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क्षैतिज आरक्षण विधेयक पर कैबिनेट सब कमेटी बनाए जाने के सरकारी फैसले की धीरेंद्र प्रताप ने की निन्दा
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने राज्य कैबिनेट द्वारा राज्य निर्माण आंदोलनकारियों के 10% क्षैतिज आरक्षण के सवाल पर तीन सदस्यों की कैबिनेट सब कमेटी बनाए जाने के फैसले को ढकोसला बताया है।
उन्होंने सरकार के इस फैसले को आंदोलनकारी विरोधी फैसला बताते हुए इसे राज्य निर्माण आंदोलनकारियों के साथ खिलवाड़ बताते हुए इसके विरुद्ध 24 दिसंबर को उत्तराखंड आंदोलनकारियों के संयुक्त समूह द्वारा मुख्यमंत्री आवास के घेराव की घोषणा की है और राज्य भर के तमाम निर्माण आंदोलनकारियों से 24 दिसंबर को “देहरादून चलो”का आह्वान किया है ।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी 2015 से इस मामले में भाजपा सरकार के फैसले का इंतजार कर रहे हैं परंतु 7 साल गुजर जाने के बाद भी भाजपा सरकार आंदोलनकारियों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रही है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि जब वे सन 2015 में राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद के अध्यक्ष थे तब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को राजी करके 10% शेती आरक्षण का बिल गैरसैण विधानसभा सत्र में पास करवाया था परंतु अफसोस है भाजपा ने अपने राज्यपालों से इस पर कभी हस्ताक्षर कराने में रुचि नहीं दिखाई और आंदोलनकारी सपनों को धोखा दिया।
उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारी इस मामले में झुकेंगे नहीं और गांधीवादी सत्याग्रह के माध्यम से सरकार पर अपना दबाव बनाने का संघर्ष जारी रखेंगे ।उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कहा एक और तो वे राज्य निर्माण आंदोलनकारी होने का दम भरते अघाते नहीं हैं, दूसरी और उनके मुख्यमंत्री रहते आंदोलनकारी क्षेतीज आरक्षण के सवाल पर सरकार ने” डिटले टैक्टिस” अपना ली है, जिसके लिए उन्होंने उन्हें कभी माफ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहां 24 दिसंबर का आंदोलनकारी सत्याग्रह संघर्ष पर्व है जिसका नेतृत्व उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, रामलाल खंडूरी अंबुज शर्मा क्रांति कुकरेती, प्रदीप कुकरेती, हरि कृष्ण भट्ट, विशंभर बांठियाल , सावित्री नेगी वीरेंद्र बजेठा,आदि के साझे नेतृत्व में इस संघर्ष को अंजाम दिया जाएगा।