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राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय

देहरादून। राज्य कैबिनेट ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में पटेल नगर स्थित पुराने कार्यालय भवन के स्थान पर डेवलपमेंट ऑफ बिजनेस होटल संचालन के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। पटेल नगर स्थित पुराने कार्यालय भवन के स्थान पर डेवलपमेंट ऑफ बिजनेस होटल संचालन किया जाना है। उक्त पी०पी०पी० योजना संचालन की अवधि 60 वर्ष निर्धारित की गयी तथा यदि सम्बन्धित फर्म द्वारा संतोषजनक संचालन किया जाता है, तो 30 वर्ष की अवधि को पुनः संशोधित शुल्क के अनुसार नवीनीकृत किया जा सकेगा। 60 वर्ष संचालन अवधि से कुल रू0 247.06 करोड़ की आय होगी, जबकि उक्त भवन में संचालित कार्यालय से वर्तमान तक कोई आय प्राप्त नहीं हुई है। उक्त योजना संचालन से रोजगार का सृजन भी प्राप्त होगा।
जॉर्ज एवरेस्ट इस्टेट मसूरी में ऐरोस्पोर्टस गतिविधियां संचालन के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया। जार्ज एवरेस्ट इस्टेट, मसूरी से ऐरो स्पोर्ट्स गतिविधियाँ संचालन पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में 01 वर्ष के लिये किया जा रहा है, जिसमें हिमालय दर्शन योजना संचालित की जा रही है। उक्त ऐरो स्पोर्ट्स गतिविधियों का नियमित संचालन किया जाना है अतः उक्त योजना में ऐरोस्पोर्ट गतिविधियां संचालन की अवधि 15 वर्ष तथा यदि सम्बन्धित फर्म द्वारा संतोषजनक संचालन किया जाता है. तो 15 वर्ष की अवधि को पूर्व में निर्धारित शर्तों एवं संशोधित वार्षिक शुल्क के अनुसार किये जाने की अनुमति प्रदान की गयी है। इससे ऐरोस्पोर्ट गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा तथा उक्त योजना से रू0 60.14 करोड़ की आय प्राप्त होगी। असाइनमेंट के कार्य के दायरे में हैलीपैड, बुनियादी ढांचे, भूमि, पाथवें, वुडन हट्स – 05 म्यूजियम 02, कैफे, पार्किंग, व्इेमतअंजवतल का संचालन और रख रखाव शामिल है। उक्त योजना के संचालन से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। तथा भूमि पर अतिक्रमण की सम्भावनायें समाप्त हो जायेंगी।
उत्तराखण्ड मोटरयान नियमावली, 2011 के नियम 229 (1) में संशोधन के संबंध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया। प्रदेश के अन्तर्गत यातायात दबाव एवं सड़क सुरक्षा सम्बन्धी संवेदनशीलता के दृष्टिगत दुपहिया वाहन आधारित प्रवर्तन दलों का गठन किया गया है, जिसमें वरिष्ठ प्रवर्तन पर्यवेक्षकों एवं प्रवर्तन सिपाहियों की तैनाती की गई है। सुगम एवं सुरक्षित यातायात को व्यवस्थित रूप से संचालित किये जाने हेतु दुपहिया वाहन सचल दल में वरिष्ठ प्रवर्त्तन पर्यवेक्षक को तैनात करते हुये उनके कर्तव्य निर्वहन को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड मोटरयान नियमावली, 2011 के अन्तर्गत निर्दिष्ट कुछ नियमों के उल्लंघन के लिये चालान करने की शक्ति प्रदान की गयी है।
विद्यालयी शिक्षा विभाग के कार्यालयोंध् विद्यालयों हेतु सृजित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के रिक्त पदों (मृत संवर्ग) को आउटसोर्स के पदों में परिवर्तित किए जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया। प्रस्ताव छठवे वेतन आयोग में समूह घ श्रेणी के पदों को समाप्त किए जाने की संस्कृति के क्रम में वित्त विभाग, उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश दिनांक 24.03.2011 द्वारा समस्त समूह ’घ’ श्रेणी के पदों को मृत संवर्ग में घोषित किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप समूह ’घ’ श्रेणी के