करोना काल में सरकार की लापरवाही सामने आईः मनीष कुमार
देहरादून। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति उत्तराखंड के केंद्रीय संयोजक व पूर्व राज्य मंत्री मनीष कुमार ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना वायरस से प्रदेश में हजारों लोग अपनी जान गवा बैठे हैं, परंतु राज्य सरकार अभी भी लापरवाह बनी हुई है देखने में आया है कि ब्लैक फंगस बीमारी के लिए उपयोग में आने वाला इंजेक्शन अभी भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है लोगों को इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं और इंजेक्शन के लिए भटकना पड़ रहा है ,स्वास्थ्य विभाग ब्लैक फंगस इंजेक्शन की आपूर्ति करने में नाकाम साबित हो रहा है इंजेक्शन महंगा भी है और और मिलना भी मुश्किल हो गया है, ब्लैक फंगस बीमारी से प्रदेश में रोज लोगों की जान जा रही है, परंतु सरकार व स्वास्थ्य विभाग अभी भी सतर्क व सजग नहीं है महामारी से लड़ने के लिए सरकार के पास कोई ठोस कार्य योजना ना होने के कारण प्रदेस में रोज लोग बिना इलाज व बिना दवाइयों के मर रहे हैं।
दूसरा 18 से 44 की उम्र वालों की वैक्सीनेशन की रफ्तार भी अभी भी सुस्त पड़ी हुई है जहां एक और निजी अस्पताल टीकाकरण के महंगे दाम वसूल रहे हैं लोगों को घंटों लाइनों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है ना तो उनके बैठने की व्यवस्था है और ना ही पीने के पानी की व्यवस्था है ,वहीं दूसरी ओर जो सरकार टीकाकरण कर रही है वह भी सीमित संख्या मैं है ,आबादी के हिसाब से टीकाकरण केंद्र बहुत ही काम है और वहाँ भी नंबर नहीं आ रहा है । इन सब की संपूर्ण जिम्मेदारी सरकार व स्वास्थ्य विभाग की है इनकी गलत नीतियों के कारण ही आज यह दिन देखने को मिल रहा है। कोरोना महामारी से मरने वाले गरीब लोगों के आश्रितों को 500000 प्रति परिवार आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराए राज्य सरकार, अधिकतर परिवारों के मुखिया इस महामारी में काल का ग्रास बन गए हैं , अब उनके परिवार के लालन पालन की समस्या सामने खड़ी हो गई है ऐसे में उदारवादी नीति अपनाते हुए राज्य सरकार तत्काल इन्हें आर्थिक सहायता मुहैया कराए ,यह मांग भी हम सरकार से करते हैं। हम सरकार से मांग करते हैं कि तत्काल ब्लैक फंगस के इंजेक्शन मरीजों को उपलब्ध कराएं ताकि उनकी जान बच सके और टीकाकरण केंद्र भी अधिक से अधिक बढ़ाएं और उनमें अधिक से अधिक वैक्सीन उपलब्ध कराएं ताकि इस महामारी से लोगों की जान बच सके। सरकार से इन सभी बिंदुओं पर तत्काल कार्यवाही करने की मांग करने वालों में मुख्य रूप से महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष सावित्री नेगी, विधि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष संदीप चमोली, सुशील बगासी ,चन्द्र मोहन कोठियाल ,सुनील सैनी ,अशोक मल्होत्रा, सुधीर चैधरी ,संतोष भारती, जहांगीर खान आदि थे।