National

कांग्रेस-राकांपा-शिवसेना और भाजपा सभी महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाने की कर रहे बात

मुंबई  Maharashtra. महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर स्थितियां अब भी साफ नहीं हैं। कांग्रेस-राकांपा-शिवसेना को मिलाकर बना महाशिवआघाड़ी अपनी सरकार बनाने को लेकर आशान्वित है तो भाजपा नेताओं का भी कहना है कि भाजपा के अलावा और किसी की सरकार नहीं बन सकती। उसने 119 विधायकों के साथ होने का दावा किया है। महाशिवआघाड़ी के सबसे बड़े रणनीतिकार माने जाने वाले महाराष्ट्र के सबसे वरिष्ठ नेता शरद पवार ने शुक्रवार को नागपुर प्रेसक्लब में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

       पवार के अनुसार कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना की यह सरकार न सिर्फ बनेगी, बल्कि अपना कार्यकाल भी पूरा करेगी। पवार ने मध्यावधि चुनाव की संभावना से साफ इन्कार करते हुए कहा कि हम सब राज्य में स्थिर सरकार बनाना चाहते हैं। उससे पहले तीनों दलों के न्यूनतम साझा कार्यक्रम एवं अन्य शर्तों पर चर्चा चालू है। मुख्यमंत्री किसका होगा, इस सवाल पर पवार ने शिवसेना का नाम लिए बिना कहा कि जिसकी मुख्यमंत्री पद की मांग होगी, उस पर विचार किया जाएगा। लेकिन पवार की ही पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक स्पष्ट कर चुके हैं कि महाशिवआघाड़ी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री पद शिवसेना को दिया जाएगा। मलिक ने कहा है कि मुख्यमंत्री पद के कारण ही शिवसेना राजग गठबंधन से अलग हुई है। वहां उसका अपमान हुआ है। इसलिए नए गठबंधन में मुख्यमंत्री पद उसे ही मिलेगा। इससे पहले कांग्रेस नेता माणिकराव ठाकरे भी मुख्यमंत्री का पद शिवसेना को दिए जाने की बात स्वीकार कर चुके हैं। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने भी फिर मुख्यमंत्री शिवसेना का ही बनने की बात न सिर्फ दोहराई है, बल्कि अगले 25 साल तक शिवसेना का ही मुख्यमंत्री रहने का दावा किया है।

लेकिन अब कांग्रेस-राकांपा के साथ-साथ शिवसेना की भी प्रतिद्वंद्वी बन चुकी भाजपा अब भी अपना मुख्यमंत्री बनाने के दावे पर अडिग दिख रही है। मुंबई में चल रही भाजपा की तीन दिवसीय प्रदेश कार्यकारिणी बैठक के दूसरे दिन उसके प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने प्रेस से बात करते हुए दावा किया है कि राज्य में जिसके पास 119 विधायक हैं, उसे साथ लिए बिना किसी की सरकार बन ही नहीं सकती। इसलिए सरकार तो भाजपा के ही नेतृत्व में बनेगी।

गौरतलब है कि भाजपा को विधानसभा चुनाव में 105 सीटें मिली हैं और 14 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। प्रदेश कार्यकारिणी बैठक में भाजपा सरकार बनाने के प्रयासों पर तो चर्चा कर ही रही है, भविष्य में मध्यावधि चुनाव होने की स्थिति के लिए रणनीति भी बना रही है। बैठक में भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य भाजपा एक करोड़, 42 लाख मतों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। वह 164 सीटों पर लड़कर 105 पर जीती है और हारी हुई 59 सीटों में से 55 पर नंबर दो की स्थिति में है। अन्य दलों से भाजपा में आए 26 उम्मीदवारों में से 16 को जीत हासिल हुई है। भाजपा ये आंकड़े अपने कार्यकर्ताओं को बताकर भविष्य के लिए उनका मनोबल ऊंचा रखना चाहती है।

बताया जा रहा है कि कांग्रेस-राकांपा-शिवसेना के बीच मंत्रिमंडल के बंटवारे पर भी चर्चा शुरू हो गई है। जिसके तहत मुख्यमंत्री पद पांच साल के लिए शिवसेना को देने के साथ ही, कांग्रेस-राकांपा दोनों दलों को एक-एक उपमुख्यमंत्री देने की बात चल रही है। चूंकि भाजपा मुख्यमंत्री पद के लिए ही भाजपा से अलग हुई है, इसलिए वह अन्य मंत्रालयों को लेकर ज्यादा जिद नहीं कर रही है। दूसरी ओर चुनाव से पहले सत्ता से बहुत दूर नजर आ रहीं कांग्रेस-राकांपा भी भागते भूत की लंगोटी भली की तर्ज पर जो मिल जाए, उसी में खुश रहने का प्रयास करते हुए मुख्यमंत्री पद शिवसेना को देकर सभी गृह, राजस्व जैसे महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों पर हाथ साफ करने की जुगत भिड़ा रही हैं।

माना जा रहा है कि स्व. इंदिरा गांधी की जयंती 19 नवंबर के अवसर पर शरद पवार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर महाशिवआघाड़ी सरकार की रूपरेखा पर अंतिम मुहर लगाएंगे। उसके बाद ही सरकार बनने का रास्ता साफ होगा। उससे पहले शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे की पुण्यतिथि 17 नवंबर को शिवसेना उनके समाधिस्थल शिवतीर्ष अर्थात शिवाजी पार्क पर शक्ति प्रदर्शन करने की योजना बना रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button