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देश के 15 राज्यों के 25 जिले कोरोना को मात देने में रहे सफल, पिछले 14 दिनों से कोरोना का एक भी नया केस आया नहीं सामने

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से प्रभावित जिलों की संख्या भले ही बढ़कर 354 हो गई हो, लेकिन इनमें से 25 जिले ऐसे भी हैं, जो कोरोना को मात देने में सफल रहे हैं। 15 राज्यों में फैले इन जिलों में पिछले 14 दिनों से कोरोना का एक भी नया केस सामने नहीं आया है। इसके साथ ही जहां एक ओर कोरोना का नए मरीजों की बढ़ोतरी की रफ्तार थमी है, तो दूसरी ओर ठीक होकर घर जाने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है।

नियमों का कड़ाई से पालन करने पर कोरोना के प्रभाव से मुक्‍त हुए 25 जिले स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि शुरूआत में ही कोरोना के कहर का शिकार बनने वाले जिले कंटेनमेंट प्लान, कांटैक्ट ट्रेसिंग और संदिग्धों को आइसोलेशन में रखने के नियमों का कड़ाई से पालन कर इससे बाहर आ चुके हैं। 14 दिन से कोई नया केस सामने नहीं आने का मतलब है कि एक तरह से ये जिले कोरोना के प्रभाव से मुक्त हो चुके हैं। इन जिलों में बिहार के नालन्दा, पटना मुंगेर, हरियाणा के पानीपत, सिरसा व रोहतक, उत्तराखंड का पौढ़ी-गढ़वाल, जम्मू-कश्मीर का रजौरी, पंजाब का एसबीएस नगर और छत्तीसगढ़ के राज नंदगांव, दुर्ग व बिलासपुर जिले शामिल हैं। लव अग्रवाल ने कहा कि इन जिलों में आगे भी लगातार सतर्कता बरती जा रही है, ताकि भविष्य में कोरोना का मामले नहीं आ सके।

घर जाने वालों की संख्‍या तेजी से बढ़ी  कोरोना के मामले में दूसरी अच्छी खबर यह है कि इससे ठीक होकर घर जाने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अब तक कुल 857 लोग इस बीमारी से ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। इनमें 354 लोग पिछले तीन दिन में ठीक हुई है। पिछले 24 घंटे में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 141 हैं। वैसे कोरोना से मरने वाले मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और यह आंकड़ा बढ़कर 308 हो गया है। लेकिन मरने वालों में 86 फीसदी ऐसे लोग हैं, जो पहले से किडनी, दिल, लीवर, बीपी या फेफड़े कीका बीमारी से गंभीर से ग्रसित रहे हैं।

तब्लीगी जमात के असर को भी कम करने में सफलता मिली लॉकडाउन और कंटेनमेंट प्लान के कड़ाई से लागू किये जाने के कारण कोरोना वायरस के प्रसार पर तब्लीगी जमात के असर को भी कम करने में सफलता मिली है। तब्लीगी जमात के लोगों की बड़ी संख्या में कोरोना पोजेटिव पाये जाने के कारण देश में कोरोना के मरीजों की संख्या महज चार दिन में दोगुनी हो रही थी। उस समय लव अग्रवाल ने कहा था कि यदि तब्लीगी जमात के मरीजों की संख्या को निकाल दिया जाए, तो मरीजों की संख्या दोगुनी होने में औसतन 7.4 दिन लगते। ताजा आंकड़ों के अनुसार तब्लीगी जमात के मरीजों की संख्या को मिला लें तो भी कोरोना के मरीजों की संख्या दोगुनी होने में औसतन सात दिन लग रहे हैं, जो एक अच्छा संकेत है।

पिछले 24 घंटों में 905 नए मामले और 51 मौतें हुईं उन्‍होंने बताया कि देश में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 9352 हो गई है। इसमें 8048 सक्रिय मामले हैं। 980 ठीक हो गए हैं। अब तक 324 लोगों की मौत हुई है। पिछले 24 घंटों में 905 नए मामले मिले हैं और 51 मौतें हुईं हैं।

छह हफ्ते का बचा है जांच किट  देश में कोरोना के वायरस की जांच के लिए छह हफ्ते का किट ही बचा है। हर दिन लगभग 15 हजार कोरोना के टेस्ट हो रहा है। इस तरह से देंखे तो देश में मौजूदा समय में लगभग छह लाख किट ही बचे हैं। यदि संदिग्धों की संख्या में अचानक बढ़ती है और बड़ी संख्या में टेस्ट कराने की जरूरत पड़ती है, तो दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। वैसे आइसीएमआर के डाक्टर रमन गंगाखेड़कर ने भरोसा दिया कि दो-तीन दिन में नए किट की खेप भारत आनी शुरू हो जाएगी। भारत ने विदेशी कंपनियों को 36 लाख किट का आर्डर दिया है। इसके अलावा 10 लाख किट विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी मांगा गया है। लेकिन दुनिया भर में टेस्ट किट की भारी मांग के कारण इसके आपूर्ति में कठिनाई आ रही है।

सभी ट्रकों और गुड्स कैरियर की इंटर स्टेट या इंट्रा स्टेट की आवाजाही पर कोई रोक नहीं गृह मंत्रालय की संयुक्‍त सचिव पुण्‍य सलिला श्रीवावास्‍तव ने कहा कि सभी ट्रकों और गुड्स कैरियर की इंटर स्टेट या इंट्रा स्टेट की आवाजाही पर कोई रोक नहीं है। चाहे आवश्यक वस्तु या किसी भी तरह का सामान ट्रांसपोर्ट हो रहा हो। ट्रक में ड्राइवर और उसके साथ एक व्यक्ति को मंजूरी दी गई है। उन्‍होंने कहा कि लॉकडाउन उपायों को लागू करने के लिए राज्य लगातार काम कर रहे हैं। सेवानिवृत्त कर्मी, एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना), एनसीसी कैडेट और अन्य डिपो के अधिकारी भी लॉकडाउन उपायों को लागू करने में पुलिस की सहायता कर रहे हैं।

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