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16 विधायकों और 6 पूर्व मंत्रियों ने एक स्वर में की केंद्रीय सुरक्षा बल की मांग, कहा-कमलनाथ सरकार और पुलिस पर उन्हें भरोसा नहीं रहा

भोपाल। बेंगलुर में मौजूद ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 16 विधायकों और छह पूर्व विधायकों ने एक स्वर में सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार और पुलिस पर उन्हें भरोसा नहीं रहा है। विधायकों ने रविवार को एक साथ वीडियो वायरल किए हैं। इनमें केंद्रीय सुरक्षा बल की सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार उन्हें अगवा करवा सकती है और परिजनों से गुमशुदगी की झूठी शिकायतें करा सकती है। इसलिए ऐसी शिकायतों को महत्व न दिया जाए। विधायक पिछले पांच दिन से बेंगलुर में रुके हुए हैं। शाम को इनमें से 16 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को फिर से अलग-अलग इस्तीफे भेज कर उन्हें मंजूर करने का आग्रह किया है। इसकी पुष्टि सिंधिया समर्थक भाजपा नेता पंकज चतुर्वेदी ने की है।

किस विधायक ने क्या कहा अनूपपुर के विधायक बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि स्वेच्छा से बेंगलुर आया हूं। मैं पहले भी आया था, लौटने पर भोपाल में असुरक्षित महसूस किया। इसलिए वापस आ गया। मुझे सीआरपीएफ की सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

पोहरी के विधायक सुरेश धाकड़ ने कहा कि मैंने इस्तीफा दे दिया है। विस अध्यक्ष से रूबरू होना चाहता हूं पर कमलनाथ सरकार पर भरोसा नहीं है। मेरा अपहरण हो सकता है, इसलिए मुझे रिजर्व पुलिस की सुरक्षा दी जाए। परिजन बहकावे में आकर गुमशुदगी की रिपोर्ट करें तो नहीं मानें।

बदनावर के विधायक राजव‌र्द्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा कि ‘मैं बेंगलुर निजी काम से आया हूं, स्वेच्छा से त्यागपत्र दिया है। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए सीआरपीएफ की सुरक्षा मांगी है। ऐसा लगता है कि अध्यक्ष तक पहुंचने से पहले बंधक बना लिया जाएगा।’

अशोक नगर के विधायक जजपाल सिंह जज्जी ने कहा कि जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने के कारण विधायकी से इस्तीफा दिया है। विस अध्यक्ष से बुलाया है। मप्र सरकार गिरफ्तार कर सकती है। राज्यपाल को सुरक्षा मुहैया कराने पत्र लिखा है।’

करैरा के विधायक जसमंत जाटव ने कहा कि विधायकी से इस्तीफा दिया है। विस अध्यक्ष के सामने हाजिर होना चाहता हूं पर सरकार पर भरोसा नहीं है, इसलिए सीआरपीएफ की सुरक्षा दिलाई जाए।’

ग्वालियर पूर्व के विधायक मुन्‍नालाल गोयल ने कहा कि इस्तीफे पर विस अध्यक्ष के सामने चर्चा के लिए तैयार हैं पर सुरक्षा को लेकर डर है। केंद्रीय पुलिस बल की सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाए।

मुरैना के विधायक के रघुराज सिंह कंषषाना ने कहा है कि ‘मैं बेंगलुर में स्वेच्छा से रह रहा हूं। किसी के दबाव में नहीं हूं। विधायकी से त्यागपत्र दिया है। सरकार से खतरा है। मेरे परिजन, रिश्तेदार मुझे लेकर शिकायत करते हैं तो मान्य न करें।’

सुवासरा के विधायक हरदीप सिंह डंग ने कहा कि ‘मर्जी से विधायकी से इस्तीफा दिया है। किसी का दबाव नहीं है। जब सिंधियाजी जैसे लीडर पर कुछ हो सकता है तो मन में कहीं न कहीं शंका है। राज्यपाल से सुरक्षा की मांग कर चुका हूं।’

मुंगावली के विधायक बृजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि ‘विधायकी से स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है। वापस भोपाल जाना चाहता हूं। सरकार पर भरोसा नहीं। राज्यपाल से केंद्रीय सुरक्षा बल की सुरक्षा मुहैया करवाने की मांग की है। परिजनों से शिकायत कराई जा सकती है। इसे महत्व न दिया जाए।’

दिमनी के विधायक गिर्राज डंडौतिया ने कहा कि विधायकी से इस्तीफा देकर मर्जी से बेंगलुर में रह रहा हूं। अब मप्र लौटना चाहता हूं पर सरकार पर भरोसा नहीं है। मुझे केंद्रीय सुरक्षा बल की सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

