News UpdateUttarakhand

चारधाम यात्रा के बाद अब विंटर टूरिज्म पर फोकसः सतपाल महाराज

देहरादून/नई दिल्ली। उत्तराखंड के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि चार धाम की यात्रा के बाद अब हमारा ध्यान प्रदेश में  विटंर टूरिज्म को प्रमोट करने पर है। हजारों लोग उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को देखने आते हैं इसलिए हम ऐसे डेस्टिनेशन को प्रचारित कर रहे हैं जो लोगों की आस्था से भी जुड़े हों। इसके साथ ही पर्यटक सर्दियों में उत्तराखंड की वादियों का लुत्फ भी उठा सकेंगे। सतपाल महाराज ने प्रगति मैदान में चल रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में शुक्रवार को ’उत्तराखंड डे’ का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर श्री महाराज ने कहा कि व्यापार मेले में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत की छटा देखने को मिल रही है। लोगों का उत्साह देखकर लग रहा है कि उत्तराखंड के उत्पाद लोगों को बहुत पसंद आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हथकरघा तथा हस्तशिल्प उत्पाद, बाल मिठाई, पहाड़ी दालें, मसाले तथा जड़ीकृबूटियां, शहद बैम्बू प्राकृतिक रेशा रामबॉस तथा भीमल से बने उत्पाद भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। कोविडकृ19 के पश्चात पहली बार आयोजित हो रहे भारतीय अंतराष्ट्रीय व्यापार मेले में राज्य दिवस के अवसर पर श्री महाराज ने बताया कि राज्य सरकार राज्य में निवेश को बढ़ावा देने तथा रोजगार सृजन के लिए कृत संकल्प है। राज्य में निवेश अनुकूल वातावरण तैयार कर अधिकाधिक निवेश आकर्षित करने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। एकल खिड़की व्यवस्था के अंतर्गत् उद्योगों को निर्धारित समय सीमा में सभी प्रकार की स्वीकृतियां तथा अनापत्तियां प्रदान किए जाने हेतु एकल खिड़की अधिनियम लागू किया गया है। ’इज आफ डुइंग’ बिजनेस कार्यक्रम में राज्य देश के अग्रणी औद्योगिकी राज्यों के साथ शीर्ष राज्यों में शामिल है। श्री महाराज ने कहा कि शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गंगा मैया के प्रवास मुखबा और यमुना मैया के लिए खरसाली गांव को विशेष रूप से सजाया जाता है।
श्री महाराज ने कहा कि एक ओर जहां बड़े निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य के युवाओं विशेषकर कोविड 19 से प्रभावित राज्य के प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा नैनो स्वरोजगार योजना लागू की गई है। हरित प्रदेश की अवधारणा को मूर्त रूप देने में सरकार सतत प्रयत्नशील है और मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना लागू की गई है। राज्य के समस्त जनपदों के पोटेंशियल को देखते हुए ’एक जनपद दो उत्पाद’ योजना लागू की गई है जिससे राज्य के विशिष्ट उत्पाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान स्थापित करने में सफल होंगे। पर्यटन के क्षेत्र में राज्य की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान है राज्य सरकार प्रसिद्व पर्यटन स्थलों के अतिरिक्त ’13 जनपद 13 डेस्टिनेशन’ के अंतर्गत तेजी से कार्य कर रही है। बुनियादी ढांचे के अंतर्गत राज्य में रेल लाइन, वायुसेवा तथा राजमार्गों के निर्माण के क्षेत्र तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस वर्ष मेले की थीम है आत्मनिर्भर भारत और राज्य सरकार इसी तर्ज पर आत्मनिर्भर उत्तराखंड की दिशा में सरकार निरंतर काम कर रही है। भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में प्रगति मैदान के हॉल नंबर 4 में उत्तराखंड पैवेलियन में इस वर्ष हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के तत्वाधान में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के कुल 34 स्टाल लगे हैं। इस वर्ष मेले का मुख्य आकर्षण उत्तराखंड के शिल्प आधारित सोवेनियर उत्पाद हैं, जिन्हें उत्तराखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा विस्तृत स्तर पर शोध एवं भ्रमण कर राज्य के परंपरागत विभागों में पर्यटन, हिमाद्री, हिलांस, बैम्बू बोर्ड, खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, ग्राम विकास एवं सिडकुल मुख्य रूप से प्रतिभाग कर रहे हैं।  इस अवसर पर मुख्य सचिव, उत्तराखंड शासन एस.एस संधू, महानिदेशक एवं आयुक्त उद्योग रोहित मीणा निदेशक उद्योग सुधीर चंद्र नौटियाल, उप निदेशक उद्योग शैली डबराल, उप निदेशक, राजेंद्र कुमार, मेलाधिकारी के.सी. चमोली, प्रदीप सिंह नेगी, गिरिश चंद्र आदि उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button