Uttarakhand

धर्मनगरी हरिद्वार में लगा कूड़े का अम्बार लगभग 2500 मीट्रिक टन कूड़ा जमा होने की संभावना

हरिद्वार: कांवड़ मेला संपन्न हो गया है और यात्री वापस जा चुके हैं, पीछे छूटे हैं कूड़े के ढेर। हरिद्वार के गंगा घाट हों या पार्किंग स्थल, हाईवे अथवा शहर की गलियां चारों ओर गंदगी के अंबार नजर आ रहे हैं। सड़कों पर दुर्गंध के कारण चलना तक दूभर हो गया है। अनगिनत कांवड़ें गंगा तट पर पड़ी हैं। नगर निगम अफसरों के अनुसार हरिद्वार में करीब 2500 मीट्रिक टन कूड़ा जमा है। इसे साफ करने के लिए नगर निगम को सफाई के लिए महाभियान चलाना पड़ रहा है। तीस स्वयं सेवी संस्थाओं के दो हजार स्वयं सेवकों की मदद ली जा रही है। कूड़े को एकत्र करने में एक सप्ताह से अधिक का समय लगेगा।

28 जुलाई से नौ अगस्त तक चली कांवड़ यात्रा के दौरान साढ़ तीन करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे। इस अपार जन सैलाब के बीच आस्था के बोझ तले नैतिकता कराहती रह गई। स्वच्छ भारत के संकल्प माना बिसरा दिए गए। आलम यह रहा कि यात्रा के दौरान जमकर पॉलीथिन का इस्तेमाल हुआ। गंगा स्वच्छता के लिए तैनात स्वयं सेवक भी यात्रियों को गंगा तट पर कूड़ा डालने से नहीं रोक पाए। नगर आयुक्त और अपर जिलाधिकारी राजस्व डॉ. ललित नारायण मिश्रा बताते हैं कि इतनी बड़ी तादाद में जमा कूड़े के निस्तारण के लिए निगम के संसाधन पर्याप्त नहीं हैं। इसीलिए अन्य विभागों और संस्थाओं से मदद ली जा रही है। इस महाभियान में निगम के 650 नियमित सफाई कर्मचारियों के अलावा अन्य विभागों 400 कर्मचारियों को भी लगाया गया है। सिडकुल की औद्योगिक इकाइयों की भी सहायता ली जा रही है।

सबसे बड़ी चुनौती कूड़े का निस्तारण  आम दिनों में हरिद्वार के निगम क्षेत्र में 200 मीट्रिक टन कूड़ा होता है, लेकिन 2500 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण निगम के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। दरअसल,  35 बीघा में फैले 19 करोड़ 37 लाख की लागत से बना कूड़ा निस्तारक संयंत्र एक वर्ष से तैयार है, लेकिन अभी इसमें काम शुरू नहीं हो पाया है। नगर आयुक्त डॉ. ललित नारायण मिश्रा भी मानते हैं कि यह बड़ी चुनौती है,  लेकिन इसके लिए औद्योगिक इकाईयों की मदद ली जा रही है। वह बताते हैं कि  कूड़े को बड़े-बड़े पॉलीथिन बैग में बंद कर इन्हें सराय गांव स्थित डंङ्क्षपग ग्राउंड में एकत्र किया जा रहा है।

कीटनाशकों का छिड़काव  इतनी बड़ी मात्रा में पसरे कूड़े के ढेर के कारण संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा भी पैदा हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कीटनाशकों का छिड़काव शुरू कर दिया है। प्रभारी सीएमओ डॉ एचडी शाक्य के अनुसार सभी चिकित्साधिकारियों को भी सजग रहने को कहा गया है।

इन के लगे हैं ढेर  प्लास्टिक-पॉलीथिन, गिले कपड़े, पुरानी कांवड़, चप्पल-जूते, डिस्पोजल क्राकरी, सड़ा-गला फल-फूल, सड़ी-गली खाद्य सामाग्री, खुले में जगह-जगह शौच

सहयोग दे रही संस्थाएं  -प्रेम नगर आश्रम, भूमा निकेतन, वन विभाग, उषा ब्रेको, स्पर्श गंगा, नेहरू युवा केंद, गुरुकुल कांगड़ी विवि, महिला महाविद्यालय कनखल, भारत स्काउट एंड गाइड, रोटरी क्लब, सेवा समिति, शिक्षा विभाग, वन विभाग, संगम हरिद्वार, आरोग्यम योग मंदिर,  बजरंग दल मां गंगा जागृति समिति, मां गंगा जागृति सेवा दल, जन सेवा युवा समिति आदि

 कूड़ा उठान के निगम के प्रबंध

-22 छोटे बड़े कूड़ा वाहन

-175 डस्टबिन

-दो ट्रांसफर स्टेशन

इन स्थानों पर ज्यादा गंदगी  -हरकी पैड़ी और व हरकी पैड़ी क्षेत्र  के 12 स्नान घाट, रोड़ी बेलवाला क्षेत्र, पंतद्वीप पार्किंग क्षेत्र, बैरागी कैंप क्षेत्र, सर्वानंद घाट  क्षेत्र, गुरुकुल कांगड़ी क्षेत्र, ज्वालापुर,-पुल जटवाड़ा, ऋषिकुल मैदान,राष्ट्रीय राजमार्ग।

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