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भ्रष्टाचार मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को गुरुवार को आखिरकार तिहाड़ जेल भेज ही दिया गया

नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को गुरुवार को आखिरकार तिहाड़ जेल भेज ही दिया गया। जेल जाने से बचने की उनके सारे कानूनी दांवपेंच विफल रहे। अब वह 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में रहेंगे। विशेष जज अजय कुमार कुहार ने चिदंबरम को 19 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश देते हुए उन्हें जेल में अपनी दवाइयां रखने की अनुमति देने के साथ ही निर्देश दिया है कि जेड श्रेणी की सुरक्षा हासिल होने के कारण उन्हें अलग सेल में रखा जाए। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आश्वस्त किया कि चिदंबरम को जेल में पर्याप्त सुरक्षा दी जाएगी।

तिहाड़ जेल में चिदंबरम को मिलेगी ये सुविधाएं  तिहाड़ की जेल नंबर 7 में आम तौर पर आर्थिक अपराध से जुड़े आरोपियों को रखा जाता है। अमूमन जेल नंबर 7 में पहुंचे कैदियों को जमीन पर ही सोने का इंतजाम होता है। जेल की तरफ से तीन-चार कंबल दिए जाते हैं। पी. चिंदबरम की उम्र चूंकि 60 साल से ज्यादा है। लिहाजा जेल मैनुअल के हिसाब से उन्हें लकड़ी का तख्त सोने के लिए दिया जाएगा। तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि चिदंबरम को जेल नंबर 7 में एक अलग कोठरी में रखा जाएगा। खाने में उन्हें रोटी, दाल और सब्जी दी जाएगी। इसके अलावा उन्हें वेस्टर्न टॉइलट की भी सुविधा दी जाएगी। चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से अपने मुवक्किल को जेल में वेस्टर्न टॉइलट देने की मांग की थी, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया।

जानें क्या है जेल मैनुअल  पी चिदंबरम को कोर्ट के आदेश और जेल मैनुअल के अलावा कोई विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी। जेल मैनुअल के मुताबिक कैदियों को रात नौ बजे बैरक में बंद कर दिया जाता है। इसके बाद अगले दिन सुबह 6 से 7 बजे उठना होता है। दिनचर्या के हिसाब से फ्रेस होने के बाद नाश्ता में दलिया, ब्रेड, चाय और बिस्कुट दिया जाता है। नाश्ता के बाद टहलना और व्यायाम करना होगा। इसके बाद खाना में रोटी, दाल और सब्जी दी जाएगी।

मनी लॉन्ड्रिंग केस में सरेंडर की अर्जी पर ईडी को नोटिस  कोर्ट ने इसी मामले से जुड़े मनी लॉन्डि्रंग संबंधी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के केस में चिदंबरम के सरेंडर करने की अर्जी पर एजेंसी को नोटिस भी जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के 20 अगस्त के आदेश के खिलाफ चिदंबरम की अर्जी गुरुवार को ही खारिज कर दी। दिल्ली हाई कोर्ट ने चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। मालूम हो कि 21 अगस्त को गिरफ्तारी के बाद से चिदंबरम (73) की सीबीआई हिरासत पांच चरणों में बढ़ाई गई और वह 15 दिनों तक सीबीआई हिरासत में रहे। यह हिरासत अवधि पूरी होने के बाद उन्हें आज फिर से कोर्ट में पेश किया गया था।

चिदंबरम जेल की बजाय ईडी हिरासत में जाने को थे तैयार  चिदंबरम के वकील ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजे जाने की सीबीआई की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि वह मनी लॉन्डि्रंग केस में हिरासती पूछताछ के लिए ईडी रिमांड में जाने को तैयार हैं। इसके पहले चिदंबरम ने अपने खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली। इसके बाद उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया।

चुनौती देने वाली याचिका खारिज  बहस के दौरान मेहता ने विशेष जज को ईडी के केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सूचना देते बताया कि उन्होंने सीबीआई केस में भी अपनी याचिका वापस ले ली है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी केस में हाई कोर्ट द्वारा चिदंबरम की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज किए जाने को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी। सीबीआई ने विशेष अदालत से कहा कि चिदंबरम को जेल भेजा जा सकता है, क्योंकि वह एक ताकतवर सार्वजनिक हस्ती हैं और उन्हें खुला नहीं छोड़ा जाना चाहिए।

सिब्बल ने किया विरोध  लेकिन चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने सीबीआई की दलील का विरोध करते हुए कहा कि एजेंसी कह रही है कि उनके खिलाफ जांच को प्रभावित या बाधित करने का कोई आरोप नहीं है। उन्होंने कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले से जुड़े मनी लॉन्डि्रंग केस में चिदंबरम ईडी की हिरासत में जाने को तैयार है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को भी खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि चिदंबरम सरेंडर करेंगे और ईडी उन्हें अपनी हिरासत में ले। चिदंबरम को जेल क्यों भेजना चाहिए?

एयरसेल मैक्सिस केस में विशेष कोर्ट से मिली राहत दूसरी ओर, एक अन्य विशेष अदालत ने चिदंबरम तथा उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को एयरसेल मैक्सिस केस में अग्रिम जमानत प्रदान कर दी। विशेष जज ओपी सैनी ने चिदंबरम पिता-पुत्र को राहत प्रदान करते हुए उन्हें जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी की स्थिति में उन्हें एक लाख रुपये के निजी बांड और एक लाख रुपये के मुचलके पर छोड़ा जाना चाहिए।

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