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वैश्विक परिवार दिवसः ‘केयर और कम्पैशन’ के साथ नव वर्ष में प्रवेशः स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश। आज वैश्विक परिवार दिवस और नववर्ष के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने वैश्विक परिवार को नव वर्ष की शुभकामनायें देते हुये कहा कि ‘केयर और कम्पैशन’ (सुरक्षा और करूणा) के साथ नव वर्ष में प्रवेश करें। वर्ष 2020 में हमने जाना कि समस्या चाहे पर्यावरण प्रदूषण की हो या वायरस की वह सीमाओं से परे है तथा इन समस्याओं का समाधान ’ग्लोबल साॅलिडेरिटी’ (वैश्विक एकजुटता) से ही हो सकता है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि ‘‘अयं बन्धुरयंनेति गणना लघुचेतसाम्, उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्’’ और ’’अहिंसा परमो धर्मः’’ ये दो दिव्य सूत्र हैं जिस का अनुकरण कर वैश्विक स्तर पर एक परिवार के रूप में एकजुटता स्थापित की जा सकती है। अगर जीवन में एक धार्मिक चेतना, धार्मिक उद्देश्य और  धार्मिक विचारधारा रहे तो वह हर कदम पर पथ-प्रदर्शक का कार्य करती है। आध्यात्मिक चेतना मनुष्य कोे उसके आंतरिक सत्य से जोड़ती है, सभी से प्रेम करना सिखाती है, सभी के लिये न्याय तथा शांति की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करती है।
स्वामी जी ने कहा कि अहिंसा वह अस्त्र है जिससे सब कुछ जीता जा सकता है। अहिंसा ही नैतिक जीवन जीने का बेहतर तरीका भी है। यह एक आदर्श वाक्य ही नहीं, बल्कि प्राकृतिक नियम भी है। किसी भी समस्या का स्थायी समाधान चाहिये तो अहिंसा का मार्ग ही सबसे उत्तम मार्ग है। पूरी दुनिया में शांति, प्रेम, सत्य, अहिंसा और करुणा को बनायें रखने के लिये वैश्विक एकजुटता और विश्व एक परिवार है कि संकल्पना को साकार करना होगा। स्वामी जी ने कहा कि सम्पूर्ण मानव जाति वैश्विक परिवार का एक हिस्सा हैं। जिस प्रकार हम अपने परिवार में शान्ति, सुरक्षा और समृद्धि चाहते हैं उसी की शुरुआत  वैश्विक स्तर पर करना होगा। आज का दिन यह याद दिलाता है कि हम सभी शान्ति, अहिंसा और सद्भाव के साथ पहला कदम उठाकर आगे बढ़ने की शुरूआत करें। भारतीय संस्कृति में तो सार्वभौमिक नैतिक और एकता के सूत्र निहित हैं, उन सूत्रों का पालन करते हुये एक बेहतर विश्व और सार्वभौमिक परिवार की संकल्पना को साकार करने हेतु अपना योगदान प्रदान करें। आईये आज नववर्ष और वैश्विक परिवार दिवस के अवसर पर यह संकल्प लें कि हम सभी एकजुट होकर ‘पृथ्वी एक वैश्विक परिवार है’ इस भावना से इस दुनिया को सभी के रहने के लिये शान्तिपूर्ण और बेहतर बनाने में अपना योगदान प्रदान करें।

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