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चीन में फंसे पाकिस्तानी छात्रों को निकालने पर विचार कर सकता है भारतः-रविश कुमार

नई दिल्ली। चीन के कोरोना वायरस से प्रभावित हुवेई प्रांत में फंसे पाकिस्तानी छात्रों को निकालने पर भारत विचार कर सकता है बशर्ते हालात ऐसे हों और संसाधन उपलब्ध हों। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान ने अभी तक इस आशय का अनुरोध नहीं किया है।हुवेई प्रांत के वुहान शहर में सैकड़ों पाकिस्तानी छात्र फंसे हुए हैं और उन्होंने पाकिस्तान की इमरान खान सरकार से कई बार उन्हें वहां से निकालने और भारत से सबक लेने का अनुरोध किया है।

      भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार से जब पूछा गया कि क्या भारत पाकिस्तानी छात्रों को निकालने में मदद कर सकता है तो उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान सरकार से हमें ऐसा कोई अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है। लेकिन अगर ऐसे हालात पैदा हुए तो उपलब्ध संसाधनों को ध्यान में रखते हुए हम इस पर विचार कर सकते हैं।’ हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि इस अनुरोध पर विचार करने की पूर्व शर्त क्या होगी। भारत ने शनिवार और रविवार को वुहान से 654 लोगों को एयरलिफ्ट किया था। इनमें 640 भारतीय और सात मालदीव के नागरिक हैं।

      विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान एक पत्रकार ने चीन के वुहान शहर में फंसे लोगों को लेकर पूछा कि वहां पर जो पाकिस्तानी छात्र फंसे हुए हैं, वीडियो देख रहे थे। उसमें उन्होंने बोला कि मोदी है तो मुमकिन है, मोदी जिंदाबाद…और उन्होंने बोला कि अगर पाकिस्तान सरकार हमें नहीं ले जा रही है तो भारत सरकार हमारी मदद करे तो क्या आप लोगों ने इस पर चर्चा की है, कोई विचार?रवीश कुमार ने बताया कि 10 और भारतीयों ने चीन से लौटने की इच्छा जताई है, लेकिन वे स्वास्थ्य जांच प्रक्रिया पूरी नहीं पाए। उन्होंने बताया, ‘हम उनके साथ नियमित संपर्क में हैं और उनकी वापसी की सभी संभावनाओं को तलाश रहे हैं।’

      बता दें कि भारतीय छात्रों को लौटते हुए देखकर पाकिस्तानी छात्रों ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किए थे और अपनी सरकार से भी ऐसा ही करने को कहा था। एक वीडियो में एयरपोर्ट जा रही बस में भारतीय छात्रों को बैठता हुआ देखकर पाकिस्तानी छात्र कहता है कि जब भारत अपने नागरिकों को निकाल रहा है तो पाकिस्तान सरकार अपने नागरिकों से कहती है कि तुम वहीं रहो और मरो। हम तुम्हें नहीं निकालेंगे और न ही तुम्हें घर लौटने में मदद करेंगे। वायरल हो चुके इस वीडियो में पाकिस्तानी छात्र कहता है, ‘पाकिस्तान सरकार तुम पर शर्म आती है। भारत से सीखो कि अपने लोगों की परवाह कैसे की जाती है।’ चीन में पाकिस्तान के 28 हजार से ज्यादा छात्र हैं और इनमें से 500 वुहान में हैं। बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से चीन से आने वाले लोगों के लिए ई-वीजा पर अस्थायी तौर पर रोक के बारे में रवीश कुमार ने कहा कि वीजा संबंधी पाबंदियां सिर्फ चाइनीज लोगों के लिए हैं। उन्होंने कहा कि चीन के लोगों को दिए गए सभी मौजूदा ई-वीजा अब वैध नहीं हैं। इसी तरह जो नॉर्मल वीजा इश्यू हुए हैं वे भी अब वैध नहीं हैं। अगर ऐसा व्यक्ति जिसे भारत आना बहुत जरूरी है तो वह हमारे दूतावास या नजदीकी दूतावास से संपर्क कर वीजा के लिए अनुरोध कर सकता है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच वाणिज्यिकी विमानों पर सरकार की तरफ से कोई प्रतिबंध नहीं लगा है। उन्होंने साथ में कहा कि एयरलाइन कंपनियां जमीनी स्थिति का आकलन करते हुए इस बारे में खुद से फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है।

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