पावरलूम मजदूरों ने कमिश्नरी पर धरना-प्रदर्शन
मेरठ-परतापुर औद्योगिक इलाके के पावरलूम कारखानों में मजदूरी बढ़ाने की मांग को लेकर सभी फैक्ट्रियों के मजदूर हड़ताल पर चले गए। सैकड़ों मजदूरों ने पहले कमिश्नरी पार्क में धरना दिया और फिर कमिश्नरी पर प्रदर्शन किया। मंडलायुक्त के नाम ज्ञापन देकर मजदूरों ने न्याय की मांग की।
छात्र नेता लव कसाना के नेतृत्व में परतापुर पावरलूम कारखानों के मजदूर कमिश्नरी पार्क में जुटे। इसके बाद सभी मजूदर नारेबाजी करते हुए छात्र नेता लव कसाना के नेतृत्व में कमिश्नरी पर पहुंचे। यहां पहले ही सुरक्षा कर्मियों ने गेट बंद कर दिया था। पीएसी मुस्तैद हो गई थी। रोके जाने पर मजदूरों ने कमिश्नरी गेट पर नारेबाजी करते हुए धरने शुरू कर दिया था।
मजदूरों का कहना था कि पावरलूम में मजदूरों को ईएसई और पीएफ कुछ नहीं मिल रहा। आरोप लगाया कि जबरदस्ती रात में 14 घंटे और दिन मे दस घंटे की ड्यूटी कराई जाती है। जबकि सरकारी नियमानुसार आठ घंटे की ड्यूटी लागू है। आरोप लगाया कि फैक्टरी मालिक जबरन गाली-गलौच कर मार-पिटाई तक कर देते है। फिर भी वह लोग कम करते रहते है। कहा कि पहले दो मशीनें चलवाई जाती थी, लेकिन अब चार मशीनें चलवाई जा रही है।
मजूदरों ने कहा कि उन्होंने मजदूरी बढ़ाने की मांग की तो फैक्ट्री मालिकों ने बाहर निकाल दिया। मांग की गई कि करीब पांच साल पहले मजदूरी चार रुपये मीटर थी, आज भी वहीं है। मजदूरी बढ़वाने और महंगाई को देखकर केसमेंट का रेट बढ़ाकर दस रुपये का रेट दिलाने की मांग की। साथ ही कहा कि सभी मजदूरों के मालिकों को बुलवाकर मजदूरी के संबंध में अधिकारी अपनी मौजूदगी में वार्ता कराए। इस दौरान तेज बहादुर और मोहित कसाना ने भी मजदूरों के समस्याओं के समाधान की हुंकार भरी।
मजदूरों ने यह उठाई मांगे
– ड्यूटी आठ घंटे की होनी चाहिए।
– कैशमेंट क्वालिटी का रेट दस रुपये मीटर हो।
– फंड-बोनस लागू होना चाहिए।
– मजदूरों को अन्याय और शोषण से बचाया जाए।
– पावरलूम फैक्ट्रियों और कंपनियों को लिमिटेड कराया जाए।
– कपड़े में सेंटीमीटर के हिसाब से भी पैसा दिलाया जाए।
– हर साल महंगाई के हिसाब से मजदूरी बढ़ाई जानी चाहिए।