वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के बाद उनकी अरबपति बेटी बेटी ऐश्वर्या मनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष हुईं पेश
नई दिल्ली । कर्नाटक के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की मुश्किलें और बढ़ गई है। शिवकुमार के बाद उनकी अरबपति बेटी बेटी ऐश्वर्या गुरुवार को मनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुईं। ऐश्वर्या सुबह करीब 10.40 बजे ईडी के कार्यालय पहुंची। इस दौरान डीके शिवकुमार को भी गुरुवार को ईडी कार्यालय में लाया गया था। जानकारी के मुताबिक डीके शिवकुमार ने अपनी बेटी ऐश्वर्या के नाम से करोड़ों की संपत्तियों में निवेश किया है, जिसकों लेकर इडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था। 2018 के चुनावों में शिवकुमार ने अपने हलफनामे में अपनी बेटी के नाम पर 108 करोड़ रुपये की संपत्तियां घोषित की थीं, जबकि 2013 के हलफनामे में उन्होंने बेटी के नाम पर सिर्फ 1.1 करोड़ की संपत्ति ही दिखाई थी। यानी की पांच सालों के दौरान उनकी संपत्ति 100 करोड़ के पार पहुंच गई है।
पांच साल में 1 करोड़ से बढ़कर 100 करोड़ हुई संपत्ति शिवकुमार की बेटी ऐश्वर्या 22 साल की हैं और मैनेजमेंट ग्रेजुएट हैं। ऐश्वर्या, शिवकुमार द्वारा स्थापित एजुकेशनल ट्रस्ट में ट्रस्टी और प्रमुख व्यक्तिों में से एक हैं। यह ट्रस्ट कई इंजीनियरिंग और अन्य कॉलेजों का संचालन करता है। ऐश्वर्या 2017 में सिंगापुर में कॉफी डे और सोल स्पेस के बीच हुए सौदे का भी हिस्सा थीं। लिहाजा ईडी उनके नाम पर करोड़ों रुपये के निवेश के बारे में पूछताछ करना चाहती थी। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी जांच कर रहे हैं कि कैसे ऐश्वर्या की कुल संपत्ति 1 करोड़ से बढ़कर 100 करोड़ हो गई।
सिंगापुर दौरा जांच के घेरे में सूत्रों के अनुसार, शिवकुमार ने जुलाई 2017 में बिजनस डील के लिए अपनी बेटी के साथ सिंगापुर की यात्रा की थी। यह यात्रा अब जांच एजेंसी के स्कैनर में आ गई है। मालूम हो कि दो दिनों तक पूछताछ के बाद ईडी ने शिवकुमार को तीन सितंबर की शाम को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद दिल्ली की अदालत ने उन्हें 10 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था।
नोटबंदी के बाद से रेडार पर थे शिवकुमार बता दें कि डीके शिवकुमार 2016 में नोटबंदी के बाद से ही आयकर विभाग और ईडी के रेडार पर हैं। उनके नई दिल्ली स्थित फ्लैट पर दो अगस्त 2017 को आयकर विभाग की तलाशी के दौरान 8.59 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की गई थी। इसके बाद आयकर विभाग ने कांग्रेस नेता और उनके चार सहयोगियों के खिलाफ आयकर अधिनियम-1961 की धारा-277 और 278 के साथ ही भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-120 (बी), 193 और 199 के तहत मामले दर्ज किए।