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कोरोना वायरस महामारी के चलते केंद्र सरकार ने बढ़ते आर्थिक बोझ को देखते हुये अपने खर्चों में शुरू कर दी कटौती करनी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने में लगी केंद्र सरकार ने बढ़ते आर्थिक बोझ को देखते हुये अपने खर्चों में कटौती करनी शुरू कर दी है। इस दिशा में आगे बढ़ाते हुये सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते की नई किस्तों पर एक जुलाई 2021 तक के लिये रोक लगा दी है। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 1 जनवरी 2020 के वास्ते दिए जाने वाले महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) का भुगतान नहीं किया जाना चाहिए।

      मंत्रालय ने यह भी कहा कि 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 के DA और DR का भी भुगतान न हो। जो DA रोका जा रहा है उसका एरियर के तौर पर भुगतान भी नहीं होगा। हालांकि, मंत्रालय ने यह जरूर कहा कि मौजूदा दरों पर महंगाई भत्ता और महंगाई राहत का भुगतान जारी रहेगा। सरकार को चालू वित्त वर्ष 2020-21 और अगले वित्त वर्ष 2021-22 में कुल मिलाकर 37,530 करोड़ रुपये की बचत होगी। हालांकि, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते के मौजूदा स्तर पर भुगतान होता रहेगा। इस फैसले से 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों पर असर पड़ेगा।  गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से केंद्र सरकार अपनी कई योजनाओं में लगातार कटौती कर रही है। पहले केंद्र सरकार ने राज्यसभा में केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के लिए एक जनवरी 2020 से महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) का भुगतान करने के लिए कहा था।महंगाई भत्ता और महंगाई राहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को हर साल क्रमश: एक जनवरी और एक जुलाई से दिया जाता है और इसका भुगतान क्रमश: मार्च और सितंबर महीने में किया जाता है। गौरतलब है कि 10 अक्टूबर 2019 को भी केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी की थी। उस समय सरकार ने डीए में 5 फीसद की बढ़ोत्तरी की थी।

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