हाटपिपल्या के विधायक मनोज चौधरी ने कहा है कि स्वेच्छा से इस्तीफा दे चुका हूं। मप्र की स्थिति को देखते हुए सीआरपीएफ की सुरक्षा मांगी है। मैं किसी के बंधन में नहीं हूं। परिजनों पर दबाव डालकर शिकायत कराई जा सकती है। उसे मान्य न किया जाए।

सुमावली के विधायक एदल सिंह कंषषाना ने कहा कि ‘विस की सदस्यता से स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है। भोपाल जाना चाहता हूं। सरकार पर भरोसा नहीं है। सीआरपीएफ की सुरक्षा दी जाए।’

गोहद के विधायक रणवीर सिंह जाटव ने कहा कि ‘विस अध्यक्ष को विधायकी से इस्तीफा भेजा है। अब मुझे भोपाल जाना है, लेकिन सरकार पर भरोसा नहीं है। परिजनों, मित्रों से शिकायत कराई जा सकती है। मैं पूरी तरह सुरक्षित हूं। ऐसी शिकायत पर ध्यान न दें।’

अम्‍बाह के विधायक कमलेश जाटव ने कहा कि ‘विधायकी से इस्तीफा दे चुका हूं। बेंगलुर में बगैर किसी दबाव के रह रहा हूं। प्रदेश सरकार बंधक बना सकती है। सुरक्षा दिलवाई जाए।’

मेहगांव के विधायक ओपीएस भदौरिया ने कहा कि ‘विधानसभा से बगैर किसी दबाव के त्यागपत्र दिया है। सरकार मुझे झूठे मामले में फंसा सकती है। मैंने विस अध्यक्ष से केंद्रीय एजेंसी से सुरक्षा दिलवाने की मांग की है।’

भांडेर के विधायक और बर्खास्त मंत्री रक्षा संतराम सरोनिया ने कहा कि ‘इच्छा से इस्तीफा दिया है। कांग्रेस सरकार पर भरोसा नहीं है। विस अध्यक्ष और राज्यपाल से सीआरपीएफ की सुरक्षा दिलवाने की मांग की है।’

सांची के विधायक डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि ‘स्वेच्छा से इस्तीफा सौंप चुका हूं। डर है कि भोपाल जाता हूं तो सरकार मुझे पक़़ड भी सकती है। मैंने विस अध्यक्ष से सीआरपीएफ की सुरक्षा की मांग की है। मुझे आशंका है कि सरकार मेरे परिवार के किसी सदस्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सकती है।’

सुरखी के विधायक और बर्खास्त मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि ‘मैं खुद बेंगलुर आया हूं। मुझे कोई जबरिया नहीं लाया है। किसी तरह का बंधन नहीं है। मप्र जाऊं तो मुझे सुरक्षा मिले। मप्र की वर्तमान सरकार से मुझे खतरा है। परिजन बंधन में रखने की शिकायत करते हैं तो उसे अमान्य माना जाए।’

ग्वालियर के विधायक और बर्खास्त मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि ‘मैंने स्वेच्छा से विधायकी से त्यागपत्र दिया है। कॉपी विधानसभा अध्यक्ष तक पहुंच गई। उनका उपस्थित होने नोटिस आया है। हमने विस अध्यक्ष और राज्यपाल से अनुरोध किया है कि मप्र में कानूनी हालात ठीक नहीं, इसलिए सीआरपीएफ की सुरक्षा मुहैया कराई जाए।’

डबरा की विधायक और बर्खास्त मंत्री इमरती देवी ने कहा कि ‘बेंगलुर स्वेच्छा से आई हूं। किसी के दबाव में नहीं हूं। अब प्रदेश लौटना चाहती हूं। राज्यपाल से सुरक्षा का निवेदन किया है। बच्चों पर कोई दबाव न डाला जाए। स्वेच्छा से विधायकी से इस्तीफा दिया है।’

सांवेर के विधायक और पूर्व मंत्री तुलसी राम सिलावट ने कहा कि ‘बेंगलुर में मित्रों के साथ हूं। विस अध्यक्ष, राज्यपाल से मिलना चाहता हूं पर सरकार पर भरोसा नहीं है। वह झूठी शिकायत करवाकर मुझे रोक सकती है। केंद्रीय सुरक्षा बल से सुरक्षा दिलवाई जाए।’

बमोरी से विधायक और पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने कहा कि ‘मैं स्वेच्छा से यहां हूं। विधायकी से इस्तीफा दिया है। सरकार से डर होने के कारण यहां से प्रदेश नहीं लौट पा रहे हैं। परिवार को डराकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की जा रही है। परिजनों को इस बात के लिए अधिकृत नहीं कर रहा हूं। मप्र पुलिस पर भरोसा नहीं। सीआरपीएफ की मांग की है।’

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