कार्मिकों की सेवानिवृत पदोन्नति एवं अन्य कारणों से रिक्त हुए समूह बेणी के पदों के कारण विद्यालयोंध्कार्यालयों में कार्य संचालन में अत्यन्त कठिनाइयां उत्पन्न हो रही है। उक्त के निराकरण हेतु विद्यालयी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राज्य ध् मण्डल ध् जनपद ध् विकासखण्ड स्तर तक के कार्यालयों तथा राजकीय हाईस्कूल इण्टरमीडिएट कॉलेजों हेतु चतुर्थ श्रेणी स्वीकृत 7881 पदों के सापेक्ष वर्तमान में रिक्त 4331 पदों (वर्ग) में से 2364 पदों को आपदा में परिवर्तित करते हुए उक्त पदों पर कार्मिकों को आउटसोर्सिग के रूप में खुले बाजार में ऐजेन्सी के माध्यम से लिया जाना प्रस्तावित है।
प्रदेश में पंजीकृत अन्त्योदय राशन कार्डधारकों को वित्तीय वर्ष 2023-24 में तीन गैस सिलेन्डर रिफिल निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अन्तर्गत अन्त्योदय राशन कार्डधारकों को वित्तीय वर्ष 2022-23 में तीन गैस सिलेन्डर रिफिल निःशुल्क उपलब्ध कराये गए हैं। उक्त योजना को चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी निरन्तर रखा जायेगा। वर्तमान में राज्य में लगभग 1,81,684 अन्त्योदय राशन कार्डधारक है। वर्तमान दरों के अनुसार एक गैस सिलेन्डर रिफिल पर रु 1000.00 का व्यय अनुमानित है। इस प्रकार वर्ष में तीन गैस सिलेन्डर रिफिल पर लगभग 3000.00 का वार्षिक व्यय अनुमानित है। अन्त्योदय राशन कार्डधारकों को वर्ष में तीन गैस सिलैन्डर रिफिल निःशुल्क दिये जाने पर कुल वार्षिक अनुमानित व्यय 3,000×1,81,684 5450,52,000.00 (रूपये चैव्यन करोड पचास लाख बावन हजार मात्र) आना सम्भावित है, जिसे राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। उक्त लाभ हेतु लाभार्थी के पास अन्त्योदय राशन कार्ड होना अनिवार्य होगा। यह सुविधा जनपद के जिलापूर्ति अधिकारी के माध्यम से प्रदान की जायेगी जिलापूर्ति अधिकारी द्वारा क्षेत्र की सम्बन्धित गैस एजेन्सी को अन्त्योदय कार्डधारकों की सूची उपलब्ध करायी जायेगी। सम्बन्धित गैस एजेन्सी द्वारा अन्त्योदय कार्डधारकों को वर्ष में माह अप्रैल से जुलाई के मध्य प्रथम, माह अगस्त से नवम्बर के मध्य द्वितीय तथा माह दिसम्बर से मार्च के मध्य तृतीय निःशुल्क गैस सिलेन्डर रिफिल उपलब्ध कराया जायेगा। सम्बन्धित गैस एजेंसी द्वारा अन्त्योदय कार्डधारकों को निःशुल्क रिफिल गैस सिलेन्डर उपलब्ध कराने के उपरान्त गाह जुलाई, नवम्बर तथा मार्च के अन्त में बिल सम्बन्धित कार्डधारक के राशन कार्ड की स्वप्रमाणित छायाप्रति सहित जिलापूर्ति अधिकारी को उपलब्ध कराया जायेगा। जिलापूर्ति अधिकारी द्वारा नियमानुसार गैस एजेंसी को भुगतान किया जायेगा। जिलापूर्ति अधिकारियों को बजट की धनराशि आयुक्त, खाद्य, उत्तराखण्ड द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी।
उत्तराखण्ड भूसम्पदा नियामक प्राधिकरण के वार्षिक प्रतिवेदन, 2019-20 एवं 2020-21 को विधान सभा में सदन के पटल पर रखे जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया। भूसम्पदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 78 में प्रावधानित व्यवस्थाओं के अन्तर्गत उत्तराखण्ड भूसम्पदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) के वार्षिक प्रतिवेदन, 2019-20 एवं 2020-21 को विधान सभा में सदन के पटल पर रखे जाने हेतु आलोच्य वर्ष 2022-23 में उत्तराखण्ड भूसम्पदा नियामक प्राधिकरण की 25वीं बोर्ड बैठक में लिये गये निर्णय के क्रम में वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 की गतिविधियों, अन्य कार्यकलापों एवं उपलब्धियों के आधार पर तथा उक्त वार्षिक प्रतिवेदनों में प्राधिकरण के