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पहले जनता कर्फ्यू फिर लॉकडाउन और अब कर्फ्यू, जानें- लॉक डाउन, जनता कर्फ्यू और कर्फ्यू में अंतर

नोएडा ! पहले जनता कर्फ्यू, फिर लॉकडाउन और अब कर्फ्यू। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। आईसीएमआर के मुताबिक, देश में संक्रमितों की संख्या 415 पहुंच गई है और सात लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर पहले देशभर में जनता कर्फ्यू लगाया गया। सभी राज्य सरकारों ने जनता कर्फ्यू का पालन और समर्थन किया। वहीं, रविवार शाम स्थिति बिगड़ती देख अलग-अलग राज्यों के उन 75 जिलों को लॉकडाउन करने के निर्देश दिए गए हैं जहां कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस पाए गए। सीमाएं सील कर दी गई। साथ ही सार्वजनिक परिवहन सेवाओं पर भी बड़े स्तर पर रोक लगा दी गई। सोमवार को पहले पंजाब, फिर महाराष्‍ट्र  और देर शाम चंडीगढ़ में कर्फ्यू लागू कर दिया गया। ऐसे में जनता कर्फ्यू का सामना कर चुके लोगों के लिए लॉकडाउन और कर्फ्यू में फर्क करना काफी मुश्किल हो गया है। हम आपको बताते हैं कि कर्फ्यू और लॉकडाउन में क्या फर्क होता है और ये जनता कर्फ्यू से कितना अलग है।

क्‍या होता है जनता कर्फ्यू  आसान शब्दों में जनता कर्फ्यू से तात्पर्य है ‘जनता के लिए, जनता द्वारा लगाया गया कर्फ्यू’ अर्थात इस प्रकार के माहौल में जनता स्वयं ही कम मात्रा में एक दूसरे से संपर्क में आएगी। मोदी जी ने जनता से अपील की थी कि जनता कर्फ्यू के दिन कोई भी नागरिक सड़क पर ना जाए, घर से बाहर न निकले, न मोहल्ले में जाए। यह एक तरह का अनुरोध है। लोगों को खुद अपने घरों तक सीमित रखना है। वैसे अगर वे घर से बाहर निकलेंगे तो कोई ऐक्शन नहीं होगा।

क्‍या होता है लॉकडाउन  लॉकडाउन एक आपातकाल व्यवस्था होती है, जिसमें जरूरी सेवाएं बंद नहीं की जाती। देश के कई राज्यों और शहरों में लॉकडाउन किया गया है, लेकिन बैंक, डेरी, जरूरी सामान के लिए दुकानें खुली हुई हैं। लोगों को घरों में रहने की अपील की जाती है। उन्‍हें केवल आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है। हालांकि इस दौरान आवश्यक सुविधाएं जारी रहती हैं, लेकिन यह भी प्रशासन पर निर्भर करता है कि वह किन सेवाएं को जारी रखना चाहता है। लॉकडाउन में स्थानीय प्रशासन निजी संस्थानों को बंद करवा देता है और वर्क फ्रॉम होम के आदेश देता है। इसका उद्देश्य यह है कि लोग अपने घरों में ही रहें ताकि किसी तरह का संक्रमण नहीं फैले।

क्‍या होता है कर्फ्यू लॉकडाउन और कर्फ्यू में काफी फर्क होता है। आमतौर पर कर्फ्यू बेहद गंभीर स्थिति में लगाया जाता है। कर्फ्यू के दौरान लोगों को अपने घरों से बाहर जाने की इजाजत नहीं होती। चूंकि इसमें छूट बेहद कम होती है, इसलिए कर्फ्यू के दौरान सिर्फ वही सेवाएं चालू रहती हैं, जो बेहद जरूरी हों। कर्फ्यू के तहत लोगों को हिदायत दी जाती है कि वो अपने घरों से बाहर सड़कों पर न निकलें। उल्लंघन करने वाले की गिरफ्तारी हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। कर्फ्यू के दौरान जरूरी सेवाएं जैसे बाजार और बैंकों पर ताला लटका रहता है। जब कर्फ्यू में ढील दी जाती है तभी ये सारी सेवाओं का लाभ घरों में बंद लोगों को मिलता है और वो बाहर निकल सकते हैं।

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