गृह मंत्रालय ने मौजूदा देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान कुछ और सेवाओं को अनुमति देने के लिए दिशानिर्देश किया जारी
नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने मौजूदा देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान कुछ और सेवाओं को अनुमति देने के लिए दिशानिर्देश जारी किया है। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियां, जलापूर्ति, सफाई के कार्य और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों और को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटीज का संचालन शामिल है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर इस संबंध में जरूरी कदम उठाने को कहा है। केंद्रीय गृह सचिव ने राज्यों में अनुसूचित जनजातियों और वन क्षेत्रों में वनों पर निर्भर लोगों से माइनर फॉरेस्ट और नॉन टिंबर फॉरेस्ट प्रोड्यूस को खरीदने व अन्य व्यवस्था करने को कहा है। तीन मई तक चलने वाले लॉकडाउन के दौरान इन गतिविधियों की मंजूरी रहेगी। गृह मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों को प्रारंभ करने, जलापूर्ति एवं सफाई, पावर ट्रांसमिशन लाइन बिछाने और टेलीकॉम ऑप्टिकल फाइबर व केबल बिछाने के काम करने की भी अनुमति दी है। हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों समेत विभिन्न गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों और माइक्रो फाइनेंस संस्थानों को भी न्यूनतम स्टाफ के साथ काम करने की मंजूरी होगी। बांस, नारियल, कोको और मसालों की खेती, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, बिक्री व मार्केटिंग को भी लॉकडाउन के दौरान अनुमति रहेगी। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि डाक विभाग ने राज्य के भीतर और एक से दूसरे राज्य तक डाक पहुंचाने की दिशा में भी पूरे समर्पण से काम किया है।
डाक विभाग ने 100 टन दवाओं की डिलीवरी की गृह मंत्रालय ने बताया कि डाक विभाग ने लॉकडाउन के दौरान 100 टन से ज्यादा दवाओं और अन्य मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति की है। विभाग ने फ्रेट फ्लाइट एवं डाक वाहनों के जरिये यह आपूर्ति की है। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि दो लाख से ज्यादा डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों ने विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाने में भी तत्परता से काम किया है। विभिन्न अस्पतालों एवं अन्य ग्राहकों तक 100 टन से ज्यादा दवाएं, टेस्टिंग किट और वेंटिलेटर आदि की आपूर्ति की गई है।