नंदा गौरा योजना में गलत तरीके से लाभ प्राप्त करने वाले अपात्र लाभार्थियों के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमाः रेखा आर्या
देहरादून। विगत दिनों हरिद्वार जिले के नंदा गौरा योजना में फर्जीवाड़ा की खबरे सामने आई थी जिसके बाद अब महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने बड़ी कारवाही की है। बकौल मंत्री रेखा आर्या उन्हें विभिन्न माध्यमो से इस फर्जीवाड़े की सूचना मिली जिसके बाद मंत्री रेखा आर्या ने जनपद हरिद्वार में वित्तीय वर्ष 2022-23 की नन्दा गौरा योजना में गलत तरीके से लाभ प्राप्त करने वाले अपात्र लाभार्थियों के अभिभावकों एवं इसमें संलिप्त विभागीय अधिकारियों ध् कर्मचारियों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में केस दर्ज करने के साथ ही सभी जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से कठोरतम दण्डात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।
बता दे कि जनपद हरिद्वार में वित्तीय वर्ष 2022-23 की नन्दा गौरा योजना के अन्तर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदित अभ्यर्थियों में जन्म का लाभ प्राप्त करने वाले कुल 1328 आवेदनों में से 70 आवेदन एवं 12वीं उत्तीण के आधार पर कुल 4174 आवेदनों में से 123 आवेदन अर्थात कुल 193 आवेदनों में आय प्रमाण पत्रों में छेड़छाड़ पाई गयी, जिसे मुख्य विकास अधिकारी, हरिद्वार द्वारा निरस्त किया जा चुका है। मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि गलत तरीके से आय प्रमाण पत्र में छेड़खानी कर इतनी बड़ी संख्या में अपात्र लोगों का पाया जाना तथा किसी अपात्र व्यक्ति द्वारा पात्र बालिका का हक छीनकर गलत तरीके से लाभ प्राप्त करना एक गम्भीर एवं खेदजनक स्थिति है, जिसे हर हाल में रोका जाना अत्यन्त आवश्यक है ताकि जनमानस में यह स्पष्ट संदेश जाये कि प्रदेश सरकार अनुचित कार्यवाही में संलिप्त किसी भी व्यक्ति विभागीय अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही किये जाने हेतु प्रतिबद्ध है। इसी के मद्देनजर कैबिनेट मंत्री ने निर्देश दिए कि जनपद हरिद्वार में वित्तीय वर्ष 2022-23 की नन्दा गौरा योजना में गलत तरीके से लाभ प्राप्त करने वाले अपात्र लाभार्थियों के अभिभावकों एवं इसमें संलिप्त विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में केस दर्ज करते हुए तत्काल प्रभाव से कठोरतम दण्डात्मक कार्यवाही की जाए, ताकि किसी पात्र बालिका को उसके हक से वंचित कर गलत तरीके से लाभ लेने वाले ऐसे किसी भी व्यक्ति को स्पष्ट संदेश सबक मिल सकेगा। इसके साथ ही सभी जनपदों में स्पष्ट निर्देश जारी कर दिये जायें कि योजना का लाभ प्राप्त करने वाले लाभार्थियों के समस्त अभिलेखों की बारीकी से जांच की जाये ताकि कोई भी अपात्र व्यक्ति पात्र बालिका का क छीनकर योजना का लाभ प्राप्त न कर सके।