Uttarakhand
हमारे देश के वंचित बच्चे कोविड-19 के आपदा में शिक्षा के साथ जुड़े रहें यह बहुत जरूरी है – सुश्री ममता सैकिया
देहरादून। भारती एंटरप्राइजिस की लोकोपकारी संस्था, भारती फाउंडेशन यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि ग्रामीण भारत के छह राज्यों में इसके सत्य भारती स्कूलों में लगभग 40,000 छात्र राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बावजूद शिक्षा प्राप्त करते रहें। हालांकि गांवों में वंचित बच्चों के अधिकांश परिवारों के पास निजी कंप्यूटर नहीं है, लेकिन फिर भी फाउंडेशन ने यह सुनिश्चित किया है कि शिक्षक लोग स्मार्ट फोन के माध्यम से छात्रों तक पहुँचें। कक्षाओं के अनुसार व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गये हैं और कक्षा के अनुसार छात्रों को पाठ्यसामग्री, वीडियो लिंक और असाइनमेंट दिए जा रहे हैं।
सत्य भारती स्कूल के शिक्षक बच्चों के माता-पिता से फोन पर संपर्क कर रहे हैं और उन्हें कक्षा-वार व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल कर रहे हैं। शिक्षक लोग विभिन्न कक्षाओं के लिए गृह कार्य और साप्ताहिक कार्य तैयार करने के लिए घर से काम कर रहे हैं और उन्हें इन ग्रुप में साझा कर रहे हैं। जहां भी संभव है, वहां शिक्षक बच्चों के लिए ऑनलाइन लर्निंग ऐप्स का उपयोग कर रहे हैं। कुछ स्कूलों के शिक्षक छात्रों के लिए लघु वीडियो कक्षाएं भी बना रहे हैं। पढ़ नहीं सकने वाले अभिभावकों के लिए शिक्षक वॉयस-नोट्स बना रहे हैं और व्हाट्सएप पर भेज रहे हैं।
माता-पिता को घर पर उनके बच्चे की विद्याप्राप्ति प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल किया जा रहा है और वे शिक्षकों को अपने बच्चों के गृह कार्य और रिपोर्टों की तस्वीरें इन ग्रुप में भेज रहे हैं।
इस अवसर पर भारती फाउंडेशन की चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर सुश्री ममता सैकिया का कहना है, ’हमें खुशी है कि हमारी फील्ड टीम और शिक्षक पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और इन कठिन परिस्थितियों में अपना 100 प्रतीशत दे रहे हैं। यह देखना काफी सुखद है कि माता-पिता बहुत सहयोग कर रहे हैं और छात्र सीखने के लिए उत्सुक हैं। यह बहुत जरूरी है कि हमारे देश के वंचित बच्चे शिक्षा के साथ जुड़े रहें।’