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एक ऐसा गांव जहां हरेक व्‍यक्ति की जन्‍मतिथि 1 जनवरी है

यमुनानगर। जिले का एक गांव है उन्‍हेड़ी। आबादी करीब साढ़े चार हजार। सब कुछ अन्‍य गांवों जैसा है यहां, लेकिन अचानक यह चर्चित  हो गया है और कमाल का गांव बन गया है। ऐसा गांव जहां हरेक व्‍यक्ति की जन्‍मतिथि 1 जनवरी है। और, यह कमाल हुआ है कर्मचारियों की लापरवाही के कारण। आधार कार्ड बनाने के लिए पहुंचे कर्मचारियों ने ऐसी गफलत की, कि पूरे गांव के लोगों की जन्‍मतिथि बदल गई। सभी के आधार कार्ड पर 1 जनवरी की जन्‍मतिथि दर्ज कर दी गई। कार्ड जब घर पहुंचे तो लोगों ने इस पर ज्‍यादा गौर नहीं किया। धीरे-धीरे पता चला कि एक, दो या दस नहीं, बल्कि गांव में लगे कैंप में जिसने भी कार्ड बनवाया था सबकी जन्‍मतिथि बदल गई।

आधार ने बदल दिया उन्हेड़ी गांव के चार हजार लोगों का जन्मदिन, पांच साल से लगा रहे दफ्तरों के चक्‍कर  अब लोग आधार कार्ड पर जन्‍मतिथि सही करने की गुहार लगा रहे हैं तो अफसर टालमटोल कर रहे हैं और एक के दूसरा दस्‍तावेज दिखाने को कह रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार, अफसर कहते हैं कि पहले अपने असली दस्‍तावेज दिखाओ, तब ये रिकॉर्ड बदलेगा। ग्रामीणों का कहना है कि जब कैंप लगाकर कार्ड बनाए जा सकते हैं तो कैंप लगाकर ही ये गलती भी सुधारी जा सकती है। दैनिक जागरण की पहल पर डीसी गिरीश अरोड़ा ने ग्रामीणों की समस्या को गंभीर मानते हुए राहतपूर्ण कदम उठाने जाने का भरोसा दिया है। प्रदीप कुमार बताते हैं कि उनकी वास्तविक जन्म तिथि 8 मई 1968 है। आधार कार्ड में 8 मई को बदल कर पहली जनवरी कर दिया गया है। जिस दिन उनके पास आधार कार्ड आया, उसी दिन संबंधित कर्मचारियों से इस बारे में संपर्क किया। कर्मचारियों ने  यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अन्य सभी दस्तावेजों में उनकी जन्मतिथि 8 मई है। आधार कार्ड बनवाते समय सही तिथि ही बताई थी। इसी तरह, गांव के रामबीर सिंह चौहान ने बताया कि उनकी वास्तविक जन्मतिथि 2 फरवरी 1970 है। आधार कार्ड में 2 फरवरी को 1 जनवरी कर दिया गया। यह आधार कार्ड बनाने वाले कर्मचारियों की लापरवाही के कारण हुआ है। केवल उनका ही नहीं, बल्कि गांव में बच्चे से लेकर बड़े-बूढ़े तक, सभी के आधार कार्ड में यह गलती है। काहन सिंह का कहना है कि उनकी जन्म तिथि 7 मार्च, 1956 है। उनके साथ भी वही हुआ, जो गांव के अन्‍य लोगों के साथ हुआ।

गलती न सुधारी तो ये दिक्‍कत आएगी  बैंक में खाता खुलवाना हो, पेंशन लेनी हो या फि‍र अन्‍य कोई सरकारी काम हो, सभी में आधार कार्ड भी मांगा जा रहा है। दो दस्‍तावेजों में अलग-अलग तिथि होने पर आवेदन खारिज हो सकता है। लोगों का कहना है कि जब उनकी गलती नहीं है तो उन्हें क्‍यों परेशान किया जा रहा है। सुखदेव सिंह ने बताया कि पहले सोचा था कि शायद मेरे ही आधार कार्ड में ही यह गलती हो गई है, लेकिन बाद में पता चला कि गांव में लगभग सभी के आधार कार्डों में यह गलती है।

जिला सूचना अधिकारी का जवाब- आधार केंद्र पर आकर ठीक कराओ  जिला सूचना अधिकारी अरविंद जोत सिंह का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में है। पूरे गांव की जन्मतिथि ठीक नहीं करा सकते। इसका डेटा हैदराबाद में होता है। कार्ड धारक को खुद की आधार केंद्र पर जाकर दस्तावेज दिखाकर कार्ड ठीक कराना होगा। आधार कार्ड केंद्र में जाकर जन्मतिथि को दुरुस्त करने के लिए दस्तावेज देना होता है। इस दस्तावेज को अपलोड करने के बाद 10 दिन में कार्ड पर जन्मतिथि दुरुस्त हो जाती है।

अफसरों को बताया था पर संज्ञान नहीं लिया : सरपंच  गांव की सरपंच पूनम रानी का कहना है कि पांच साल पहले गांव में ही आधार कार्ड बनवाए गए थे। इस बारे में कई बार अधिकारियों को बताया, लेकिन किसी ने इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। अब यह मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया जाएगा।

अब इस तरह ठीक होगी ये गलती  इस गलती को ठीक कराने के लिए आधार कार्ड केंद्र पर जाना होगा। यहां पर अपना कोई दूसरा दस्‍तावेज दिखाना होगा, जिस पर जन्‍म तिथि सही अंकित हो। इस प्रमाणपत्र से संतुष्‍ट होने के बाद ही आधार कार्ड केंद्र से इसे ठीक किया जाएगा। इसके लिए 25 रुपये का शुल्‍क लगेगा। 15 दिन बाद  यह गलती ठीक हो जाएगी और बाद में नया आाार कार्ड बनकर आ जाएगा।

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