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मानव संसाधन विकास मंत्री का बड़ा बयान- लॉकडाउन में जो छात्र जहां फंसा है अब वहीं दे सकेगा बची हुई परीक्षा

नई दिल्ली। सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की बाकी बची परीक्षाओं को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक और बड़ा राहत भरा ऐलान किया है। इसके तहत लॉकडाउन में यदि कोई छात्र परीक्षा केंद्र या स्कूल से दूर कहीं किसी दूसरे जिले में फंसा है, तो अब वह जहां है वहीं पर बची परीक्षाओं को दे सकेगा। बशर्ते इसके लिए ऐसे सभी छात्रों को पहले अपने स्कूलों को जहां वह पढ़ रहे है, उन्हें इसकी जानकारी देनी होगी। इसके बाद ही सीबीएसई ऐसे सभी छात्रों को आसपास के केंद्रों पर परीक्षा देने की व्यवस्था सुनिश्चित कराएगा।

निशंक ने सीबीएसई को दिए परीक्षा कराने के निर्देश  मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार को इसका ऐलान किया। साथ ही कहा कि सीबीएसई को इसे लेकर सभी जरूरी तैयारियां करने के निर्देश दिए गए है। वहीं ऐसी छात्रों की संख्या सामने आ जाने के बाद सीबीएसई इसे लेकर एक जून को एक अधिसूचना भी जारी करेगा। निशंक ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन का ऐलान होने के बाद छात्रावासों या फिर दूसरे शहरों में रहकर पढ़ाई करने वाले बड़ी संख्या में छात्र अपने गृह जिलों को वापस लौट गए थे। इनमें नवोदय और केंद्रीय विद्यालयों के भी बड़ी संख्या में बच्चे है। वैसे भी कोरोना के खतरे को देखते हुए देश भर के नवोदय विद्यालय को बंद कर दिया गया था। साथ ही वहां छात्रावासों में रह रहे सभी बच्चों को उनके घरों को भेज दिया गया था।

निशंक ने लॉकडाउन में फंसे छात्रों को दी राहत  केंद्रीय मंत्री निशंक ने ट्वीट कर कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में गृह जिलों में या फिर परीक्षा केंद्रों से दूर कहीं फंसे छात्रों के लिए वापस लौटना मुश्किल है। ऐसे सभी छात्रों को राहत देते हुए यह फैसला लिया गया है। बता दें कि सीबीएसई ने दसवीं और बारहवीं का बाकी बची परीक्षाओं को एक से पंद्रह जुलाई के बीच कराने का फैसला लिया है। हालांकि, यह भी साफ किया है कि दसवीं की परीक्षाएं सिर्फ उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में होगी। जहां दंगों के चलते परीक्षाओं को रद्द कर दिया था। इसके अलावा दसवीं की कहीं कोई परीक्षा नहीं होगी।

विवि की परीक्षाओं को लेकर भी मंत्रालय ले सकता है कोई फैसला  सीबीएसई के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय अब विश्वविद्यालय की एक जुलाई से प्रस्तावित परीक्षाओं को लेकर भी बड़ा निर्णय ले सकता है। लॉकडाउन में विश्वविद्यालयों के बंद होने से इनमें पढ़ने वाले बड़ी संख्या में छात्र भी अपने गृह जिलों को वापस लौट गए है। ऐसे में उन्हें भी परीक्षाओं के लिए वापस लौटने में दिक्कत ही होगी। फिलहाल मंत्रालय के सामने यह मामला पहुंच चुका है, लेकिन इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

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