वित्तीय वर्षो के लेखा एवं प्रधान महालेखाकार (लेखा परीक्षा) से प्राप्त लेखा परीक्षा प्रतिवेदन भी सम्मिलत करते हुये उत्तराखण्ड भूसम्पदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा तैयार कराये गये वार्षिक प्रतिवेदनों को विधान सभा में सदन के पटल पर रखे जाने हेतु स्वीकृति का प्रस्ताव प्रस्तावित किया गया है। उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा-181 के अन्तर्गत अधिसूचित किये गये विनियमों को अधिनियम की धारा-182 के अन्तर्गत विधानसभा पटल पर प्रस्तुत किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया। केन्द्रीय विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 181 के अन्तर्गत उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित किये गये विनियमों को अधिनियम की धारा-182 के अन्तर्गत विधानसभा के पटल पर रखे जाने का प्राविधान है, जिसके अनुपालन में आयोग द्वारा दिनांक 01.02.2021 से दिनांक 20.08.2022 तक अधिसूचित किये गये विनियमों को आगामी विधानसभा सत्र में रखे जाने हेतु प्रस्ताव पर मंत्रिमण्डल द्वाराः अनुमोदन प्रदान किया गया है।उत्तराखण्ड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम की वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के वार्षिक लेखे ध् प्रतिवेदन (ठंसंदबम ैीममज) को विधान सभा के पटल पर रखे जाने के संबंध में। उत्तर प्रदेश जल सम्भरण, सीवर व्यवस्था अधिनियम, 1975 (उत्तराखण्ड में यथा प्रवृत्त) की धारा 50 (5) (क) के अन्तर्गत उत्तराखण्ड पेयजल निगम के वार्षिक लेखे राज्य सरकार को उपलब्ध कराये जाने तथा राज्य सरकार द्वारा वार्षिक लेखों को विधान सभा के पटल पर प्रस्तुत किये जाने का प्राविधान है। तद्क्रम में उत्तराखण्ड पेयजल निगम के वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के वार्षिक लेखे प्रतिवेदन को विधान सभा के पटल पर प्रस्तुत किये जाने हेतु मंत्रिमण्डल का अनुमोदन प्राप्त करने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया जिसे मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदित किया गया।
जनपद ऊधमसिंह नगर में ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के पूर्व वितरित पदों की संख्या बढ़ाये जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया। पंचायतीराज विभाग की संरचना में न्याय पंचायतों की अवस्थिति के आधार पर जनपदों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के पदों को वितरित किया गया है। जनपद ऊधमसिंहनगर में 376 ग्राम पंचायतें गठित है, तथा ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के स्वीकृत 27 पदों के सापेक्ष एक ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पास लगभग 14 ग्राम पंचायतें आवंटित होने के फलस्वरूप पदों की अतिन्यूनता को दृष्टिगत रखते हुये शासकीय ध् जनहित के कार्यों की गुणवत्ता एवं गतिशीलता बढ़ाने के उद्देश्य से अन्य जनपदों में विलुप्त हुयी न्याय पंचायतों की संख्या के आधार पर जनपद ऊधमसिंहनगर में 07 – अतिरिक्त पदों को स्थानांतरित किए जाने का प्रस्ताव है।
