गुजरात में धनी व नामचीन लोगों को हनीट्रैप का शिकार बनाकर करोड़ों रुपयों की ब्लैकमेलिंग का चल रहा गोरखधंधा
अहमदाबाद। गुजरात में धनी व नामचीन लोगों को हनीट्रैप का शिकार बनाकर करोड़ों रुपयों की ब्लैकमेलिंग का गोरखधंधा चल रहा है, भाजपा नेता पर दुष्कर्म के आरोपों की जांच कर रही सूरत पुलिस ने करीब 66 लोगों की पहचान की है, जो हनीट्रैप के शिकार होकर करोड़ों रुपये गंवा चुके हैं। भाजपा के पूर्व विधायक जयंती भानुशाली ने इसी आधार पर हाईकोर्ट के समक्ष अर्जी कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर रद करने की मांग की है। गुजरात पुलिस के समक्ष बीते कुछ वर्ष में नेता, उद्योगपति, बिल्डर, डॉक्टर व अन्य धनी व नामचीन लोगों को हनीट्रैप यानी प्रेमजाल में फंसाकर उनका अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने के कई मामले सामने आए हैं। भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक जयंती भानुशाली व उनके पुत्र से जुडे दो मामलों में भी ऐसी ही जानकारी सामने आ रही है। अहमदाबाद व सूरत की दो युवतियों ने भानुशाली के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत की थी। अहमदाबाद की मनीषा गोस्वामी हनीट्रैप व ब्लैकमेलिंग के आरोप में अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद है। दोनों ही मामले गुजरात उच्च न्यायालय में लंबित हैं। न्यायाधीश पीपी भट्ट की अदालत में भानुशाली ने खुद को हनीट्रैप का शिकार बताते हुए अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर रद करने की मांग की है। सूरत की युवती ने भानुशाली पर कॉलेज में प्रवेश दिलाने के बहाने दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है, अभी इस मामले की तहकीकात बाकी है लेकिन न्यायालय ने कहा कि अग्रिम जमानत से पहले ही एफआईआर रद कराने की अर्जी क्यों दी गई है। उधर, सूरत पुलिस ने बताया कि अकेले सूरत में करीब 66 लोग हनीट्रैप के शिकार होकर करोड़ों रुपये की ब्लैकमेलिंग में फंस गए हैं, राज्य के अन्य शहरों में भी ऐसे नेटवर्क होने की पूरी आशंका है। पुलिस का मानना है कि सोशल मीडिया व किसी मदद के बहाने लड़कियां व महिलाएं धनी व नामचीन लोगों के संपर्क में आती हैं, धीरे-धीरे करीबी बढ़ाकर बाद में उसके साथ बिताए अंतरंग पलों की अश्लील क्लिप बनाकर ब्लैकमेल करती हैं। भाजपा नेता भानुशाली को मनीषा गोस्वामी ने ऐसे ही फंसाया था लेकिन पुलिस ने उसे ऐन मौके पर धर लिया लेकिन अभी सूरत की युवती के मामले में पुलिस जांच कर रही है। पुलिस के सेवानिवृत अधिकारी केएम परमार बताते हैं कि हनीट्रैप की घटनाएं लंबे समय से गुजरात में हो रही हैं। इसके शिकार होने वाले अधिकांश लोग घर की इज्जत व परिवार में बिखराव को टालने के लिए पैसे देकर इससे निकलने की कोशिश करते हैं, लेकिन एक बार इस नेटवर्क में फंसने के बाद उससे बार-बार धन ऐंठा जाता है।