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देश में चल रहे विरोध-प्रदर्शन बंद हो जाएंगे, अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह एनआरसी का विचार छोड़ देंः-शशि थरूर

कोझिकोड। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि मुसलमानों से अपनी नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेजी सुबूत मांगे जाएंगे। नए नागरिक कानून के खिलाफ देश में चल रहे विरोध-प्रदर्शन बंद हो जाएंगे, अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह यह आश्वासन दें कि एनआरसी का विचार छोड़ देंगे। और घर-घर जाकर मां-बाप का कहां पैदा हुए थे, इसका दस्तावेजी सुबूत नहीं मांगेंगे। केरल के लिट्रेचर फेस्टिवल में शशि थरूर ने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के दौरान भी मुसलमानों से उनकी नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज पेश करने को कहे जाएंगे। गृह मंत्री ने साफ तौर पर सीएए और एनआरसी को बांध दिया है। सीएए में कहा गया है कि अगर आप साबित कर देंगे कि आप इन देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) से हैं तो आपकी नागरिकता को फास्ट ट्रैक कर दिया जाएगा।

प्रत्येक भारतीय से मांगे जाएंगे दस्तावेज: थरूर शशिथरूर ने दोनों मुद्दों का घालमेल करते हुए कहा कि प्रत्येक भारतीय से दस्तावेज मांगे जाएंगे। 65 फीसद भारतीय के पास उनके जन्म प्रमाणपत्र नहीं हैं। अगर हिंदू, सिख, पारसी, ईसाई और बौद्धों के पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं होगा तो उन्हें किसी और बात के लिए मंजूरी दे दी जाएगी। जबकि बिना दस्तावेज वाले मुसलमानों से पूछा जाएगा कि हम कैसे मान लें कि आप पाकिस्तान से नहीं हैं। उनसे यह साबित करने को कहा जाएगा कि वह यहीं जन्मे थे।तिरुअनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा कि पीएम को यह आश्वासन देना चाहिए कि आपके नामों के खिलाफ संदिग्ध नागरिकता लिखने के अधिकार वह अधिकारियों को नहीं देंगे। लेकिन मोदी और शाह यह सभी आश्वासन देने को तैयार नहीं हैं। इससे उनके इरादों का पता चलता है। वह भारत में रह रहे लोगों की पहचान करना चाहते हैं।

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