National

250 से तीन हजार रुपये तक होगा देश की पहली बुलेट ट्रेन का किराया, रोजाना लगाएगी 70 फेरे

 नई दिल्ली। अहमदाबाद और मुंबई के बीच चलने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन रोजाना 70 फेरे लगाएगी। इसके लिए कई रैक का प्रयोग किया जाएगा। ज्यादा फेरों का मकसद बुलेट ट्रेन को घाटे से बचाना है। इसके लिए यात्रियों को 250 रुपये से लेकर 3000 रुपये तक के कई किराया पैकेज पेश किए जाएंगे। बुलेट ट्रेन का निर्माण इस साल दिसंबर से शुरू होकर 2022 के अंत तक समाप्त होने की उम्मीद है। नेशनल हाईस्पीड रेल कारपोरेशन (एनएचएसआरसी) के प्रबंध निदेशक अचल खरे के अनुसार आज की बाजार स्थिति के अनुसार मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का किराये की दृष्टि से दो हिस्सों में बांटने का निर्णय लिया गया है। एक अहमदाबाद से मुंबई के पहले बाहरी स्टेशन तक और दूसरा मुंबई के बाहरी स्टेशन से अंतिम भीतरी स्टेशन तक। पहला पैकेज 3000 रुपये का होगा। जबकि भीतरी पैकेज की कीमत केवल 250 रुपये होगी। इसमें सात मुंबई और आसपास के सात स्टेशन कवर होंगे। इसे उन स्थानीय लोगों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है जो थाणे से बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स के बीच आवागमन के लिए रोजाना टैक्सी का उपयोग करते हैं और 550-650 रुपये खर्च करने के बावजूद ट्रैफिक जाम का शिकार होते हैं। इन लोगों को बुलेट ट्रेन महज 15 मिनट में गंतव्य पहंुचाएगी। बुलेट ट्रेन 200 किलोमीटर की औसत तथा 320 किलोमीटर की अधिकतम रफ्तार पर चलेगी। बुलेट ट्रेन दस-दस मिनट के अंतराल पर चलेगी। प्रत्येक ट्रेन में 10 स्टेंडर्ड कोच होंगे। रोजाना सत्तर फेरे लगाने के लिए इस तरह की 35 ट्रेने रोजाना चलाने का प्रस्ताव है। खरे ने उम्मीद जताई कि लगभग 40 हजार लोग रोजाना बुलेट ट्रेन का उपयोग करेंगे।बिजनेस क्लास में खाना सर्व किया जाएगा और इसकी कीमत टिकट में शामिल होगी। जबकि इकोनामी क्लास में यह वैकल्पिक होगा और इसके लिए अलग से भुगतान करना होगा।

बुलेट ट्रेन का निर्माण इसी वर्ष दिसंबर से प्रारंभ हो जाएगा। पूरी परियोजना में केवल समुद्र के नीचे 21 किलोमीटर सुरंग वाले हिस्से का निर्माण जापानी कंपनियां करेंगी। जबकि एलीवेटेड 460 किलोमीटर का एलीवेटेड और जमीनी हिस्सा भारतीय कंपनियां बनाएंगी। खरे के अनुसार, ‘जापानी शिकांशेन की भांति भारतीय बुलेट ट्रेन भी सुरक्षा और समय पालन के मामले में मानक स्थापित करेगी। इसके लिए 360 कर्मचारियों को जापान में प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है। इनमें से 80 को शिंकांशेन बुलेट ट्रेन में वास्तविक ट्रेनिंग दी जाएगी। बुलेट ट्रेन को अमली जामा पहनाने के लिए करीब 80 जापानी अधिकारी भारत में काम कर रहे हैं।’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button