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पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों के 20,000 माइक्रो उद्यमियों को खड़ा करनी की योजना पर किया जा रहा है काम  

-उद्योग मंत्री ने अधिकारियों से कहा पहाड़ों पर देखने हैं औद्योगिक आस्थान, बताएं कैसे मिलेगी राज्य के उत्पादों को पहचान

देहरादून। कोविड की दूसरी लहर के कमजोर पड़ते ही औद्योगिक विकास, एम0एस0एम0ई0 एवं खादी ग्रामोद्योग मंत्री गणेश जोशी ने विभागीय गतिविधियों को तेजी से स्टीमलाईन करने को मोर्चा संभाल लिया है। काबीना मंत्री ने मंगलवार को औद्योगिक विकास विभाग के सचिव एवं निदेशक के साथ विभागीय गतिविधियों की प्रगति समीक्षा की। इसके अलावा राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों उद्योग पहुंचाने, पर्वतीय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में माईक्रो स्तर के उद्यमियों को विकसित करने के अलावा राज्य में स्थापित औद्योगिक इकाईयों की समस्याओं के त्वरित तथा प्रभावी निस्तारण का मैकेनिज्म विकसित करने जैसे विषयों पर मंथन किया। काबीना मंत्री ने अधिकारियों को निर्देषित किया कि आगामी 10 दिनां के भीतर कार्ययोजना बना कर प्रस्तुत करें।
काबीना मंत्री के अपने न्यू कैंट रोड़ स्थित कैम्प कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में कोरोना काल को पीछे छोड़ कर राज्य की वर्तमान औद्योगिक इकाईयों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने एवं राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में क्लस्टर आधारित औद्योगिक आस्थानों को विकसित करने हेतु नई ऊर्जा और नए माइन्डसेट के साथ काम करने की रणनीति पर मंथन किया गया। उद्योग मंत्री द्वारा दी गई ऊर्जा से उत्साहित विभागीय अधिकारियों द्वारा अपनी ओर से की जा रही कार्यवाहियों की जानकारी दी तथा मंत्री द्वारा बताई गई प्राथमिकता के अनुसार आगामी 10 दिनों में कार्ययोजना तैयार करने की बात की।
उद्योग मंत्री द्वारा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देशित किया गया कि प्रत्येक जनपद के दो उत्पादों को एक ब्राण्ड के तौर पर मार्केटिंग करने पर तेजी से काम किया जाए। राज्य के उद्यमियों, कारीगरों द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग के लिए अपने आउटलेट खोलने, अन्य राज्यों में हमारे प्रोडक्टस के फुट प्रिंट बढ़ाने तथा स्थापित कम्पनियों से समन्वय करने जैसे विकल्पों पर तत्काल परिणामोत्पादक काम किया जाए। अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाईन वाणिज्यिक कम्पनियों के माध्यम से विगत छः माह में सात लाख से अधिक की बिक्री की जा चुकी है।
उद्योग मंत्री द्वारा सचिव को स्पष्ट निर्देश दिए कि वह पहाड़ों पर औद्योगिक गतिविधियां देखना चाहते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कच्चेमाल के आधार पर क्लस्टर आधारित छोटी-छोटी औद्योगिक इकाईयों को विकसित किया जा सकता है। इसलिए लक्ष्य निर्धारित कर पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीयता के आधार पर संबंधित औद्योगिक गतिविधियां प्रारम्भ करने पर कार्य किया जाए। विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि राज्य के समस्त 13 जनपदों में मौजूद इंडस्ट्रियल एरिया में आधारभूत सुविधाओं को विकसित कर लिया गया है तथा औद्योग स्थापित करने हेतु निजी निवेशकों को भू-खण्ड आवंटित किए जाने हेतु ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किए जा चुके हैं। मंत्री द्वारा अधिकारियों के निर्देशित किया गया कि विगत डेढ़ साल से जारी कोरोना काल के चलते औद्योगिक विकास स्कीम 2017 (आईडीएस 2017) के तहत उद्योगों को मिल रही विभिन्न छूटों की अवधि को और विस्तारित करने की मांग तत्काल प्रेषित की जाए। राज्य में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए तथा पूर्व से संचालित उद्योगों को विस्तार के अवसार प्रदान करने के दृष्टिगत सीडा के प्रावधानों के अनुसार डेवेलपमेंट चार्जेज निर्धारित किए जाने तथा अन्य आवश्यक नीतिगत सुधारों पर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश उद्योग मंत्री द्वारा अधिकारियों को दिए गए हैं। उद्योगों से सम्बन्धित समस्याओं के नियमसम्मत समाधान को गति देने एवं उद्योग फ्रैंडली माहौल तैयार करने के क्रम में उद्योग प्रतिनिधियों एवं सरकार के बीच द्धिपक्षीय वार्ताओं के चक्र होंगे। आवश्यकता पड़ी तो अन्य सम्बन्धित विभागों को भी इनमें आमंत्रित किया जाऐगा।

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