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गीता के स्वयंवर में शादी का ख्वाब लेकर पहुंचे युवक

इंदौर:  पाकिस्तान से आई मूक-बधिर गीता से शादी का ख्वाब लेकर गुरुवार को इंदौर पहुंचे चार युवकों से गीता ने कई तरह के सवाल पूछे जैसे- तुम्हारा घर कहां है? कितना बड़ा है? घर में कौन-कौन है? क्या काम करते हो और कमाते कितना हो? घर में खाना कौन बनाता है? वाहन कौन सा है? कितना पढ़े-लिखे हो और कौन से माध्यम में पढ़ाई की है? गीता ने सभी युवकों से सांकेतिक भाषा में काफी सवाल किए। जाते-जाते युवकों ने गीता से पसंद पूछी तो सभी को एक ही जवाब मिला ‘अभी सोचूंगी, विचार करंगी, फिर बताऊंगी’। गीता ने फिलहाल किसी भी युवक को हां नहीं कहा है। गीता से शादी करने के लिए इंदौर के बाणगंगा का आंशिक बधिर सचिन पाल, टीकमगढ़ से सरकारी अफसर मूक-बधिर गुर नामदेव, गुजरात से मूक-बधिर रितेश पटेल व माता-पिता के साथ भोपाल के दिव्यांग राजकुमार स्वर्णकार पहुंचे थे। युवक 10 बजे परदेशीपुरा स्थित समाज कल्याण परिसर पहुंच गए थे, जबकि गीता प्रशासनिक अधिकारी व मूक बधिर संगठन के सदस्यों के साथ ढाई घंटे देरी से 12.30 बजे पहुंची। उसने हर उम्मीदवार से घर परिवार, तनख्वाह, मकान, परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी ली। हर युवक से करीब 10 मिनट तक मुलाकात की। गीता ने सभी को सोचकर बताने का आश्वासन दिया। टीकमगढ़ के युवक को रोककर रखा गया है क्योंकि यह उम्मीदवार अधिकारियों को विचार करने के लिए बेहतर लगा। गीता की सांकेतिक भाषा का अनुवाद मोनिका पंजाबी, मोनिका पुरोहित व ज्ञानेंद्र पुरोहित ने किया।

सभी से मिलने के बाद करूंगी फैसला  गीता ने सांकेतिक भाषा में कहा कि सभी युवकों से मिलने के बाद विचार करूंगी। जो बेहतर होगा उसके लिए सहमति दूंगी। मेरी प्राथमिकता मूक-बधिर युवक हैं लेकिन उसे मेरे माता-पिता को तलाशने में मदद करना होगी।

माता-पिता को तलाशना प्राथमिकता  गीता ने मीडिया के सामने यह कहकर कुछ देर के लिए सनसनी भी फैला दी कि शादी वगैरह तो ठीक है। पहले मुझे मेरे माता-पिता को तलाशना है। शादी के बाद माता-पिता मिले तो वे डांटेंगे कि उनके बिना ही शादी कर ली। हालांकि बाद में गीता ने बात को संभाला और कहा कि शादी करूंगी लेकिन जल्दबाजी में नहीं।

सरकार नहीं ढूंढ सकी, तो हम कहां ढूंढेंगे: सचिन  मशीन ऑपरेटर सचिन ने कहा कि गीता की माता-पिता ढूंढने की जिद ठीक नहीं है। जब सरकार लाखों रुपए खर्च करके नहीं ढूंढ सकी, तो हम दो हजार रुपये कमाने वाले कहां से ढूंढेंगे। उसे लड़के के माता-पिता को ही अपना माता-पिता मान लेना चाहिए।

माता-पिता को ढूंढने का शपथपत्र लेकर आया युवक  भोपाल से माता-पिता के साथ आया दिव्यांग राजकुमार स्वर्णकार अपने साथ शपथपत्र लाया था कि वह गीता के माता-पिता को तलाशेगा। पिता प्रेमनारायण ने कहा कि अगर वह हमारे घर की बहू बनेगी तो खुशी होगी।

हां किया तो काफी खुशी होगी एक्साइज विभाग में पदस्थ टीकमगढ़ के मूक-बधिर गुर नामदेव ने कहा कि गीता से कई दिनों से मिलने की इच्छा थी। अगर वह शादी के लिए हां करती है तो काफी खुशी होगी। वहीं गुजरात के रितेश पटेल ने कहा कि घबराहट के कारण मैं गीता से ज्यादा बात नहीं कर पाया।

आज भी करेगी मुलाकात शुक्रवार को गीता से आठ युवकों का मिलना तय हुआ था लेकिन अब छह ही आएंगे। आवेदन करने के बाद एक युवक की शादी हो गई जबकि दूसरे ने आने से इन्कार कर दिया है। गीता के लिए कुल 14 युवकों का चयन किया गया था। गुरुवार को छह आने थे लेकिन चार ही पहुंचे। एक ने पहुंचने से इन्कार कर दिया और दूसरे को सूचना नहीं मिल पाई।

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