Uttarakhand
मीडिया का गैर जिम्मेदाराना रवैया
गैर जिम्मेदार मीडिया को कोरोना से हुई मौतों औऱ लाशों के भयंकर मंजर दिखाने को होड़ ने भारत मे मृतको की संख्या बढ़ा दी है। कोई बड़ी बात नही की शोक से मारने वालो की संख्या भी बढ़ जाये। सच्चाई दिखाना ठीक है, म्रत्यु भी एक सच्चाई है लेकिन इसका ऐसे प्रदर्शित किया जाना बिल्कुल उचित नही ठहराया जा सकता। एक विभत्स दृश्य को जितनी जोर जोर से चिल्ला चिल्लाकर चैनल को आगे बढ़ाया जा रहा है क्या ही अच्छा होता यदि यह ताकत दुखी और परेशान जनता को मदद मिलने के स्थान की जानकारी देने में लगाई जाती। सरकार और हॉस्पिटल को कोसने के स्थान पर उसकी व्यवश्था में सहायता और हौसला अफजाई में खर्च होती। लेकिन इन्हें अपने कर्तव्य की नही अपनी दुकान की चिंता है। रात रात जागकर चैनल की आय की बढोतरी की जा रही है। इन्हें शायद अपने परिवार, साथियो के छूट जाने के दर्द का एहसास नही वरना हॉस्पिटल के सामने कृन्दन को शांत करने में प्रशासन की सहायता तो कर सकते थे। मेरा नम्र निवेदन है कि ऐसे समाचार चैनल्स को देखना बंद कर दे कही ऐसा न हो कि कोई समाचार देखता ही रह जाय और ऊपरवाला अपना नाम भी लेने का मौका न दे।
हम भारतीय सीमा पर अपनी जान खुशी खुशी दे सकते है और दुश्मन की जान ले भी सकते है लेकिन यहाँ तो कोई दुश्मन नही। ऐसा मंजर देखने और सहन करने की क्षमता कहाँ से लाएंगे।
लेखकः- ललित मोहन शर्मा