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अपने भाई और मां की सीटों को मजबूती देने के लिए हर टोटका आजमा रही प्रियंका वाड्रा

रायबरेली। शिकायत करते कार्यकर्ताओं को मनाने, संगठन की खामियों को दूर कराने और चुनाव जीतने का गणित समझने में जुटीं प्रियंका वाड्रा अपने भाई और मां की सीटों को मजबूती देने के लिए हर टोटका आजमा रही हैं। अमेठी-रायबरेली दौरे में ब्लाक स्तरीय पदाधिकारियों की विधानसभा क्षेत्रवार बैठकों में उठाए जा रहे मुद्दों को सूचीबद्ध कराने के साथ समयबद्ध समाधान का वादा करते हुए प्रियंका क्षेत्रवासियों से अपनत्व का नाता याद दिलाना भी नहीं भूल रहीं हैं। दादी इंदिरा और पिता राजीव गांधी से जुड़े संस्मरणों की याद दिलाकर वह बुजुर्गों से सिर पर हाथ रखवाकर भावनात्मक वातावरण बना रही हैं। गुरुवार सुबह से ही भुएमऊ स्थित गेस्ट हाउस में प्रियंका से मिलने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। धक्कामुक्की जैसे हालात भी बने परंतु मिलकर लौटते लोगों के चेहरों पर नजर आती संतुष्टि को कांग्रेसी शुभ संकेत मान रहे हैं। करीब चार घंटे प्रतीक्षा के बाद प्रियंका से मिल पाने में कामयाब हुए कमालपुर के 68 वर्षीय किसान श्रीपाल सिंह का दावा है कि अब कांग्रेस के अच्छे दिन जरूर आ जाएंगे। सलोन से आई 57 वर्षीय रामरती मौर्य को प्रियंका में इंदिरा गांधी का अक्स दिखता है। उनका कहना है कि प्रियंका को ही सोनिया गांधी की जगह रायबरेली से चुनाव लड़ना चाहिए। गेस्ट हाउस के बाहर चौकीदार चोर है, गरीब परिवार-पाए 72 हजार, जैसे नारे लगाने वाले युवाओं का जोश भी देखते बनता है। सरेनी के फूलचंद विश्वकर्मा आवारा जानवरों पर रोक न लगने से आहत दिखे। उनका कहना है कि जिस तरह प्रियंका लोगों से मिली है, उसने उनके पिता राजीव गांधी की याद ताजा होती है।

अबकी बार पांच लाख के पार  अमेठी और रायबरेली को लेकर भाजपा द्वारा कराई जा रही घेराबंदी को देखते प्रियंका क्षेत्रीय जनता को पारिवारिक रिश्तों की दुहाई देकर चुनावी गणित पुख्ता करना चाहती हैं। रायबरेली में कांग्रेस की 17वीं और अमेठी में 14वीं जीत को सुनिश्चित करने के लिए प्रियंका ने ब्लाक कार्यकर्ताओं को पांच लाख से अधिक वोट जुटाने का लक्ष्य दिया। इतना ही नहीं प्रियंका ने अपने चुनाव लड़ने की संभावना बरकरार रखते हुए वर्ष 2022 में कांग्रेस की सरकार बनाने का दावा दोहराया। देर रात तीन बजे तक चली बैठकों में प्रियंका ने जता दिया कि प्रदेश में तीन दशक के सियासी वनवास को खत्म होने तक वह चैन से नहीं बैठेंगी।

ईरानी इफेक्ट कम करने की कोशिश  प्रियंका के अयोध्या दौरे को दो दिन स्थगित कर अचानक अमेठी व रायबरेली पहुंचने को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बढ़ते इफेक्ट से भी जोड़कर देखा जा रहा है। एडवोकेट हिमांशु सिंह कहते हैं कि भाजपा जिस तरह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उनके संसदीय क्षेत्र में ही घेरने के लिए ताकत लगाए हुए है, उसकी काट के लिए प्रियंका का सक्रिय होना बेहद जरूरी है। उधर, प्रियंका भी कार्यकर्ताओं को यह संदेश दे रही हैं कि इस बार देशभर में चुनाव प्रचार की व्यस्तता के कारण राहुल गांधी अपने क्षेत्र में अधिक समय न दे पाएंगे इसलिए प्रत्येक कार्यकर्ता को खुद को राहुल गांधी मानकर चुनाव में उतरना होगा।

मां समय नहीं दे पा रहीं, कार्यकर्ता संभालेें चुनाव  प्रियंका ने कहा कि मां सोनिया गांधी समय नहीं दे पा रही हैं इसलिए कार्यकर्ता खुद को उम्मीदवार समझकर चुनाव संभालें। अन्य क्षेत्रों में प्रचार की जिम्मेदारी मिलने के कारण वह स्वयं भी रायबरेली में अधिक समय नहीं दे पाएंगी। प्रियंका ने राहुल गांधी की तारीफों के पुल बांधे और भाजपा पर हमला बोला। कहा, कांग्रेस को किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। कांग्रेस सच्चाई की राह पर चलती है और चलती रहेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग माहौल बिगाड़ रहे हैं। राहुल ने किसानों की लड़ाई लड़ी है लेकिन, आज किसानों को पशुओं से खेत की रखवाली करनी पड़ रही है। किसान दोहरी मुसीबत झेल रहा है। प्रियंका ने दो दिन में दोनों संसदीय सीटों पर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के 400 से अधिक कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद किया।

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