Uttarakhand
भारत में मौजूदा कोरोना वायरस के संकट का समाधान खोजने के लिए 6,000 सर्वश्रेष्ठ तकनीक दिमाग आए एक साथ
देहरादून। बहुप्रतीक्षित कोड-19 ऑनलाइन है काथॉन भारत और विदेश के 6,000 सर्वश्रेष्ठ और प्रतिभाशाली इनोवेटरों और डेवलपरों के साथ शुरू हो गया। ये इनोवेटर एवं डेवलपर अपने घर में ही रहकर भारत के समक्ष उत्पन्न कोरोना वायरस संकट के खिलाफ ओपन सोर्स समाधान तैयार करने के लिए एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। सिलिकॉन वैली स्थित मोटवानी जडेजा फैमिली फाउंडेशन द्वारा आयोजित 72 घंटे का कार्यक्रम 13 अप्रैल, 2020 को रात 9 बजे समाप्त होगा। विजेताओं के लिए कुल 34,000 अमरीकी डाॅलर की पुरस्कार राषि वाले पुरस्कार 21 अप्रैल, 2020 को घोषित किए जाएंगे। प्रतिभागियों में सबसे अधिक 533 प्रतिभागी बैंगलोर से हैं जबकि हैदराबाद से 374, चेन्नई से 293, दिल्ली से 283, कोलकाता से 208 और मुंबई से 226 प्रतिभागी हैं।
जानी-मानीे उद्यमी, निवेशक, समाजसेवी और परिवर्तन की दूत तथा मोटवानी जडेजा फैमिली फाउंडेशन कीे संस्थापक सुश्री आशा जडेजा मोटवानी ने कहा, ‘‘कोड-19 हैकरों, मेंटरों, डोमेन विशेषज्ञों और सामाजिक रूप से जागरूक नागरिकों का विचारवान समुदाय बनाने का प्रयास है ताकि कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूत किया जा सके। देश के कोने-कोने में मौजूद हजारों लोग, खासकर युवा इस हैकाथॉन को लेकर अत्यंत उत्साहित हैं। उनका उत्साह अभूतपूर्व है।” उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिभागियों में भारत के लिए कोविड-19 के खतरे को कम करने के लिए तकनीकी समाधान विकसित करने के लिए युद्ध-स्तर पर सहयोग करने की तीव्र इच्छा है। ये ओपन सोर्स विचार एवं नवाचार देश भर में स्केलिंग एवं कार्यान्वयन के लिए उपलब्ध होंगे ताकि समाज को महामारी और उसके बाद, विशेष रूप से समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को मदद मिल सके।’’ प्रतिभागियों की कुल संख्या में से, एक-चैथाई महिलाएं हैं। हैकाथॉन में युवाओं की भारी उपस्थिति है। लगभग 90 प्रतिषत प्रतिभागी 25 वर्ष से कम उम्र के हैं। लगभग 70 प्रतिशत प्रतिभागी 20-25 आयु वर्ग में आते हैं, जबकि 20 प्रतिषत प्रतिभागी 15-19 आयु वर्ग में हैं। विदेशों से भी 82 प्रतिभागी अपने समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं। इनमें अमेरिका से 30 प्रतिभागी शामिल हैं। बांग्लादेश से 16, जर्मनी से 4, संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र में से प्रत्येक से 3 और घाना, इंडोनेशिया, इटली, न्यूजीलैंड और पोलैंड में से प्रत्येक में से 2 प्रतिभागी इसमें हिस्सा ले रहे हैं। साथ ही कनाडा, चीन, कोलंबिया, फ्रांस, ग्वाटेमाला, ईरान, इजरायल, मलेशिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, तुर्की, ब्रिटेन, वियतनाम और जाम्बिया के प्रतिभागी भी भाग ले रहे हैं।
कोरोना वायरस संकट को पूरा करने से संबंधित छह विषयों में प्रतिभागियों ने 1,142 प्रभावशाली अभिनव विचार प्रस्तुत किए है। कोरोना वायरस के खुले नवाचार 481 हैं जबकि अन्य विषयों में सामाजिक जीवन, कल्याण और जागरूकता (246), हेल्थकेयर और दवा (172), शिक्षा और जागरूकता (92), अनुसंधान और विकास (104) और यात्रा / पर्यटन और उद्योग (47) भी षामिल हैं। 100 से अधिक मेंटर प्रतिभागियों को अपने उत्पाद विचारों को तेज करने और उन्हें सफल वास्तविक दुनिया के उत्पादों में बदलने में मदद कर रहे हैं जो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सहायता करेंगे। 12 अप्रैल, 2020 तक मेंटरों के लिए पंजीकरण खुले रहेंगे।
‘कोड-19 से जो परिणाम सामने आएंगे वे ओपन सोर्स प्रोटोटाइप होंगे जिनकी मदद से कोविड-19 के बाद या उसके दौरान भारत के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों का सामना किया जा सके। विजेता समाधानों के लिए 34,000 अमरीकी डाॅलर के पुरस्कार होंगे जिसमें प्रथम पुरस्कार के लिए 10,000 अमरीकी डाॅलर और द्वितीय पुरस्कार के लिए 5,000 अमरीकी डाॅलर शामिल हैं। तीसरे पुरस्कार को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक को 3,000 अमरीकी डाॅलर से पुरस्कृत किया जाएगा। इसके अलावा, 10 सर्वश्रेष्ठ नवीन समाधानों के लिए भी पुरस्कार दिए जाएंगे और प्रत्येक पुरस्कार 1,000 अमरीकी डाॅलर के होंगे।
विजेताओं का फैसला करने के लिए जजों का पैनल बनाया गया है जिनमें गौरव अग्रवाल, सह-संस्थापक 1mg.com मनीष अमीन, सह-संस्थापक, Yatra.com, प्रवीण नाहर, निदेशक, राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (अहमदाबाद); विशाल गोंडल, संस्थापक, GOQii, वैभव अग्रवाल, संस्थापक, Fabhotels.com, अमित रंजन, सह-संस्थापक, स्लाइडशेयर; और जितेन्द्र मिन्हास, सीईओ, आईएएमएआई स्टार्टअप फाउंडेशन शामिल हैं। कोड-19 को हैकर अर्थ, टीआईई मुंबई, आईएएमएआई स्टार्टअप फाउंडेशन, मुंबई एंजेल्स नेटवर्क, एसोसिएशन ऑफ डिजाइनर्स ऑफ इंडिया, स्टमगज और गर्लस्क्रिप्ट जैसे भागीदारों के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन में तीन प्रमुख शैक्षणिक संस्थान भागीदार हैं – नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (अहमदाबाद), आईआईटी, खड़गपुर और सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप – अशोका यूनिवर्सिटी।