अस्पताल में नहीं मिली ट्रॉली, पत्नी को गोद में उठा अल्ट्रासाउंड कराने ले गया पति
पटना । हम विश्व स्वास्थ्य दिवस मना रहे हैं। दूसरी ओर बिहार में मरीज को अस्पताल में स्ट्रेचर व ट्रॉली तक की मूलभूत सुविधा मयस्सर नहीं। एक ऐसा ही मामला शुक्रवार को पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में देखने को मिला। वहां इमरजेंसी से एक गंभीर महिला मरीज को अल्ट्रासाउंड के लिए सड़क पार आधा किलोमीटर दूर रेडियोलोजी विभाग तक ले जाने के लिए जब कोई सहायता नहीं मिली तो पति उसे गोद में ले जाने को मजबूर हुआ। घटना शुक्रवार सुबह करीब 10.30 बजे की है। इमरजेंसी में भर्ती पत्नी गुडिय़ा देवी को बेलवरगंज निवासी पति बिट्टू प्रसाद गंभीर हालत में गोद में लिए भागते हुए अस्पताल के ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ बिल्डिंग स्थित रेडियोलॉजी विभाग पहुंचे।बिट्टू प्रसाद ने बताया कि मरीज को जाने के लिए इमरजेंसी में ट्रॉली और ट्रॉली बॉय खोजा, लेकिन मदद नहीं मिली। टेंपो लेकर आने पर गार्ड ने चालक को फटकार लगा दी। ऐसे में गोद में लेकर आने के सिवा कोई चारा ही नहीं था। उन्होंने बताया कि रेडियोलॉजी विभाग आने पर डॉक्टर नहीं थे। कुछ देर बाद एक डॉक्टर आए और अल्ट्रासाउंड की प्रक्रिया शुरू हुई। घटना की बाबत अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आनंद प्रसाद सिंह ने कहा कि मरीज को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तक ले जाने और लाने के लिए ट्रॉली की सुविधा है। सेंटर दूर है, लेकिन इसी व्यवस्था में सब कुछ होना है। उन्होंने महिला मरीज को गोद में लेकर वहां जाने के मामला की जानकारी से इन्कार किया। हालांकि, जांच करा कार्रवाई का आश्वासन दिया।