उत्तराखण्ड शासन (वित्त अनुभाग-06) विषय-राष्ट्रीय बचत निदेशालय को समाप्त करते हुए विभाग के कार्मिकों का समायोजनध्संविलयन करने तथा विभाग द्वारा सम्प्रति किये जा रहे कार्यों को जिलाधिकारी कार्यालय को हस्तांतरित करने एवं राज्य स्तर पर रामन्वय हेतु निदेशक कोषागार, पेंशन एवं लेखा – हकदारी को दायित्व प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया। भारत सरकार की राष्ट्रीय बचत योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय बचत विभाग के कार्मिकों की तैनाती तथा वेतन ध् भत्तों आदि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाता है, चूंकि वर्तमान में राष्ट्रीय बचत विभाग के अन्तर्गत तैनात कार्मिकों का कार्य केवल अभिकर्त्ताओं की नियुक्ति ध् नवीनीकरण तथा अल्प बचत योजना का प्रचार-प्रसार करना है। इसके लिए सभी जनपदों हेतु ढाँचे में पदों का सृजन किया गया है तथा कार्मिकों की तैनाती की गयी है। कार्य की कमी के कारण राष्ट्रीय बचत विभाग में उपलब्ध मानवीय संसाधन का पर्याप्त उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसके दृष्टिगत निम्नवत प्रस्तावित हैः- राष्ट्रीय बचत विभाग अंतर्गत जिला स्तर पर सम्प्रति किये जा रहे कार्यों को जिलाधिकारी कार्यालय को हस्तांतरित करते हुए जनपद स्तर पर राष्ट्रीय बचत विभाग को समाप्त करते हुए, विभाग में कार्यरत मिनिस्ट्रियल संवर्ग, आशुलिपिक संवर्ग, वाहन चालकों तथा अनुसेवक संवर्ग के कार्मिकों को सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी कार्यालय में समकक्ष (समान वेतनमान एवं ग्रेड पे) पदों एवं सांख्यिकीय संवर्ग के कार्मिकों को अर्थ एवं संख्या विभाग में समकक्ष (समान वेतनमान एवं ग्रेड पे) पदों को उत्तराखण्ड सरकार के अधिशिष्ट (सरप्लस) कर्मचारियों की समायोजन नियावली, 2011 में विद्यमान व्यवस्थानुसार समायोजित किया जाना प्रस्तावित है।उत्तराखण्ड सरकार के अधिशिष्ट कर्मचारियों की समायोजन नियमावली, 2011 प्रख्यापित की गयी, जिसमें प्राविधान किया गया कि उक्त नियमावली लोक सेवा आयोग के क्षेत्रान्तर्गत पदों के सिवाय अन्य पदों पर लागू होगी। उक्त नियमावली से सहायक निदेशक के 02 पद तथा एवं जिला बचत अधिकारी के 03 पदों का निम्नवत सारणीनुसार अंकित विभागों में समायोजन करने हेतु अनुमोदन प्राप्त किया जाना प्रस्तावित है।
आदत बाजार-गांधी रोड सड़क चैड़ीकरण (सहारनपुर चैक से तहसील चैक तक) हेतु वर्तमान स्थल से आढ़त कारोबारियों एवं अन्य प्रभावित दुकानदारों के विस्थापन हेतु रीवर फन्ट डवलपमेन्ट योजना के लिए ग्राम-ब्राह्मणवाला एम०डी०डी०ए० के प्रबन्धन में सौंपी गयी कुल चिन्हित 7.7493 है0 भूमि का मालिकाना हक स्वामित्व सःशुल्क अथवा निःशुल्क मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को हस्तान्तरित जाने के सम्बन्ध में। देहरादून शहर में आदत बाजार से रेलवे स्टेशन के मध्य विद्यमान सड़क की चैडाई मात्र 16 से 18 मीटर होने के कारण निरन्तर ट्रैफिक जाम की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए सहारनपुर चैक से तहसील चैक तक 24 मीटर चैड़ी सड़क किये जाने हेतु आदत बाजार स्थित आदत कारोबारियों एवं अन्य प्रभावित दुकानदारों को हरिद्वार बाईपास के समीप ग्राम ब्राह्मणवाला व निरंजनपुर स्थित आर०एफ०डी० परियोजना के लिए एम०डी०डी०ए० के प्रबन्धन में दी गयी 7.74930 भूमि पर विस्थापित किये जाने हेतु उक्त भूमि का मालिकाना हक ध् स्वामित्व मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को हस्तान्तरित किया जाना प्रस्तावित है।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संबंध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया। उत्तराखण्ड नैदानिक स्थापन (रजिस्ट्रीकरण और विनियमन) नियमावली. 