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भगवान शिव और राम के बाद अब राजनीति की बिसात पर मोहरा बने हनुमान

आगरा। राजस्थान में एक चुनावी सभा के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ के बजरंग बली हनुमान को दलित बताने के बाद अब इस विषय पर विवाद बढ़ता जा रहा है। मूलभूत सुविधाओं से इतर भगवान के नाम पर राजनीति हो रही है। भगवान शिव और राम के बाद अब राजनीति की बिसात पर मोहरा बने हैं हनुमान जी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का राजस्थान में चुनावी रैली में हनुमान जी पर बयान इन दिनों विवादों में है। आगरा के लंगड़े की चौकी स्थित हनुमान मंदिर पर कांग्रेस नेता अमित सिंह के नेतृत्व में अनुसूचित जाति के लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ कर योगी के बयान का विरोध जताया। साथ ही सभी को जनेऊ धारण कराया गया। संकल्प लिया गया कि देश में जितने भी हनुमानजी के मंदिर हैं, उनका रखरखाव व पूजा करने वाला अनुसूचित जाति का ही होगा। दरअसल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्राचीन हनुमान मंदिर पर पहुंचकर अनुसूचित जाति के लोगों को जनेऊ धारण कराया। इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ किया और दलित देवता हनुमान की जय के नारे लगा। यह कार्यक्रम करीब आधे घंटे तक चला। कार्यक्रम में महिलाएं भी शामिल रहीं। कांग्रेस नेता अमित सिंह ने कहा कि उन्हें नहीें पता था कि हनुमान जी अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाषण में हनुमान जी की जाति के बारे में जब बताया तब पता चला कि अनुसूचितों के भगवान अलग हैं और उनके देशभर में मंदिर भी हैं। लिहाजा अब देश भर के हनुमान मंदिरों की व्यवस्था एवं पूजा पाठ का कार्य अनुसूचितों को सौंपा जाना चाहिए। ऑल इंडिया अंबेडकर महासभा ने यह भी कहा कि हनुमानजी दलित थे तो उनके मंदिरों की जिम्मेदारी भी हमारी है। यहां पर इस दौरान एक प्राचीन हनुमान मंदिर पर दलितों ने कब्जा कर लिया और वहां पर दिन में हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। वहां पर काफी देर पूजा-पाठ के बाद चेतावनी दी गई कि अब जब ये साफ हो गया है कि हनुमानजी दलित थे तो उनके मंदिरों की जिम्मेदारी हमारी है। नंदलाल भारती का कहना कि हमें यह जानकर बड़ी खुशी हुई है कि हनुमानजी हमारे समाज के हैं। अब हम जल्द ही सभी हनुमान मंदिरों का कब्जा लेंगे। हनुमानजी के हर मंदिर को अब हम ही संभालेंगे। मंदिरों पर आने वाले दान और चढ़ावें को भी दलितों के उत्थान के लिए खर्च किया जाएगा।

ऑल इंडिया अंबेडकर महासभा ने इस प्रकरण में सीएम योगी को नोटिस भेजने का भी मन बना लिया है। ऑल इंडिया अंबेडकर महासभा ने कहा कि हनुमानजी वानर थे और दलितों की तुलना हनुमानजी से की जा रही है। यह तो दलितों का अपमान है। इसके लिए हम कानून का सहारा लेंगे।

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