सनातन धर्म को सर्वाेच्च शिखर तक ले जाने में महापुरुषों का अहम योगदानः श्रीमहंत रविंद्रपुरी
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म को सर्वाेच्च शिखर तक ले जाने में संत महापुरुषों का अहम योगदान है। महापुरुषों ने सदैव राष्ट्रीय धरोहर को संजोकर एक नई दिशा प्रदान की है। कनखल के संदेश नगर में स्थित श्री राम किशन आश्रम में ब्रह्मलीन महंत राम किशन गिरी महाराज की तेरहवीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित संत समागम को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत राम किशन गिरी महाराज एक महान संत थे। जिन्होंने सदैव निर्मल जल के समान जीवन व्यतीत कर धर्म के संरक्षण संवर्धन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के सचिव श्रीमहंत राम रतन गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत राम किशन गिरी महाराज त्याग एवं तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। ऐसे महापुरुषों का नाम इतिहास में सदैव स्मरण किया जाएगा। रामकिशन आश्रम के अध्यक्ष दिगंबर गंगागिरी महाराज ने कहा कि राष्ट्र को उन्नति की ओर अग्रसर करके धर्म के संरक्षण संवर्धन में योगदान देना ही महापुरुषों के जीवन का लक्ष्य है। युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर धर्म के प्रति जागृत करना और गौ सेवा एवं गंगा संरक्षण ब्रह्मलीन महंत राम किशन गिरी महाराज के जीवन का मूल उद्देश्य था। उनके द्वारा प्रारंभ किए गए समाज सेवा के प्रकल्प में लगातार बढ़ोतरी कर उनके अधूरे कार्यों को पूर्ण करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। दिगंबर गंगागिरी महाराज ने कहा कि राष्ट्र उत्थान में श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी अपनी सहभागिता लगातार निभाता चला आ रहा है और संत महापुरुष भारतीय संस्कृति की रीढ़ है जो विश्व पटल पर धर्म की पताका को संजोय हुए हैं। इस अवसर पर महंत प्रेमदास, दिगंबर आशुतोष पुरी, दिगंबर रघु वन, स्वामी पूर्णानंद गिरी, दिगंबर राजगीरी, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास, दिगंबर मधुर बन, दिगंबर रवि बन, स्वामी विनोद गिरी, स्वामी आलोक गिरी सहित बड़ी संख्या में संत महापुरुष उपस्थित रहे।