Uttarakhand

हाईकोर्ट के 14 पेज के आदेश में दून की प्रमुख सड़कों पर पसरे अतिक्रमण की स्थिति बयां की गई

देहरादून : दून को अतिक्रमण मुक्त करने के हाईकोर्ट के 14 पेज के आदेश में दून का पूरा हाल बयां किया गया है। प्रमुख सड़कों पर पसरे अतिक्रमण की स्थिति बयां की गई है और इसके लिए जिम्मेदार सरकारी मशीनरी पर सवाल भी खड़े किए गए हैं। आदेश के दूसरे पृष्ठ में वर्ष 1910 में प्रकाशित एचजी वाल्टन के ‘गजेटियर ऑफ देहरादून’ के अनुसार दून का सुंदर वर्णन किया गया है, जबकि इसके बाद के पृष्ठों में आज के दून की बिगड़ती तस्वीर का उल्लेख किया गया है। आदेश में यह भी जिक्र किया गया है कि यहां भारतीय सैन्य अकादमी, ओएनजीसी जैसा संस्थान, वन अनुसंधान संस्थान, सर्वे ऑफ इंडिया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान व ऐतिहासिक चर्च हैं। जो रिस्पना नदी कभी शहर की शान थी, वह आज शासन संचालित करने वाले दून में ही सीवर ढोने का जरिया बन गई है।

आइए आपको बताते हैं इस पूरे आदेश में शहर की किन सड़कों पर अतिक्रमण के बारे में क्या कहा गया है।

चकराता रोड: चकराता रोड चौड़ीकरण के तहत तमाम दुकानों को ध्वस्त किया गया था और उन्हें अन्यत्र बसाया गया था। तब तय किया गया था कि मुख्य सड़क से कम से कम दो मीटर का सेट बैक छोड़ा जाएगा। हालांकि, धीरे-धीरे इस नियम की अनदेखी की जाने लगी। उदाहरण प्रस्तुत किया गया कि यहां पर मंदिर समिति की संपत्ति को ध्वस्त कर एमडीडीए कॉम्पलेक्स में समिति को दो दुकानें आवंटित की गई थी। जबकि अब उसी स्थान पर लोहे के एंगल के सहारे टिनशेड का निर्माण कर लिया गया है।

इसके सहारे खतरनाक ढंग से सड़क पर वाहन भी पार्क रहते हैं और कई अन्य दुकानों का अतिक्रमण भी पसरा है। इसी क्रम में प्रभात सिनेमा के अतिक्रमण का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा गया है कि इसे महफूज करने के लिए सड़क का एलाइनमेंट तक बदल दिया गया। चकराता रोड पर फुटपाथ की जगह पर बेतहाशा अतिक्रमण है और कहीं-कहीं फुटपाथ पर जनरेटर भी रखे गए हैं।

बिंदाल पुल के पास 12-15 टिनशेड डालकर अवैध दुकानें भी बनाई गई हैं। किशन नगर चौक व बल्लूपुर चौक पर भी यही आलम है, खासकर उत्तर स्वीट्स का जिक्र किया गया है। इसी तरह ओएनजीसी कम्युनिटी सेंटर के पास सड़क के दोनों तरफ के अतिक्रमण की बात कही गई है। इसमें स्टैंडर्ड बेकरी का नाम भी शामिल है।

गांधी रोड-सहारनपुर रोड: दर्शनलाल चौक क्षेत्र में 10-15 अवैध खोखा का निर्माण किया गया है, जिसमें विशेषकर रात के समय यातायात में बाधा पहुंचती है। प्रिंस चौक तक भी विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण पसरा है। आढ़त बाजार पर सरकार ने कुछ दुकानों का हिस्सा तुड़वाकर सड़क को चौड़ा करने की बात कही थी, मगर अभी भी हालात जस के तस हैं। इस बॉटलनेक के चलते घंटाघर से सहारनपुर चौक तक पहुंचने में 45 मिनट का समय लग जाता है।

राजपुर रोड: इस सड़क पर तमाम कॉम्पलेक्स में बेसमेंट में पार्किंग की जगह कमर्शियल गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। दिलाराम बाजार में फुटपाथ पर दुकानें सजी रहती हैं और अवैध खोखों की भरमार है। यहां पर फुटपाथ की चौड़ाई आठ फीट तक थी, जो घटकर काफी कम रह गई है।

नेहरू कॉलोनी: उत्तर प्रदेश के समय उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने आवासीय कॉलोनी के रूप में इसे विकसित किया था। जबकि बड़ी संख्या में यहां आवासीय भवनों को कमर्शियल रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। नगर निगम के 25 अप्रैल 217 के एक पत्र में इस बात को स्वीकार भी किया गया है।

हरिद्वार रोड: धर्मपुर क्षेत्र में अवैध फल-सब्जी की दुकानों की भरमार है, जो फुटपाथ व सड़क तक पसरी हैं। यहां की सब्जी मंडी को एलआइसी भवन के पास की सड़क पर शिफ्ट किया गया था। फिर भी दुकानों की पूरी तरह शिफ्टिंग नहीं हो पाई। इस कारण प्रमुख सड़क पर जाम की स्थिति बनी रहती है। आराघर में विभिन्न वर्कशॉप दो-तीन फीट सड़क की तरफ बढ़े हैं।

करनपुर बाजार: यह दून के पुराने बाजार में से एक है और 30 फीट चौड़ी सड़क आज अतिक्रमण की जद में आ चुकी है। सरकारी भूमि पर एटीएम खड़े हैं और यहां नाला भी कब्जा लिया गया है। वाहन सड़क पर खतरनाक ढंग से पार्क रहते हैं और क्षेत्र में स्थित माहेश्वरी स्वीट शॉप निर्धारित स्थल से 10 फीट आगे है।

पलटन बाजार: शहर के कोर एरिया प्रमुख स्थानों में एक पलटन बाजार, डिस्पेंसरी रोड, हनुमान चौक, सरनीमल बाजार, तहसील चौक व जामा मस्जिद क्षेत्र आता है और इस पूरे इलाके की नालियों पर अतिक्रमण पसरा है। इसके अलावा बाजार की सड़कों पर भी अवैध कब्जे हैं। जो सड़क पहले 30 फीट चौड़ी थी, वह आज 10 फीट रह गई है। कुछ समय पहले यहां एमडीडीए शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनाकर दुकानों को शिफ्ट किया था, फिर भी पुराने स्थलों पर दुकानें जस की तस हैं। खासकर 15-20 दुकानों ने डिस्पेंसरी रोड पर अतिक्रमण कर रखा है। इस दिशा में एमडीडीए, नगर निगम व प्रशासन स्तर पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है।

परेड ग्राउंड क्षेत्र: इस क्षेत्र में भी तमाम अवैध खोखों का निर्माण किया गया है। यही नहीं नगर निगम इस क्षेत्र में अवैध रूप से संडे बाजार संचालित कर रहा है। जिससे जाम की स्थिति विकट हो जाती है।

प्रेमनगर क्षेत्र: देहरादून कैंट बोर्ड के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र में पहले कच्ची दुकानों का निर्माण किया गया और फिर पक्के निर्माण कर दिए गए। स्थिति यह है कि यहां पर सड़क चलने लायक नहीं बची है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button