बर्फ के बीच बने आस्था पथ से हेमकुंड पहुंच रहे श्रद्धालु
चमोली। हेमकुंड साहिब के कपाट शनिवार को विधिविधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। श्रद्धालु बर्फ के बीच बने आस्था पथ से चलकर हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेकने पहुंच रहे हैं। पहले दिन 3200 श्रद्धालु पहुंचे थे।
वहीं, चारधामों के साथ ही हेमकुंड साहिब में भी रील्स व वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध रहेगा। हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने कहा कि गुरुद्वारे के इर्द-गिर्द किसी भी प्रकार की रील्स व वीडियोग्राफी नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी हेमकुंड साहिब और आस्था पथ पर काफी बर्फ है, लिहाजा बुजुर्ग, छोटे बच्चे व बीमार व्यक्ति कुछ समय के लिए यात्रा से परहेज करें। मौसम अनुकूल होने पर ही यात्रा पर आएं। उन्होंने कहा कि जो श्रद्धालु हेमकुंड साहिब आने में असमर्थ हैं, उनके लिए टेलिविजन पर पीटीसी सिमरन पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। वहीं, हेमकुंड साहिब के आस्था पथ पर पिछले एक माह से बर्फ हटाने में जुटे सेना की 418-स्वतंत्र इंजीनियरिंग कोर के सैन्य अफसरों और जवानों को हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट की ओर से शॉल और कृपाण भेंट कर सम्मानित किया गया। यात्रा मार्ग घांघरिया से दो किमी आगे अटलाकोटी ग्लेशियर प्वाइंट से हेमकुंड साहिब (चार किमी) तक बर्फ से ढका हुआ था। 23 अप्रैल से हेमकुंड साहिब मार्ग से बर्फ हटाने का काकपाट खुलने के बाद हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने कर्नल विरेंद्र औला, ब्रिगेडियर एमएस ढिल्लो सहित जवानों को शॉल व कृपाण भेंट कर सम्मानित किया।म शुरू हुआ। सेना के 35 जवानों और सेवादारों द्वारा एक माह के भीतर आस्था पथ से बर्फ हटा ली गई।