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उर्जा के स्रोत का भंडार है -रक्त कदली:-डाॅ.रवि नंदन मिश्र

देहरादून। अक्सर मार्केट में आपने पीले और हरे केले बिकते हुए देखे होंगे. लेकिन क्या आपने कभी लाल केला खाया है?   केला एक ऐसा फल है जो दुनियाभर में पैदा होता है और उसी तरह से पसंद भी किया जाता है. हालांकि लाल केला भारत में इतना अधिक प्रचलित नहीं है लेकिन इसमें पोषक तत्वों की उच्च मात्रा पायी जाती है.यह केले की ही एक प्रजाति है। इस तरह के केले लाल या बैंगनी रंग के होते हैं। पीले केले (Cavendish banana) के मुकाबले लाल केला थोड़ा नरम और मीठा होता है। साथ ही यह आकार में छोटा होता है। केले की इस प्रजाति का उत्पादन पूर्वी अफ्रीका, एशिया, दक्षिण अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात में बहुतायत में किया जाता है। बात करें अगर भारत की, तो यहां केरल और महाराष्ट्र में इनका उत्पादन अधिक होता है। इसका वैज्ञानिक नाम मूसा एकुमिनाटा (Musa acuminata) है। इसे “रेड डक्का” नाम से भी जाना जाता है। संस्कृत भाषा में लाल केले को रक्त कदली नाम दिया गया है। लाल केला खाने में जितना स्वादिष्ट है, उतना ही स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
       बहुत ही कम लोगों को लाल केले के बारे में पता होगा. पीला केला तो हमारी सेहत के लिए अच्छा होता ही है लेकिन लाल केले के अपने अलग फायदे होते हैं. लाल केले का आकार पीले केले से छोटा होता है.
 यह हमारी आंखों के लिए काफी फायदेमंद होता है. जिन लोगों की आंखे कमजोर होती हैं या फिर जिनकी रोशनी कम है वह इसका सेवन कर सकते हैं. कैंसर को करें ठीक- इनमें भरपूर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है जिससे कैंसर और किडनी स्टोन की समस्या ठीक होती है।
*लाल केला खाने के फायदे:*
*1. स्टोन से बचाव करे*
किडनी के स्टोन से बचाव लाल केले में भरपूर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है जोकि किडनी में स्टोन को बनने से रोकता है. इसके अलावा ये दिल से जुड़ी बीमारियों और कैंसर से भी सुरक्षा देता है. इसके नियमित सेवन से हड्डियां भी मजबूत बनती हैं.
*2. वजन कम करे*
वजन कम करने में मददगार लाल केले में दूसरे फलों की तुलना में बहुत कम कैलोरी होती है. केला खाने के बाद पेट भरा-भरा महसूस होता है जिससे भूख कम लगती है. भूख कम लगने की वजह से इंसान समय-समय पर कुछ भी नहीं खाता, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है.
*3. खून की मात्रा बढाए*
शरीर में खून की मात्रा के लिए लाल केले में विटामिन और एंटी-ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है. ये हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाने का काम करता है. इसके अलावा इससे विटामिन बी6 की आपूर्ति भी हो जाती है. बी6 की कमी से ही एनिमिया होने का खतरा बढ़ जाता है.
*4.उर्जा का स्रोत*
 ऊर्जा का अच्छा माध्यम लाल केला खाने से तुरंत ताकत मिलती है. लाल केले में मौजूद नेचुरल शुगर, तुरंत ऊर्जा देने का काम करता है.
*5.दिल से सम्बंधित बीमारियों में*
दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए अगर आपको सीने में जलन की शिकायत है तो भी लाल केला खाना आपके लिए फायदेमंद होगा. इसके सेवन से दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है।
*6.ब्लड शुगर में लाल केले के फायदे*
केले की लगभग सभी प्रजातियों में पोटैशियम उच्च मात्रा में पाया जाता है और सोडियम कम होता है। लाल केले में इन दोनों तत्वों का ये सटीक मेल ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है।
*7.आंखों को स्वस्थ बनाने में लाल केले के फायदे*
सभी फलों और स लाल केले में साधारण पीले केले से अधिक कैरोटिनॉयड पाए जाते हैं, इसी कारण से केले का छिलका लाल रंग का होता है। ल्यूटिन और बीटा कैरोटीन लाल केले में पाए जाने वाले दो प्रमुख कैरोटीनॉयड हैं । ये आंखों की समस्याओं को दूर रखने में मदद कर सकते हैं।
*8.एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर लाल केले के लाभ*
इस संबंध में एनसीबीआई पर कई शोध उपलब्ध हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि केले में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है। एंटीऑक्सीडेंट को सेहत के लिए अच्छा माना गया है। यह शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के प्रभाव को कम करता है। साथ ही फ्री रेडिकल्स को खत्म करता है । ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और फ्री रेडिकल्स के कारण कैंसर, हृदय रोग, डायबिटीज व आंखों से जुड़ी बीमारी आदि हो सकती है।
*9.रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए लाल केला*
केले में विटामिन-बी6  प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक हो सकता है। विटामिन-बी6 एंटीबॉडीज और लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण कर सकती हैं। इससे चयापचय (भोजन से ऊर्जा बनने की क्रिया) में सहायता मिलती है। शरीर को रोगों से बचाने में मेटाबॉलिज्म की बड़ी भूमिका होती है। इसके अलावा, इसमें विटामिन-सी होता है, जिसे प्रभावकारी एंटीऑक्सीडेंट माना गया है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि केला संक्रामक रोगों से सुरक्षा प्रदान कर सकता है ।
*10.पाचन क्रिया को सुधारने में लाल केले के उपयोग*
लाल केला पाचन क्रिया को सुधारने में मदद कर सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, केल में रेसिस्टेंट स्टार्च होता है, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट पर असर डाल सकता है। इससे कब्ज जैसी समस्या दूर हो सकती है। ये शोध चूहों पर किया गया था। एक अन्य शोध के अनुसार, केला पचने में आसान होता है। इसलिए, दस्त लगने पर इसके सेवन की सलाह दी जाती है। केले का सेवन न सिर्फ पाचन को आसान बनाता है, बल्कि यह डायरिया की स्थिति में पोटैशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट की पूर्ति भी कर सकता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियाँ सामान्य मान्यताओं पर आधारित है,आप उपयोग करने से पहले डाॅक्टर  या विशेषज्ञ से सलाह जरुर ले लें।
*डाॅ.रवि नंदन मिश्र*
*असी.प्रोफेसर(वाणिज्य विभाग) एवं कार्यक्रम अधिकारी*
*राष्ट्रीय सेवा योजना*
( *पं.रा.प्र.चौ.पी.जी.काॅलेज,वाराणसी*) *सदस्य- 1.अखिल भारतीय ब्राम्हण एकता परिषद, वाराणसी,*
*2. भास्कर समिति,भोजपुर ,आरा*
*3.अखंड शाकद्वीपीय  एवं*
*4. उत्तरप्रदेशअध्यक्ष – वीर ब्राह्मण महासंगठन,हरियाणा*
*मोबाईल नंबर- 7766989511*
 *ह्वाटसाॅप नंबर- 8765254245*
*ईमेल – kumudravi90@gmail.com*

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