उत्तराखण्ड देवस्थानम बोर्ड भंग होने पर तीर्थ पुरोहितों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल से मुलाकात कर कांग्रेस पार्टी के सहयोग के लिए जताया आभारः- सुरेन्द्र कुमार
देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश चारधाम यात्र के तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड भंग होने पर हर्ष व्यक्त करते हुए चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूक धारी महापंचायत समिति के अध्यक्ष्ज्ञ कृष्णकान्त कोटियाल, मंत्री हरीश डिमरी तथा कोषाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण जुगडाण तथा कांग्रेस के संस्कृति संवर्द्धन प्रकोष्ठ के अध्यक्ष नरेशानन्द नौटियाल के नेतृत्व में कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मुलाकात कर तीर्थ पुरोहितों की लडाई में सहयोग के लिए कंाग्रेस पार्टी नेतृत्व एंव कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने उत्तराखण्ड देवस्थानम् बोर्ड को भंग किये जाने को देवभूमि के तीर्थ पुरोहितों की जीत तथा राज्य सरकार की हार बताते हुए तीर्थ पुरोहितों को मिष्ठान वितरित कर बधाई दी।
प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार व राज्य सरकारें विकास के हर मोर्चे पर विफल साबित हुई हैं। राज्य सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में जनता पर अपने हिटलर शाही फरमान थोपने का काम किया है। उन्होेंने कहा कि चाहे किसान विरोधी कानून हों या देवस्थानम श्राइन बोर्ड बनाने का निर्णय, भाजपा ने सत्ता के बल पर जनता पर थोपने का काम किया। उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहितों तथा किसानों को 2 साल तक सडकों पर धक्के खाने को मजबूर किया और अब भाजपा को आने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में अपनी आसन्न हार नजर आ रही है तो इन कानूनों को वापस लेकर जनता को गुमराह करने का काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार ने अपने सहयोगी औद्योगिक मित्रों को लाभ पहुंचाने की नीयत से पहले पेट्रोलियम पदार्थों के दाम आसमान पर पहुंचाने के बाद टैक्स माफी का ढोंग कर ऊंट के मुंह में जीरा डालने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी हो या अब देवभूमि उत्तराखण्ड के तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूकों पर डाका डालने वाला देवस्थानम बोर्ड को समाप्त करने का फैसला यह भाजपा सरकारों की नाकामी तथा जनता की जीत है।
प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूकों पर डाका डालने वाले देवस्थानम श्राइन बोर्ड के गठन के पहले दिन से ही सदन से लेकर सड़क तक इसका कडा विरोध करते हुए कहा था कि भाजपा सरकार का यह फैसला अव्यवहारिक है तथा इसी समाप्त किया जाना चाहिए परन्तु भाजपा सरकार अपने सत्ता के घमण्ड में इतनी चूर थी कि उसे आम जन की आवाज नहीं सुनाई दे रही थी। भाजपा सरकार ने गरीब तीर्थ पुरोहितों के पेट पर लात मारने का षडयंत्र कर मन्दिरों से होने वाली कमाई को हडपने का षडयंत्र रचा। गणेश गोदियाल ने कहा कि देवस्थानम श्राइन बोर्ड को भंग करने का फैसला सरकार की हार तथा तीर्थ पुरोहितों एवं आम जनता की आस्था की जीत है।