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फिक्की फ्लो ने आयोजित किया आयुर्वेद और योग से तनाव कम करने और देखभाल पर वेबिनार
देहरादून। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में आयुष मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार और ट्राइकोन सोसाइटी के सहयोग से फिक्की फ्लो के उत्तराखंड चैप्टर ने आयुर्वेद और योग से तनाव कम करने और देखभाल पर एक वेबिनार का आयोजन किया। चैथी पीढ़ी के, अवॉर्ड विजेता आयुर्वेदिक डॉक्टर और योगा अलायंस, यूएसए के प्रमाणित 200-500 घंटे के योगा टीचर डॉ. योगी अमृत राज इसमें अतिथि प्रवक्ता थे।
इस वेबिनार मे स्वस्थ जीवन के लिए मन, शरीर और आत्मा की तीनो को कैसे स्वस्थ रखा जाए । इस विषय पर विशेषज्ञो द्वारा चर्चा की गयी आम जीवन में ऑफिस में कार्य करते समय किस प्रकार शरीर को रखा जाया, जिससे की लम्बे समय तक काम करने से कंधे पर पड़ने वाले जोर से कंधे का दर्द न बड़े और काम करने के लिए में सहूलियत भी रहे । इसके लिए बैठने की कोनसी मुद्राये योग की है जिनको अपना कर इस पीड़ा से छुटकारा पाया जा सकता है। साथ ही योग की कोन कोन सी विधाये है जिस से कि मानसिक तनाव प्रबंधन तथा मजबूत इच्छा शक्ति को बढ़ाया जा सके और साथ ही कोरोनोवायरस से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न जड़ी बूटियों के लाभों के ऊपर चर्चा की गयी । इस अवसर पर, उत्तराखंड चैप्टर के फिक्की फ्लो की अध्यक्षा श्रीमती किरण भट्ट टोरडिया ने कहा, ” भारत में हमारे लिए, प्रकृति का सम्मान आध्यात्मिकता का एक अभिन्न अंग है। हम प्रकृति को पवित्र मानते हैं। योग भारत का प्राचीन परंपरा का अनमोल उपहार है। योग मन और शरीर की एकता, विचार और क्रियाय संयम और पूर्णताय मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य और स्वास्थ्य और देखभाल के लिए समग्र दृष्टिकोण को नियंत्रित करता है। इसका मतलब व्यायाम करना नहीं, बल्कि खुद से, दुनिया और प्रकृति से एकाकार करना है। अपनी जीवनशैली बदलकर और चेतना पैदा करके, माहौल बदलने और खुद की बेहतर देखभाल करने में मदद मिल सकती है। आइए हम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने के लिए मिलकर काम करें।” डॉ. योग अमृत राज ने कहा, “मैं सभी को अच्छे और स्वस्थ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देता हूं। मैं सभी से स्वस्थ जीवन शैली अपनाने और मौसमी फल और सब्जियां खाने का आग्रह करता हूं। अपने दिन की शुरुआत जल्दी करें और प्राणायाम से दिन को तनाव मुक्त बनाएं। यह समय की मांग है कि हम स्वस्थ जीवन के लिए अपने तन और मन पर ध्यान केंद्रित करें।” उत्तराखंड आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. माधवी गोस्वामी कहा, आज भागदौड़ भरी जिंदगी में मनशांति संयम सहनशीलता व स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए योग एक सहज साधन है। योग आयुर्वेद का अभिन्न अंग है। ये शारीरिक मानसिक आत्मिक आध्यात्मिक बल प्रदान करता है । आज महिला सशक्तिकरण करने हेतु योग अपनाये. योग महिलाओ के शारीरिक बदलाव, मासिकधर्म समस्याओं, गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति इन सभी में उचित मार्गदर्शन के साथ बहुत ही लाभदायक है । कोविड -19 आपदा में प्राणायाम, अनुलोम विलोम कपालभांति व श्वसन तन्त्र से संबंधित योग प्रक्रिया करना अति आवश्यक है. इससे हम कोरोना महामारी की लड़ाई जरूर जितेंगे । वेबिनार में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया था। वैद्ध जैस्मीन सहगल ने इस वेबिनार की मध्यस्थ की। किरण भट्ट टोडरिया, अध्यक्षा फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर कोमल बत्रा, वरिष्ठ उपाध्यक्षा फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर डॉ. नेहा शर्मा, उपाध्यक्षा, फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर, तृप्ति बहल सचिव फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर, रूचि जैन कोषाध्यक्षा, फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर चारु चैहान संयुक्त कोषाध्यक्षा फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर और अन्य ने वेबिनार में भाग लिया।