देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 20 लाख करोड़ के पैकेज को लेकर आज कई एलान किए गए
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज के दूसरे किस्त को लेकर आज कई एलान किए गए। उन्होंने कृषि कर्ज पर इंटरेस्ट सब्वेंशन और प्रॉम्पट रिपेमेंट इंसेंटिव का लाभ अब 31 मई, 2020 तक देने की बात कही। वित्त मंत्री ने 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड होल्डर्स के लिए 25,000 करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी का एलान भी किया। वित्त मंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण योजना देश के गरीब लोगों के लिए था। वित्त मंत्री ने बताया कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए 14 करोड़ 62 लाख काम पैदा किए गए। इसमें 10000 करोड़ खर्च किए।
किसानों को दो लाख करोड़ की सुविधा वित्त मंत्री ने कहा कि दो लाख करोड़ की सुविधा किसानों के लिए होगी। इसमें ढाई करोड़ किसानों को रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि आदिवासी इलाकों के लोगों के लिए जॉब पैदा करने के लिए 6000 करोड़ का फंड बनाया जाएगा। नाबार्ड के जरिए किसानों के लिए 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल की फंडिंग की जाएगी। इस राशि को तत्काल जारी किया जाएगा। इससे करीब तीन करोड़ किसानों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है। यह योजना सीधे तौर पर ग्रामीण भारत एवं किसानों के फायदे के लिए है। वित्त मंत्री ने कहा कि हाउसिंग सेक्टर के लिए 70000 करोड़ का बढ़ावा देने वाली योजना लाएंगे। 6 लाख से 18 लाख तक आय वालों को इसका लाभ मिलेगा। 2.5 लाख मध्यम वर्ग के लोगों को फायदा होगा। मजदूरों को इसका लाभ मिलेगा। हाउसिंग क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है। वित्त मंत्री के मुताबिक, स्ट्रीट वेंडर्स के लिए 5,000 करोड़ रुपये की विशेष कर्ज सुविधा का प्रावधान सरकार ने किया है। सरकार रेहड़ी-पटरी वालों को लोन देने के लिए एक माह के भीतर विशेष योजना लाएगी। सीतारमण ने कहा कि इसके तहत 10,000 रुपये तक का लोन दिया जाएगा। इससे 50 लाख स्ट्रीट-वेंडर्स को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जाएगा।
एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड प्रवासी मजदूरों/ शहरी गरीबों के लिए किफायती रेंटल हाउसिंग कॉम्पलैक्स की व्यवस्था और सरकार PMAY के तहत प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों को कम किराये पर घर उपलब्ध कराने की योजना लागू की जाएगी। इसे पीपीपी मोड के जरिए लागू किया जाएगा। एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना से अगस्त, 2020 तक 23 राज्यों में 67 करोड़ लाभार्थियों को लाभ मिलने की उम्मीद है। प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के जरिए यह संभव होगा। इस योजना के तहत प्रवासी मजदूर देश के किसी भी कोने में जाकर किसी भी राशन दुकान से अपने हिस्सा का राशन किफायती दाम पर खरीद कर सकेंगे।वित्त मंत्री ने बताया कि 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों की खाद्यान्न की आवश्यकता के लिए 3500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्हें अगले दो महीने तक 5 किलो गेहूं या चावल और एक किलो दाल उपलब्ध कराई जाएगी। जिनके पास खाद्य सुरक्षा कार्ड नहीं है उन्हें भी चावल या गेहूं और एक किलो दाल अगले दो महीने तक उपलब्ध कराई जाएगी। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लेकर आ रहे है। वित्त मंत्री के मुताबिक कम से कम एक न्यूनतम वेतन गरीब से गरीब मजदूर को मिले, इसके लिए कदम उठाया जाएगा। नियुक्ति पत्र सभी मजदूरों को मिलेंगे। साल में एक बार स्वास्थ्य जांच होगी। जोखिम वाली जगहों पर काम करने वालों मजदूरों के लिए योजना बनेगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा योजना मजदूरों के लिए लाई जाएगी। रात्रि में काम करने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षा की व्यवस्था लाई जाएगी। सभी कर्मचारियों के लिए नियुक्ति पत्र का प्रावधान अनिवार्य किया जाना विचाराधीन है। इसके अलावा सभी कर्मचारियों की साल में एक बार हेल्थ चेकअप हो, इस पर काम चल रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि हम न्यूनतम वेतन सबके लिए लागू करना चाहते हैं, अभी यह केवल 30 फीसद कर्मचारियों के लिए लागू है। सीतारमण ने बताया कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए 14 करोड़ 62 लाख काम पैदा किए गए। ये काम 1 लाख 87 हजार ग्राम पंचायतों में हुए है। साथ ही दिहाड़ी को बढ़ाकर 202 रुपए किया गया है।
