मोदी सरकार ने फ्रांस से और 36 राफेल विमान खरीदने का किया फैसला
नई दिल्ली । पहले के सौदे को लेकर पैदा हुए विवाद को दरकिनार करते हुए मोदी सरकार ने फ्रांस से और 36 राफेल विमान खरीदने का फैसला किया है। मीडिया रिपोर्ट कहा गया है कि सरकार ने इस सौदे को अंतिम रूप दे दिया है।
अगले साल के शुरू में होगा नया ऑर्डर शनिवार को प्रकाशित इंडियन डिफेंस रिसर्च विंग की रिपोर्ट के मुताबिक अगले साल के शुरू में नया ऑर्डर जारी किया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की फ्रांस यात्रा के दौरान आठ अक्टूबर को इस संबंध में औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी।
राफेल विमानों की संख्या 72 हो जाएगी इस सौदे के बाद भारतीय वायुसेना के बेड़े में राफेल विमानों की संख्या 72 हो जाएगी। भारत सरकार पहले ही फ्रांस की दासौ एविशन कंपनी से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद रही है। दासौ ने इस सौदे के तहत भारत को हाल में पहला विमान भी सौंपा था। राफेल विमान के आने से वायुसेना की ताकत में बहुत ज्यादा इजाफा होगा। खासकर बालाकोट एयर स्ट्राइक को देखते हुए, जब भारतीय लड़ाकू विमानों को पाकिस्तान में बहुत अंदर तक जाना पड़ा था।
अमेरिका के विमानों में नहीं दिखाई दिलचस्पी सूत्रों ने बताया कि भारत के विशाल रक्षा बाजार को देखते हुए अमेरिका लॉकहीड मार्टिन से लड़ाकू विमान खरीदने के लिए दबाव बना रहा है। लेकिन बालाकोट के बाद विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान द्वारा एफ-16 विमान को मार गिराने के बाद उसकी छवि को बड़ा धक्का लगा है। हाल ये कि भारतीय वायुसेना ने इससे उन्नत एफ-21 विमान खरीद में भी दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। हालांकि, वायुसेना अमेरिकी कंपनी बोइंग से एफ-18 विमान खरीदने पर विचार कर रही है।
रूस से विमान खरीदने का फैसला दासौ एविएशन और बोइंग की तरफ से भारत के सामने कई लुभावने प्रस्ताव रखे हैं, जिनमें विमानों के लिए भारत में ही उत्पादन प्लांट लगाना शामिल है। इसके अलावा वायुसेना ने रूस से भी 21 मिग-29 और 18 सुखोई-30 एमकेआइ विमान खरीदने का फैसला किया है। इसके अलावा सुखोई बेड़े के 272 लड़ाकू विमानों को उन्नत भी कराने का निर्णय किया गया है।