2015 में नैदानिक स्थापनों के रजिस्ट्रेशन शुल्क का प्रावधान है। नैदानिक स्थापनों के रजिस्ट्रेशन शुल्क में वाहय रोगी उपचार डे केयर सेन्टर तथा अन्तः रोगी उपचार (पद चंजपमदज ब्ंतम) हेतु 0-50 शैय्या हेतु रजिस्ट्रेशन शुल्क न लिये जाने का निर्णय लिया गया है। अन्तः रोगी उपचार (पद चंजपमदज ब्ंतम) हेतु 51 से अधिक शैय्या हेतु रजिस्ट्रेशन शुल्क में लगभग 90 प्रतिशत तक की कमी की गयी है। नैदानिक स्थापन हेतु रजिस्ट्रेशन किया जाना अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन शुल्क में उक्तानुसार संशोधन किये जाने से नये चिकित्सालय खुलने व अधिक चिकित्सालयों का रजिस्ट्रेशन होने की संभावना है, जिससे आम जनमानस को लाभ प्राप्त होगा। मानसिक स्वास्थ्य देख-रेख अधिनियम, 2017 उत्तराखण्ड में यथावत् अंगीकृत किया गया है, के क्रियान्वयन हेतु राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में नामित चयनित विशेषज्ञों द्वारा तैयार किये गये राज्य मानसिक स्वास्थ्य देख-रेख नियमों, उत्तराखण्ड राज्य मानसिक स्वास्थ्य विनियम, मानसिक रोग से ग्रस्त व्यक्तियों के अधिकार, मानसिक स्वास्थ्य स्थापनों एवं नशा मुक्ति केन्द्रों की स्थापना एवं संचालन हेतु न्यूनतम मानक राज्य में प्रख्यापित किये जाने है। मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम-2017 की धारा-121 (2) के आलोक में उक्त प्रस्तावों पर भारत सरकार से पूर्वानुमोदन प्राप्त कर लिया गया है। अधिनियम के अध्याय-ट में उल्लिखित मानसिक रोग से ग्रस्त व्यक्तियों के अधिकारों को प्द ज्वजव स्वीकार किया गया है, में ऐसे व्यक्तियों की देख-रेख चिकित्सकीय सुविधा तथा पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने और ऐसे व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा, प्रचार और पूर्ति इत्यादि है। मानसिक स्वास्थ्य स्थापनों एवं नशा मुक्ति केन्द्रों के अनंतिम पंजीकरण हेतु रू० 2,000- तथा अन्तिम पंजीकरण हेतु रू० 20,000- निर्धारित करते हुये इन संस्थापनों ध् केन्द्रों के संचालन हेतु न्यूनतम मानक निर्धारित किये गये है, में मुख्य रूप से परिसर में रहने की परिस्थितियां स्वच्छता, भोजन, स्वीकृत बिस्तरों के अनुसार न्यूनतम आवश्यक स्टाफ अनुपात, भर्ती मरीजों के अधिकारों का संरक्षण, नैदानिक सुविधाएं, संचार और मनोरंजन, पुनर्वास केन्द्रों का निरीक्षण. दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार आदि के सम्बन्ध में मानकों का निर्धारण किया गया है, को राज्य में प्रख्यापित किया जाना है।
उत्तराखण्ड वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2023 के आयोजन के संबंध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया। राज्य में निवेश प्रोत्साहन तथा रोजगार सृजन के उद्देश्य से ‘उत्तराखण्ड वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2023’ माह दिसम्बर 2023 में आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। उत्तराखण्ड राज्य को एक आकर्षक वहनीय निवेश स्थान के रूप में स्थापित करने के लिये इस प्रकार का निवेशक सम्मेलन किया जाना लाभदायक सिद्ध होगा। मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में उच्च अधिकार प्राप्त समिति की बैठक दिनांक 30.05. 2023 में आयोजन के सुचारू एवं सफल क्रियान्वयन हेतु उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट, 2023 के समस्त कार्यों एवं सम्भावित व्यय भार रु0 67.40 करोड के संबंध में मंत्रिमण्डल द्वारा सहमति व्यक्त की गयी है। उत्तराखण्ड वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2023 का कर्टन रेजर कार्यक्रम माह जुलाई, 2023 को दिल्ली एवं हरिद्वार में होगा रोड-शो देश के प्रमुख शहरों, नई दिल्ली. अहमदाबाद, मुम्बई, चण्डीगढ़, चैन्नई, बैंगलोर में किया जायेगा। एमबेस्डर राउण्ड टेबल कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली में किया जायेगा। दुबई एवं सिंगापुर में भी रोड-शो आयोजित किया जायेगा। मुख्य आयोजन देहरादून में किया जायेगा।

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