News UpdateUttarakhand

भारत-नेपाल सीमा पर तारबाड़ क्षतिग्रस्त विवाद का नहीं निकला हल

खटीमा। सीमांत क्षेत्र खटीमा में भारत-नेपाल सीमा पर पिलर संख्या-14 के पास भारत सरकार की तारबाड़ तोड़े जाने का विवाद बरकरार है। गुरुवार को खटीमा एसडीएम के नेतृत्व में एसएसबी, वन विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने नेपाली अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से घटनास्थल का निरीक्षण किया। भारतीय अधिकारियों ने सुबूत पेश किए हैं। नेपाली अधिकारी कोई भी सुबूत पेश नहीं कर पाए और पूर्व की भांति फिर से कुछ समय मांगा है।
खटीमा एसडीएम रविंद्र बिष्ट के मुताबिक, आज भी नेपाल प्रशासन द्वारा उचित अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया। एक बार फिर उन्होंने अभिलेख के साथ आने के लिए समय मांगा है। मामले के निपटारे के लिए 10 जून की तिथि निर्धारित की गई है। वहीं, भारतीय वन विभाग द्वारा विवादित क्षेत्र को छोड़कर सभी जगह पर नो मेंस लैंड का 15 फीट क्षेत्र छोड़कर 10 जून से तारबाड़ शुरू कर दी जाएगी। खटीमा वन विभाग द्वारा कैंपा योजना के तहत 25 हेक्टेयर में किए गए। वृक्षारोपण की सुरक्षा के लिए की गई तारबाड़ को नेपाली नागरिकों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। वन विभाग द्वारा की गई तारबाड़ को क्षतिग्रस्त करना भारत ने अतिक्रमण करार दिया है। भारत-नेपाल के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में नेपाली अधिकारी तारबाड़ को नेपाली नागरिकों द्वारा क्षतिग्रस्त ना करने का कोई सुबूत पेश नहीं कर पाए। इसके अलावा भारत नेपाल बॉर्डर पर पिलर संख्या 798/2 भी गायब है। वन विभाग खटीमा द्वारा गायब पिलर के नजदीक वृक्षारोपण हेतु तारबाड़ का कार्य किया रहा था। नेपाली नागरिकों द्वारा वन विभाग द्वारा की जा रही तारबाड़ को उखाड़ दिया गया। नेपाल ने खटीमा वन विभाग पर नेपाली क्षेत्र में कार्रवाई किए जाने का आरोप लगाया। इसके बाद नेपाल भारत के अधिकारियों द्वारा मौका मुआयना किया गया। लेकिन इस समस्या का कोई भी हल नहीं निकल पाया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button