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इमाम अख्तर हाथियों के लिए बसाना चाहते हैं गांव

बेटों को सम्पत्ति से बेदखल कर हाथियों ने नाम कर दी 5 करोड़ की सम्पत्ति

नैनीताल। जंगल के विशालकाय जीव हाथी से प्रेम करने वाला एक शख्स इन दिनों उत्तराखंड में चर्चा का विषय बना हुआ है। बिहार के रहने वाले इमाम अख्तर इन दिनों उत्तराखंड के रामनगर आए हुए हैं। इमाम अख्तर को हाथियों से इतना लगाव है कि उन्होंने अपनी 5 करोड़ रुपए की जायदाद से बेटों को बेदखल कर दिया और पूरी संपत्ति हाथियों के नाम लिख दी। बिहार की राजधानी पटना जिले के जानीपुर इलाके के निवासी इमाम अख्तर का हाथी-प्रेम उन्हें उत्तराखंड के रामनगर स्थित सांवल्दे तक खींच लाया है। यहां उन्होंने लीज पर जमीन लेकर 2 हाथी पाले हैं। यहां पर दिन-रात हाथियों की सेवा में उनका जीवन बीत रहा है। इमाम अख्तर हाथियों के लिए बड़ा काम करना चाहते हैं। इसलिए वे रामनगर आए हैं। यहां सांवल्दे में वह एक हाथी गांव बसाना चाहते हैं, जहां बुजुर्ग और बीमार या दिव्यांग हो चुके हाथियों को रहने की जगह मिल सके। इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार और चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को पत्र भी लिखा है।
इमाम अख्तर का कहना है कि आज जब इंसान एक-एक इंच जमीन के लिए संघर्ष कर रहा है, तो ऐसे में हाथियों के लिए अब जगह कम होती जा रही है। इसलिए वह राजस्थान, यूपी, बिहार, झारखंड जहां भी हाथियों के ऊपर संकट आता है, पहुंच जाते हैं। इमाम के सहयोगी चंदन कुमार बताते हैं कि हाथियों के संरक्षण के लिए उन्होंने ऐरावत नाम की संस्था भी बनाई है। ऐरावत संस्था के संचालक इमाम अख्तर ने बताया कि उनके पिताजी भी हाथी पाला करते थे। बचपन से इस जानवर के करीब रहते हुए उन्होंने हाथियों से लगाव हो गया। उन्होंने कहा कि अगर हाथियों का संरक्षण नहीं किया गया तो हमारी अगली पीढ़ी इस विशाल जानवर को किताबों में ही पढ़ा करेगी। इसलिए इमाम अख्तर ने हाथियों की मदद का यह बीड़ा उठाया है।

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