पूर्णानंद घाट में महिलाओं ने श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गणेश उत्सव
-गणेश पूजा को लेकर गंगा आरती में खुशी की लहर, पर्यावरण बचाने पर भी है पूरा जोर
-मिट्टी के हों मंगलमूर्ति पर्यावरण को बचाने मिट्टी की प्रतिमाओं का हो पूजन
-बच्चों ने गणेश की लीलाओं का किया मंचन
ऋषिकेश। ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट, पूर्णानंद घाट में विश्व प्रसिद्ध प्रथम महिला गंगा आरती में महिलाओं द्वारा आज श्री गणेश उत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया और गणपति बप्पा मोरिया के जयकारें से पूर्णानंद घाट गूँज उठा, देर शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
पंडित हरिओम शर्मा ज्ञानी जी ने कहा हम लोग मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं का निर्माण करते हैं तो यह काफी शुभ मानी जाती हैं लेकिन बाजार में यदि पीओपी की प्रतिमाएं आ जाती हैं तो पर्यावरण को नुकसान होता है। प्रतिमाओं के विसर्जन के बाद जल्दी ही वह पानी में नहीं घुलती जबकि मिट्टी की प्रतिमाएं कुछ देर में विसर्जित हो जाती हैं इसलिए वह प्रशासन से मांग करते हैं कि पीओपी की प्रतिमाओं पर प्रतिबंध लगाया जाए।
प्रस्तुति देने वालों बच्चों में संध्या राजपूत, काजल राजपूत, टीना दिवाकर और शिवानी राजपूत शामिल रहीं। मुख्य रूप से गंगा आरती में ट्रस्ट की सदस्य डॉक्टर ज्योति शर्मा आचार्य सुमित भट्ट, आचार्य मोहित बडौनी, आचार्य मनीष बडौनी, रीता, प्रमिला ने गंगा आरती की।