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भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने की स्वामी अग्निवेश की पिटाई, लगा आदिवासियों को भड़काने का आरोप

पाकुड़ (झारखंड) । अक्सर विवादों में रहने वाले स्वामी अग्निवेश की भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को झारखंड के पाकुड़ में पिटाई की। इस दौरान भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने स्वामी वापस जाओ के नारे भी लगाए। इसके बाद होटल मुस्कान के सामने मुख्य सड़क पर युवा मोर्चा के कार्यकर्ता धरना पर बैठ गए। अग्निवेश के दौरे का विरोध कर रहे भाजयुमो कार्यकर्ता अग्निवेश गो बैक के नारे लगा रहे थे। आरोप लगाया कि ये ईसाई मिशनरी के इशारे पर आदिवासियों को भड़काने आए हैं। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि स्वामी ईसाई मिशनरी व पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहे हैं।

जब स्वामी अग्निवेश को संत ने मारा थप्पड़
गौरतलब है कि इससे पहले मई, 2011 में गुजरात के अहमदाबाद में एक जनसभा के दौरान स्वामी अग्निवेश के साथ एक संत ने अभद्रता की। जनसभा के दौरान संत ने स्वामी अग्निवेश को थप्पड़ मारा। संत की पहचान महंत नित्यानंद दास के रूप में हुई थी। अमरनाथ मंदिर के बारे में अग्निवेश  द्वारा हाल ही में दिए गए बयान से संत नाराज था। उसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था।

अग्निवेश से इसलिए नाराज था संत
संत अमरनाथ मंदिर के बारे में अग्निवेश द्वारा दिए गए बयान से नाराज था। अग्निवेश ने अपने हाल के बयान में कहा था कि अमरनाथ शिवलिंग का निर्माण कृत्रिम बर्फ से किया गया है। इसके बाद संत ने अग्निवेश पर जूता चलाने वाले को 51,000 रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की थी। नित्यानंद नादिआद के पास एक मंदिर में महंत है। अग्निवेश सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ एक जनसभा में भाग लेने के लिए यहां आए थे। इस सभा में नित्यानंद भी पहुंचा था। अग्निवेश जैसे ही लोगों से मिलने के लिए आगे बढ़े महंत ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। इस दौरान अग्निवेश की पगड़ी भी नीचे गिर गई। नित्यानंद ने बाद में पत्रकारों को बताया कि वह अन्ना हजारे के अभियान का समर्थन करता है लेकिन वह अमरनाथ मंदिर के खिलाफ दिए गए अग्निवेश के बयान से नाराज है।

भोपाल में नवंबर, 2012 में इसी मामले में विहिप के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ धक्कामुक्की की थी।इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वामी की खिंचाई की थी।

स्वामी अग्निवेश के विवादित बोल
अक्सर विवादों में रहने वाले स्वामी अग्निवेश का कहना है कि मांस और शराब का सेवन करने की वजह से दुष्कर्म जैसी घटनाएं होती हैं, यदि इन्हें त्याग दिया जाए तो दुष्कर्म के मामले अपने आप कम हो जाएंगे। उनका मानना है कि दुष्कर्म की घटनाओं को सिर्फ कानून बना देने से कम नहीं किया जा सकता है। इससे यह यह अपराध कम होने वाला नहीं है। अग्निवेश का कहना है कि सभी प्रकार की हिंसा के लिए कहीं न कहीं शराब और मांस का सेवन ही जिम्मेदार है जिसकी तसदीक यूएन की रिपोर्ट भी करती है। अग्निवेश ने कहा कि कई अपराध और दुर्घटनाओं की जड़ में शराब होती है।

अपनी बातों को सही साबित करने के लिए उन्होंने सोलह दिसंबर में दिल्ली में चलती बस में हुए सामूहिक दुष्कर्म और पांच साल की बच्ची से हुए दुष्कर्म का भी उदाहरण दिया है। इन दोनों मामलों में आरोपियों ने शराब पी रखी थी। उनका कहना है कि शराब इंसान को अपराध करने के लिए उकसाने में कामयाब साबित होती है और वह व्यक्ति की नैतिकता को खत्म कर देती है। स्वामी अग्निवेश ने कहा कि लोगों के अंदर मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन करने की आदत बढ़ रही है, जिसे तत्काल रोका जाना जरूरी है।

जानें, कौन हैं स्वामी अग्निवेश 
स्वामी अग्निवेश का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। स्वामी अग्निवेश हरियाणा में मंत्री भी रहे हैं और उन्होंने मजदूरों पर लाठीचार्ज की एक घटना से दुखी होकर न केवल मंत्री पद छोड़ा, बल्कि चुनावी राजनीति को ही अलविदा कह दिया। अग्निवेश का जन्म 21 सितंबर, 1939 को छत्तीसगढ़ के सक्ति में हुआ। उन्होंने कोलकाता में कानून व बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद आर्य समाज में संन्यास ग्रहण किया। आर्य समाज का काम करते-करते 1968 में उन्होंने एक राजनीतिक पार्टी आर्य सभा बनाई। बाद में 1981 में उन्होंने दिल्ली में बंधुआ मुक्ति मोर्चा की स्थापना की।

इसके बाद वह सक्रिय चुनावी राजनीति में उतरे। स्वामी अग्निवेश ने हरियाणा से चुनाव लड़ा और मंत्री भी बने। बाद में मजदूरों पर लाठीचार्ज की एक घटना से वह काफी आहत हुए। बंधुआ मजदूरों के खिलाफ मुहिम चलाने वाले अग्निवेश मजदूरों पर लाठीचार्ज की यह घटना सहन नहीं कर सके। इसके बाद उन्होंने चुनावी राजनीति से ही संन्यास ले लिया।

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