निजी जमीन के विवाद में फंसा सैन्यधाम का रास्ता
देहरादून। मसूरी रोड से लगे गुनियाल गांव में उत्तराखंड के पांचवें धाम के रूप में सैन्यधाम का निर्माण होना है। सैन्यधाम के रास्ते में निजी भूमि आ रही है। जिससे रास्ता बनाने में पेंच फंस गया है। डीएम सोनिका ने दावा किया है कि जिन लोगों की जमीन रास्ते में आ रही हैं उनसे वार्ता कर मामले का निस्तारण कर दिया है। वहीं, भूमि स्वामियों ने कहा है कि जब तक उनको रास्ते के बदले दूसरी जमीन नहीं दी जाएगी वह अपनी जमीन रास्ता बनाने के लिए नहीं देंगे।
गुनियाल गांव में 50 बीघा भूमि पर सैन्यधाम का निर्माण होना है। पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट की लागत 63 करोड़ रुपये है। सैन्यधाम के लिए प्रदेश के 1734 शहीद सैनिकों के आंगन से कलश में मिट्टी लाई गई है। सैन्यधाम के लिए जो जमीन चिन्हित है उसके आगे कई निजी लोगों की जमीनें आ रही हैं। इससे रास्ता नहीं बन पा रहा है। जिला प्रशासन की ओर से कुछ दिनों पूर्व रास्ते का निर्माण शुरू कराया गया था, भूमि स्वामियों ने विरोध करते हुए निर्माण कार्य रुकवा दिया था। इसके बाद रास्ते को लेकर पेंच फंसा है।
निजी भूमि स्वामी सीमा कनौजिया ने बताया कि उनकी जमीन से रास्ता बनाया जा रहा था। पहले उन्हें रास्ते में जाने वाली जमीन के बदले में दूसरी जमीन दी जाए। इसके बाद ही रास्ते का निर्माण कराया जाए। सीमा कनौजिया ने बताया कि रास्ते में अन्य कई लोगों की भूमि आ रही है। सभी लोग बदले में पहले जमीन आवंटन की मांग कर रहे हैं। जबकि डीएम सोनिका का दावा है कि रास्ते के निर्माण में जिन लोगों की निजी भूमि आ रही है उनसे वार्ता हो चुकी है। वह अपनी सहमति दे चुके हैं। जल्द रास्ते का निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।