक्टि्रक सप्लाई कंपनी (आइईएससीओ) ने इस संबंध में बुधवार को ही नोटिस जारी किया है। आइईएससीओ के सूत्रों के अनुसार कई नोटिसों के बाद यह बिल नहीं चुकाया गया। अगर जल्द बिल नहीं चुकाया गया तो वह कनेक्शन ही काट देंगे। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान सरकार ने पिछले ही महीने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमश: 5.15 रुपये प्रति लीटर और 5.65 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। इससे वहां पेट्रोल की कीमत 117.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 132.4 रुपये प्रति लीटर हो गई। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के अलावा, मिट्टी का तेल और लाइट डीजल की कीमतों में भी क्रमश: 5.38 रुपये और 8.90 रुपये का इजाफा हुआ है। अब मिट्टी के तेल और लाइट डीजल की कीमतें क्रमश: 132.47 रुपये और 103.84 रुपये है। हालांकि पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में रोटी और नान की कीमतों में कमी की है। मौजूदा समय में अलग-अलग शहरों में नान की कीमत 12 रुपये से 15 रुपये तक है। जबकि एक रोटी 10 रुपये से 12 रुपये तक में मिल रही है।
एक साल में वित्तीय घाटा 2.3 फीसद बढ़ा पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में पाकिस्तान का वित्तीय घाटा 2.3 फीसद बढ़कर अब 8.9 फीसद हो गया है। जबकि पिछले साल वित्तीय घाटा 6.6 फीसद था। वित्तीय घाटा केंद्र सरकार के राजस्व और खर्च के बीच का अंतर होता है। कंगाल हो चुके पाकिस्तान का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) इस साल जून के अंत में 8.9 फीसद हुआ है। अपने देश की आर्थिक बदहाली पर पाकिस्तान के पूर्व आर्थिक सलाहकार डॉ. अशफाक हसन खान ने कहा, ‘मैंने अपने पूरे कैरियर में इतना बड़ा वित्तीय घाटा नहीं देखा।’ पाकिस्तान के पिछले आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक पाकिस्तानी रुपये में वित्तीय घाटे की धनराशि 3.445 लाख करोड़ रुपये (भारतीय मुद्रा में 1.75 लाख करोड़ रुपये) है। यह वित्तीय घाटा वर्ष 1979-80 में अब तक का सर्वाधिक है।
चीन, कतर और आइएमएफ से लिया बेलआउट पैकेज भारी नकदी संकट से गुजर रहे पाकिस्तान ने इससे उबरने के लिए चीन और कतर जैसे देशों से बेलआउट पैकेज लिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने मई में पाकिस्तान के लिए छह अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज मंजूर किया है। इसी महीने की शुरुआत में इस्लामाबाद को आइएमएफ से 99.14 करोड़ डॉलर कर्ज की पहली किस्त मिली थी।