मनरेगा में पिछले साल के मुकाबले 40-50% रजिस्टर हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार न्यूनतम मजदूरी को यूनिवर्सल बनाना चाहते है। मनरेगा में पिछले साल मई के मुकाबले 40-50% अधिक लोगों ने खुद को रजिस्टर कराया है। वित्त मंत्री के मुताबिक 1.87 लाख ग्राम पंचायतों में कल तक 2.23 करोड़ लोगों को काम दिया गया है। सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड के तहत राज्यों को 11000 करोड़ रुपए दिए गए। वित्त मंत्री ने बताया कि 15 मार्च के बाद से 7200 स्वयं सहायता समूह बनाए। निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के बारे में विवरण देते हुए कहा कि तीन करोड़ सीमांत किसानों ने किफायती दरों पर चार लाख करोड़ रुपये का लोन प्राप्त किया है।
वित्त मंत्री के अनुसार मार्च में रूरल इंफ्रा फंड के तहत राज्यों को 4200 करोड़ रुपए दिये गए। मार्च, अप्रैल में 86600 करोड़ रुपए के 63 लाख कृषि लोन मंजूर किए। मार्च, 2020 में ग्रामीण इलाकों के बुनियादी ढांचे के लिए राज्यों को 4,209 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध करायी गई। एक मार्च, 2020 से 30 अप्रैल, 2020 के बीच कृषि के लिए 86,600 करोड़ रुपये का लोन दिया गया। 9 योजनाओं में से 2 योजना छोटे किसानों से संबंधित,3 अप्रवासी मजदूरों, उन्होंने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स के लिए भी योजना है। सीतारमण ने बताया कि लोन मोरेटोरियम का तीन करोड़ किसानों ने फायदा उठाया। किसान लोन इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम 31 मई तक बढ़ाई गई। दो महीने में 25 लाख नए क्रेडिट कार्ड जारी किए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को 20 लाख रुपये के आर्थिक पैकेज से जुड़ी अहम घोषणाएं की। इसमें उन्होंने MSME सेक्टर के लिए बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ रुपये के लोन की सुविधा, कोलेटरल फ्री लोन से 45 लाख MSME को फायदा, MSME को 4 साल के लिए लोन, सहित कई बड़े एलान किए। उन्होंने कहा कि 25 करोड़ तक लोन से 100 करोड़ टर्नओवर वालों को फायदा होगा। 3 लाख करोड़ में से 20 करोड़ NBFC के लिए MSMEs के लिए 50 हजार करोड़ का फंड ऑफ़ फंड्स बनेगा।
सीतारमण ने एमएसएमई के लिए ई-मार्केट लिंकेज पर जोर दिया, साथ ही TDS रेट में 25 फीसद की कटौती का भी एलान किया। ईपीएफ की बात करें तो 2500 करोड़ रुपए का निवेश होगा। EPF को लेकर पहले दी गई राहत जून, जुलाई और अगस्त में भी सरकार द्वारा दी जाएगी। ईपीएफ में सरकारी मदद से 72 लाख कर्मचारियों को फायदा होने की बात कही गई। ईपीएफ में निजी कंपनियों के अंशदान को 12 फीसद से घटाकर 10 फीसद किया गया। ईपीएफ में कटौती से इम्प्लॉयर्स को 6800 करोड़ का फायदा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में लॉकडाउन के कारण हुए अर्थव्यवस्था के नुकसान की भरपाई और देश को आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनके द्वारा घोषित पैकेज में पहले सरकार की ओर से दिये गए आर्थिक पैकेज और आरबीआई द्वारा दी गई राहत को मिला दिया जाए तो सरकार ने 2020 में 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है।
पीएम द्वारा घोषित इस आर्थिक पैकेज के अंतर्गत वित्त मंत्री ने बुधवार को कई सारे राहत उपायों की घोषणा की। वित्त मंत्री ने 31 मार्च 2021 तक सभी तरह के टीडीएस व टीसीएस की मौजूदा दर में 25 फीसद की कटौती की घोषणा की है। इस कदम से लोगों और व्यापारों को 50,000 करोड़ रुपये का लिक्विडिटी सपोर्ट मिलेगा। इसके अलावा आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा को भी बढ़ा दिया गया है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सभी आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख को बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया गया है। साथ ही टैक्स ऑडिट की तारीख भी बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2020 कर दी गई है। वित्त मंत्री ने बुधवार को ईपीएफ को सपोर्ट करने के लिए 2,500 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी देने की भी घोषणा की है। साथ ही अब जून, जुलाई और अगस्त महीने में भी कर्मचारी और नियोक्ता का ईपीएफ योगदान भारत सरकार द्वारा ही दिया जाएगा। साथ वित्त मंत्री ने कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के ही ईपीएफ योगदान को घटाकर 10-10 फीसद करने का फैसला लिया है। यह कटौती अगले तीन महीने तक रहेगी। इससे कर्मचारियों के हाथों में अधिक वेतन पहुंच पाएगा। साथ ही वित्त मंत्री ने एमएसएमई के लिए भी बुधवार को कई बड़ी घोषणाएं की थी।