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आई आईटी रुड़की ने भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई), नोएडा के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए

रुड़की, 10दिसंबर 2021: आई आईटी रुड़की ने वाराणसी से साहिबगंजतक गंगा नदी के एक खंड के साथ 17 स्थानों पर नेविगेशन लचैनल के स्थिरीकरण पर भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई), नोएडा के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।यह समझौता सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आई आईटी रुड़की द्वारा गंगा पर पहले किये गए रूपात्मकअध्ययन (मॉर्फोलॉजिकल स्टडी) का अनुसरण करताहै।प्रोफेसर जेड अहमद, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आई आईटी रुड़की की ओर से समझौते के हस्ताक्षर कर्ता थे।

      परियोजना की लागत और अवधि क्रमशः 5.1 करोड़ रुपये और 25 महीने है। इस परियोजना में सड़कों और रेलवे जैसे अन्य सतह परिवहन साधनों के साथ एकीकरण के अवसरों के निर्माण और सुधार की परिकल्पना की गई है, ताकि विभिन्न सुसज्जित टर्मिनलों और घाटों के माध्यम से जलमार्गों को जोड़कर रसद श्रृंखला (लोजिस्टिक्स चेन ) की समग्र दक्षता में सुधार किया जा सके।

       जल मार्गविकास के उपाध्यक्ष,परियोजनानिदेशकऔरआईडब्ल्यूएआई की ओर सेसमझौते के हस्ताक्षर कर्ता श्री जयंतसिंह ने इस अवसर पर कहा, “जल मार्ग की अप्रयुक्त क्षमता को साकार करने के लिए एक एकीकृत परिवहन नेटवर्क प्रणाली के हिस्से के रूप में अंतर्देशीय जलमार्ग विकसित करने की हमारी प्रतिबद्धता है। अंतर्देशीय जलमार्गों पर यातायात में पिछले वर्षों में वृद्धि देखी गई है। आईडब्ल्यूएआई ने वित्त वर्ष 2030 तक अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) के माध्यम से माल ढुलाई (फ्रेट मूवमेंट) की हिस्सेदारी को 2% से 3% और यातायात (ट्रैफिक वॉल्यूम ) को लगभग 120 मिलियन टन तक बढ़ाने का प्रयास किया है। हमें विश्वास है कि आईआईटी रुड़की के साथ यह समझौता हमें हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने, और हितधारकों को व्यापार करने में आसानी (ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस ) प्रदान करने में सहायक होगा

       प्रो. जेड अहमद के अनुसार, “आईआईटी रुड़की अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक प्रमुख संस्थान है। देश के जलमार्गों के विकास के लिए आईडब्ल्यूएआई के साथ साझेदारी करते हुए हम गर्व और जिम्मेदारी की भावना महसूस करते हैं। हम देशहित में किफायती, भरोसेमंद, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल अंतर्देशीय जलमार्ग, और अर्थव्यवस्था के विकास के लिए समर्पित हैं”।

       समझौताज्ञापन (एमओयू)साइन होने के बाद निदेशक, आईआईटी रुड़की, अजीत के चतुर्वेदी ने कहा कि “दोनों संस्थान संयुक्त रूप से समझौता ज्ञापन के उद्देश्यों की प्राप्ति की दिशा में काम करेंगे। प्रौद्योगिकी और अनुसंधान में आई आईटी रुड़की की विशेषज्ञता के चलते मुझे विश्वास है कि इस साझेदारी से देश के विकास को लाभ होगा। राष्ट्र के जलमार्गों की मजबूत उन्नति सुनिश्चित करने और गंगा के किनारे रहने वाले व्यापारियों, किसानों और जनता को आर्थिक लाभ सुनिश्चित करने के लिए आईडब्ल्यूए आई के साथ सहयोग करने में हमें प्रसन्नता है। यह सहयोग लघु उद्योगों के विकास को बढ़ावा देगा, रोजगार के अवसर पैदा करेगा, औरमाल (कार्गो) केलिए आसान और कुशल परिवहन प्रदान करेगा, इस प्रकार छोटे जेटी (घाट) के माध्यम से रसद (लोजिस्टिक्स) में सुधार होगा।

      हस्ताक्षर के समय श्री जयंत सिंह, उपाध्यक्ष; श्री आशुतोष गौतम, सदस्य, तकनीकी; श्री रविकांत, मुख्य अभियंता; आईडब्ल्यूएआई से श्री ए के मिश्रा; प्रो पी के गर्ग, प्रो ए ए काज़मी, प्रो पी के शर्मा और प्रो जेड रहमान उपस्थित थे।

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