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शिक्षण संस्थानों में नहीं थम रही रैगिंग, आदिवासी महिला डाक्टर ने दी जान,महिला आयोग ने मांगी रिपोर्ट
मुंबई। महाराष्ट्र के बीवाइएल नायर अस्पताल की एक रेजीडेंट आदिवासी डॉक्टर पायल सलमान तड़वी ने आत्महत्या कर ली है। इस बीच, महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने बीवाईएल नायर अस्पताल के डीन को नोटिस जारी कर पायल आत्महत्या मामले में की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट मांगी है। पायल ने तीन वरिष्ठ डॉक्टरों के हाथों उत्पीड़न का सामना करने के बाद 22 मई को आत्महत्या कर ली थी।
जानकारी के अनुसार, पायल अपने वरिष्ठ डॉक्टरों की प्रताड़ना से तंग थी। ये डॉक्टर उस पर जातिगत टिप्पणी कर अक्सर परेशान करते थे। तीनों आरोपित डॉक्टरों ने रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन को पत्र के माध्यम से कहा है कि ‘हम चाहते हैं कॉलेज इस मामले में निष्पक्ष जांच करें, हमारे पक्ष को सुने बिना ही पुलिस बल और मीडिया द्वारा दबाव बनाया जा रहा है।’ गौरतलब है कि महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स ने आरोपी डॉक्टर हेमा, आहूजा, डॉ.भक्ति महिरे और डॉ. अंकिता खंडेलवाल की सदस्यता निरस्त कर दी है। इन डॉक्टर्स पर डॉक्टर पायल तड़वी के शोषण और रैगिंग करने का आरोप है। नायर अस्पताल के टॉपिकल नेशनल मेडिकल कॉलेज में गायनोकोलॉजी एंड ऑब्स्टेट्रिक्स के सेकेंड ईयर में पढऩे वाली पायल की शादी 2016 में डॉक्टर सलमान से हुई थी। सलमान मुंबई के ही बालासाहेब ठाकरे मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। इस प्रताडऩा के बारे में वह बताते हैं, दिसबंर 2018 में एक शाम डिनर के बाद हम दोनों साथ थे और वो अचानक ही जोर-जोर से रोने लगी, कहने लगी कि अब उससे सहा नहीं जाता है। मैंने उसे कुछ दिन अस्पताल जाने नहीं दिया। घर पर रहकर वो ठीक हो गई थी। करीब एक सप्ताह बाद मैं उसके साथ हेड ऑफ डिपार्टमेंट से मिला। हमने उन्हें इस पूरे प्रकरण के बारे में बताया। मैंने उनसे कहा था कि मुझे मेरी बीवी हंसती खेलती चाहिए। उसका मानसिक संतुलन खराब नहीं होना चाहिए। इसके बाद उन्होंने पायल को एक कोर्स के लिए दूसरी यूनिट में भेज दिया। फरवरी 2019 तक वो ठीक थी। गौरतलब है कि 22 मई को डॉ. पायल तड़वी ने हॉस्टल में आत्महत्या कर ली थी। मामले की जांच जारी है, हालांकि अभी तक इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, अस्पताल प्रशासन ने डॉ. पायल की आत्महत्या मामले की जांच के लिए एंटी रैगिंग समिति का भी गठन किया है। अस्पताल के डीन डॉ. रमेश भरमाल ने बताया कि हमने इस मामले की जांच के लिए एक एंटी रैगिंग समिति का गठन किया है। हमने तीनों वरिष्ठ डॉक्टरों को नोटिस भेजकर प्रशासन के समक्ष पेश होने को भी कहा है। वे फिलहाल मुंबई में नहीं हैं। इस मामले में समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। रिपोर्ट के आधार पर ही उचित कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल तीनों डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है।